रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज तनाम धर्म के प्रवर्तक गुरु घासीदास की जयंती मनाई जाी रही है. गुरु घासीदास का जीवन और सतनाम उपदेश का प्रचार प्रसार करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 10 जनवरी 2016 को गुरु घासीदास शोध पीठ की स्थापना की घोषणा की थी. इस बाद 7 सितंबर 2017 की इसकी स्थापना की गई. लेकिन रविशंकर विश्वविद्यालय में स्थापित गुरु घासीदास शोध पीठ में पिछले 2 साल से ताला लटका हुआ है.
गुरु घासीदास शोध पीठ के प्रथम अध्यक्ष जेआर सोनी ने बताया बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान विभिन्न प्रकार की संगोष्ठी आयोजित की जाती थी. संत गुरु घासीदास के अमृतवाणी को देश-विदेश में प्रचार करने का काम किया जा रहा था. जब से प्रदेश में सरकार बदली है तब से यह शोध पीठ बंद पड़ा है. गुरु घासीदास पर जो शोधकार्य हो रहा था वह भी बंद पड़ा है. इससे छात्रों को भी नुकसान हो रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि गुरु घासीदास पीठ की स्थापना की जाए. इससे जो कार्य बंद पड़े हैं, वो शुरू हो सकेंगे.
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रमन सरकार ने महापुरुषों को दिया सम्मान: सच्चिदानंद उपासने
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि रमन सिंह की सरकार छत्तीसगढ़ के महापुरुषों को सम्मान देने का काम किया है. छत्तीसगढ़ के संत गुरु घासीदास के उपदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए और शोध कार्य के लिए गुरु घासीदास शोध पीठ की शुरुआत की गई थी.
सरकार गुरु घासीदास के बताए हुए मार्ग पर नहीं चल रही: सच्चिदानंद उपासने
उपासने ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शोध पीठ में सभी तरह से कार्य चल रहा था. कांग्रेस पार्टी की सरकार आने के बाद 2 साल से यहां ताला लटका हुआ है. ये सरकार गुरु घासीदास के बताए हुए मार्ग पर नहीं चल रही है. उनके आदर्शों पर विश्वास नहीं करती है. छत्तीसगढ़ के महापुरुषों की अनदेखी कर रही है. छत्तीसगढ़िया के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस की सरकार अनदेखी करते हुए पूज्य गुरु घासीदास शोध पीठ बंद कर दिया गया.
प्रबंधन ने नहीं दिया कोई जवाब
एक तरफ जहां सरकार गुरु घासीदास की जयंती में तमाम आयोजनों में भाग ले रही है, लेकिन पिछले 2 साल से बंद पड़े गुरु घासीदास शोध पीठ की सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस पर जब ETV भारत की टीम ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन प्रबंधन ने किसी प्रकार से कोई जवाब नहीं दिया है.