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हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों की कौन लेगा सुध ? - Government Hindi Medium School bad shape in Raipur

छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल के तहत अपग्रेड किया गया.लेकिन हिंदी मीडियम स्कूलों की सुध लेने की चिंता किसी को भी नही (Government Hindi Medium School bad shape in Raipur) है.

Government Hindi Medium School bad shape in Raipur
हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों की कौन लेगा सुध
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Published : Jun 23, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Jun 23, 2022, 10:44 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में इन दिनों सरकारी स्कूलों के दो अलग अलग तस्वीरे देखी जा सकती है, एक तरफ जहां स्वामी आत्मानंद सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल (Swami Atmanand Government English Medium School) हैं. जिसमें सारी बेहतर सुविधाएं, नई बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर ,लैब, लाइब्रेरी देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर अन्य सरकारी स्कूल है, जहां जर्जर भवन, टूटी खिड़की दरवाजे, उखड़ रहे प्लास्टर और बदरंग फर्नीचर नजर आ रहे हैं

हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों की कौन लेगा सुध

कितने अंग्रेजी मीडियम स्कूल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों के 2 तरह के स्वरूप देखने को मिल रहे है.छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के 172 से अधिक सरकारी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के रूप में डेवेलप किया है. इन स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसके साथ ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बिल्डिंग के साथ ही सभी क्लासरूम शानदार हैं .अच्छे फर्नीचर लैब लाइब्रेरी स्पॉट सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, वहीं दूसरी ओर कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं .जहां की स्थिति बेहद खराब है.

सरकारी स्कूल रो रहे रोना : ईटीवी भारत ने शहर के 2 बड़े सरकारी स्कूलों का जायजा लिया. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम शांति नगर स्थिर शासकीय पीजी उमाठे कन्या शाला (Government PG Umathe Girls School Raipur) पहुंची, वहां हमने पाया कि स्कूल का भवन पुराना हो चुका है. दीवारें इस कदर जर्जर हो गई हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. क्लासरूम की दीवारों के प्लास्टर उखाड़ रहे हैं. खिड़की दरवाजे टूटे है , वही हाल ही में इन स्कूल में जोरों शोरों से शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. लेकिन आलम ये है कि यहां पेंटिंग का भी काम नही हो पाया.

स्कूल का बोर भी सूखा : हर साल स्कूल में पेयजल की आपूर्ति स्कूल में लगे बोरवेल से हो जाया करती थी. लेकिन इस साल बोर सूखने की वजह से स्कूल में काफी दिक्कतें हो रही हैं. पानी की आपूर्ति के लिए नगर निगम की ओर से रोजाना पानी का टैंकर मंगवाया जा रहा है.

जर्जर विद्यालय की सुध कौन लेगा : पीजी उमाठे शासकीय गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका दीक्षा साहू ने बताया" लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद था. इस वजह से हमारा विद्यालय थोड़ा जर्जर हुआ है, आगे इसका मरम्मत कार्य करवाया जाएगा, स्कूल की ओर से ध्यान रखा जाता है कि किसी भी बच्चे को या टीचर्स को भवन जर्जर होने की वजह से कोई परेशानी ना हो. इस बात को ध्यान में रखा जाता है, जल्दी ही इसके मरम्मत कार्य भी शुरू हो जाएंगे"

अंग्रेजों के जमाने का स्कूल भी खस्ताहाल : ईटीवी भारत की टीम इसके बाद जेएन पांडे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (JN Pandey Government Higher Secondary School) पहुंचे वहां हमने पाया कि स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी पुराना है. स्कूल में साफ सफाई का अभाव है. क्लास रूम में कई ऐसे बेंच रखे हुए हैं जो बरसों पुराने हैं. जिसमें सालों से रंग रोगन का कार्य नहीं किया गया है. जिसके कारण विद्यार्थियों को भी असुविधाएं होती हैं. विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई अच्छे से होती है. लेकिन अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर नही मिलने के कारण दिक्कतें होती है.

