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guru pushya yog 2022 दीपावली के दो माह पहले गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग - गुरु पुष्य अमृत योग

guru pushya yog 2022 ज्‍योतिष के 27 नक्षत्रों में से एक गुरु पुष्‍य नक्षत्र बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है.जब गुरु पुष्‍य नक्षत्र रविवार को या फिर गुरुवार को होता है तो यह सबसे शुभफलदायी माना गया है.

guru pushya yog 2022
Etv Bharatदीपावली के दो माह पहले गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग
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Published : Aug 24, 2022, 7:51 PM IST

रायपुर : साल 2022 में गुरु पुष्य 25 अगस्त गुरुवार के दिन 1500 साल बाद भाद्र कृष्ण पक्ष को मास शिवरात्रि के व्रत पर गुरु पुष्य अमृत योग का सुखद संयोग बन रहा है. इस दिन पांच- पांच महत्वपूर्ण ग्रह अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे. सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि सभी ग्रह स्व ग्रहीय होकर महत्वपूर्ण योगों का निर्माण कर रहे हैं. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, पर्युषण पर्व और गुरु पुष्य अमृत योग का सुखद सुप्रभाव स्पष्ट रूप से पड़ रहा है. इस दिन सूर्योदय के साथ ही शाम को 4:15 तक पुष्य नक्षत्र का स्पष्ट प्रभाव रहेगा. इसके उपरांत भी पुष्य नक्षत्र का ही प्रभाव और लाभ मिलता रहेगा.

दीपावली के दो माह पहले गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग
दीपावली से 2 माह पहले पुष्य नक्षत्र योग : ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन सोना चांदी जवाहरात जमीन भूमि भवन मकान, खेत, खलिहान और सभी तरह की भूमि को खरीदना क्रय-विक्रय करना बहुत ही शुभ माना गया है. आज के शुभ दिन नवीन उपकरण मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर एयर कंडीशनर सामान भी खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है. यह सुखद संयोग दीपावाली के 2 माह पूर्व बन रहा है. जो अपने आप में बहुत ही पवित्र माना गया है. पांच-पांच ग्रहों का एक साथ होना अपने आप में एक चमत्कारिक प्रभाव है."
गुरु पुष्य योग में कैसे करें पूजा : अभी चतुर्मास भी चल रहा है. इस शुभ महीने में भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करने की परंपरा है. इन दिनों में खरीदारी करना बेहद शुभ माना गया है. चतुर्मास में सिर्फ मांगलिक काम नहीं किए जाते. लेकिन निवेश, लेनदेन और नई शुरुआत के लिए इस महीने को शुभ माना जाता है. गुरु पुष्य नक्षत्र में पांच ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे. जो बेहद शुभ रहेगा. इनमें शनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा. क्योंकि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और देवता गुरु हैं. ग्रहों की ऐसी स्थिति पिछले कई सदियों में अब तक नहीं बनी.



अमृत सिद्धि योग : 25 अगस्‍त को गुरु पुष्‍य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अमृत सिद्धि योग भी है. मान्‍यता है कि इस शुभ योग में की गई कोई भी पूजापाठ, अनुष्‍ठान या फिर अन्‍य शुभ कार्य भविष्‍य में शुभ फल प्रदान करते हैं. इस दिन मां लक्ष्‍मी पूजा करने और भगवान विष्‍णु को पीले फूल और फल अर्पित करने से आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्‍न होते हैं.

चंद्रमा रहेंगे अपनी राशि में : इस दिन चंद्रमा का स्‍वराशि कर्क में रहना भी बहुत अच्‍छा माना जा रहा है. चंद्रमा का संबंध भी मां लक्ष्‍मी से होता है और उन्‍हें मां लक्ष्‍मी का भाई कहा जाता है. चंद्रमा का अपनी राशि में होना धन समृद्धि की दृष्टि से शुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है.

रायपुर : साल 2022 में गुरु पुष्य 25 अगस्त गुरुवार के दिन 1500 साल बाद भाद्र कृष्ण पक्ष को मास शिवरात्रि के व्रत पर गुरु पुष्य अमृत योग का सुखद संयोग बन रहा है. इस दिन पांच- पांच महत्वपूर्ण ग्रह अपनी राशियों में विराजमान रहेंगे. सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि सभी ग्रह स्व ग्रहीय होकर महत्वपूर्ण योगों का निर्माण कर रहे हैं. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, पर्युषण पर्व और गुरु पुष्य अमृत योग का सुखद सुप्रभाव स्पष्ट रूप से पड़ रहा है. इस दिन सूर्योदय के साथ ही शाम को 4:15 तक पुष्य नक्षत्र का स्पष्ट प्रभाव रहेगा. इसके उपरांत भी पुष्य नक्षत्र का ही प्रभाव और लाभ मिलता रहेगा.

दीपावली के दो माह पहले गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग
दीपावली से 2 माह पहले पुष्य नक्षत्र योग : ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन सोना चांदी जवाहरात जमीन भूमि भवन मकान, खेत, खलिहान और सभी तरह की भूमि को खरीदना क्रय-विक्रय करना बहुत ही शुभ माना गया है. आज के शुभ दिन नवीन उपकरण मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर एयर कंडीशनर सामान भी खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है. यह सुखद संयोग दीपावाली के 2 माह पूर्व बन रहा है. जो अपने आप में बहुत ही पवित्र माना गया है. पांच-पांच ग्रहों का एक साथ होना अपने आप में एक चमत्कारिक प्रभाव है."
गुरु पुष्य योग में कैसे करें पूजा : अभी चतुर्मास भी चल रहा है. इस शुभ महीने में भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करने की परंपरा है. इन दिनों में खरीदारी करना बेहद शुभ माना गया है. चतुर्मास में सिर्फ मांगलिक काम नहीं किए जाते. लेकिन निवेश, लेनदेन और नई शुरुआत के लिए इस महीने को शुभ माना जाता है. गुरु पुष्य नक्षत्र में पांच ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे. जो बेहद शुभ रहेगा. इनमें शनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल और बढ़ जाएगा. क्योंकि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और देवता गुरु हैं. ग्रहों की ऐसी स्थिति पिछले कई सदियों में अब तक नहीं बनी.



अमृत सिद्धि योग : 25 अगस्‍त को गुरु पुष्‍य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही अमृत सिद्धि योग भी है. मान्‍यता है कि इस शुभ योग में की गई कोई भी पूजापाठ, अनुष्‍ठान या फिर अन्‍य शुभ कार्य भविष्‍य में शुभ फल प्रदान करते हैं. इस दिन मां लक्ष्‍मी पूजा करने और भगवान विष्‍णु को पीले फूल और फल अर्पित करने से आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के संपन्‍न होते हैं.

चंद्रमा रहेंगे अपनी राशि में : इस दिन चंद्रमा का स्‍वराशि कर्क में रहना भी बहुत अच्‍छा माना जा रहा है. चंद्रमा का संबंध भी मां लक्ष्‍मी से होता है और उन्‍हें मां लक्ष्‍मी का भाई कहा जाता है. चंद्रमा का अपनी राशि में होना धन समृद्धि की दृष्टि से शुभ प्रभाव देने वाला माना जाता है.

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