रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नगर पंचायत गौरेला और नगर पंचायत पेन्ड्रा को नगर पालिका का दर्जा देने की घोषणा को लेकर तकरार के हालात बन रहे हैं. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मुख्य सचिव आरपी मंडल को ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में परिवर्तित करने के सम्बंध में वैधानिक स्थिति को लेकर तलब किया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अधिसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तित करने के विषय में 29 सितंबर को समीक्षा बैठक बुलाई है.
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राज्यपाल छत्तीसगढ़ के कई मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रही है. मरवाही को नगर पंचायत बनाने पर राज्यपाल की रोक के दूसरे ही दिन राज्य सरकार ने गौरेला और पेंड्रा को नगर पालिका का दर्जा दे दिया है. राज्यपाल की रोक और सरकार की घोषणा के बाद एक बार फिर टकराव के आसार तेज हो गए हैं. राज्यपाल ने नगर पंचायत बनाने की समीक्षा के लिए 29 सितंबर को आला अधिकारियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को नगर पंचायत गौरेला और नगर पंचायत पेंड्रा को नगर पालिका का दर्जा देने की घोषणा की थी, राज्यपाल ने मुख्य सचिव से ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में परिवर्तित करने के संबंध में वैधानिक स्थिति को लेकर तलब किया है.
कई मुद्दों पर सामने आ चुकी हैं राज्यपाल
छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका नहीं है जब राजभवन और सरकार के बीच टकराव के आसर नजर आ रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में कई मुद्दों पर सरकार और राजभवन आमने-सामने हो चुके हैं. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पदभार संभालने के बाद गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत को लेकर सुपेबेड़ा के दौरे पर जाने का फैसला किया. उस समय राज्यपाल को सरकार से हेलीकॉप्टर नहीं मिल रहा था, जिसके बाद राज्यपाल ने सड़क मार्ग से जाने की घोषणा की थी. हालांकि बाद में सरकार ने हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव उनके साथ सुपेबेड़ा गए. पानी की गुणवत्ता को सुधारने और सरकारी अस्पताल को मजबूत करने का निर्णय लिया गया. इसके बाद प्रदेश में कुलपति के चयन और अधिकार को लेकर राज्यपाल ने आपत्ति दर्ज कराई.