सुविधाओं की कमी : जे एन पांडे गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बताया " स्कूल में शिक्षकों द्वारा पढ़ाई अच्छे से कराई जाती है लेकिन स्कूल में जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही, क्लासरूम में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं होती, इसके साथ ही सालों से बेंच को रंग नही करवाया गया है, क्लास रूम में ऐसे ब्लैक बोर्ड हो गए हैं कि अच्छे से दिखाई भी नहीं देते, हम सरकार से यह चाहते हैं कि जिस तरह से सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल में सुविधाएं दे रही हैं. हमारी भी स्कूल में इस तरह की सुविधाएं दी जाएं ताकि हम और अच्छे पढ़ाई कर पाए

स्कूल में सुधार की हो रही बात : जेएन पांडे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य एमआर सावंत ने बताया " हमारी स्कूल में फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी लैब मौजूद हैं उन्हें और सुधार कार्य करने की योजनाएं हैं, हमारे उच्च अधिकारियों ने बताया है कि इन सभी कार्य के लिए राशि जारी हो गई है और जल्द ही वह कार्य प्रारंभ होगा. इसके साथ ही हम बच्चों के पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं. बच्चों के लगातार विकास के लिए टेस्ट एग्जाम और उनकी पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल में साधनों की कमी के सवाल पर एम आर सावंत ने बताया " धीरे-धीरे स्कूलों में साधन होगा जितनी हमारी कोशिश है, शासन द्वारा भी कार्यों के लिए राशि स्वीकृति की गई है. आने वाले कल में बहुत जल्द हमारे लैब हमारी क्लासेस ठीक हो जाएगी.

क्या कहना है अधिकारियों का : जिला शिक्षा अधिकारी ए एन बंजारा का कहना है "सभी स्कूलों को मेंटेनेंस के लिए राशि दी गई है, इस बार हमारा फोकस पढ़ने और पढ़ाने में है, अच्छे टीचर हैं बच्चों के अच्छी पढ़ाई हो और बच्चों के परिणाम अच्छे आए. "सामान्य सरकारी स्कूलों के सवाल पर उन्होने कहा" सरकारी स्कूलों को सालाना अनुदान मिलता है और उस राशि से वे छोटे-मोटे टूट-फूट और मरम्मत कार्य करवा सकते हैं, इसलिए स्कूलों को शाला अनुदान दिया जाता है. इस साल स्कूलों को 25000 से लेकर 100000 तक की राशि दी गई है . इससे वह छोटे-मोटे मरम्मत के कार्य करवा सकते है" भू

क्या है जरुरत : पेश सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए काम कर रही है सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से निजी स्कूलों से भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है इसी तरह अन्य सरकारी स्कूलों के भवनों को मरम्मत करने साथ ही फर्नीचर सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की दरकार है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में इन दिनों सरकारी स्कूलों के दो अलग अलग तस्वीरे देखी जा सकती है, एक तरफ जहां स्वामी आत्मानंद सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल (Swami Atmanand Government English Medium School) हैं. जिसमें सारी बेहतर सुविधाएं, नई बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर ,लैब, लाइब्रेरी देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर अन्य सरकारी स्कूल है, जहां जर्जर भवन, टूटी खिड़की दरवाजे, उखड़ रहे प्लास्टर और बदरंग फर्नीचर नजर आ रहे हैं

हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों की कौन लेगा सुध

कितने अंग्रेजी मीडियम स्कूल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों के 2 तरह के स्वरूप देखने को मिल रहे है.छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के 172 से अधिक सरकारी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के रूप में डेवेलप किया है. इन स्कूलों में करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसके साथ ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बिल्डिंग के साथ ही सभी क्लासरूम शानदार हैं .अच्छे फर्नीचर लैब लाइब्रेरी स्पॉट सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, वहीं दूसरी ओर कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं .जहां की स्थिति बेहद खराब है.

सरकारी स्कूल रो रहे रोना : ईटीवी भारत ने शहर के 2 बड़े सरकारी स्कूलों का जायजा लिया. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम शांति नगर स्थिर शासकीय पीजी उमाठे कन्या शाला (Government PG Umathe Girls School Raipur) पहुंची, वहां हमने पाया कि स्कूल का भवन पुराना हो चुका है. दीवारें इस कदर जर्जर हो गई हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. क्लासरूम की दीवारों के प्लास्टर उखाड़ रहे हैं. खिड़की दरवाजे टूटे है , वही हाल ही में इन स्कूल में जोरों शोरों से शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. लेकिन आलम ये है कि यहां पेंटिंग का भी काम नही हो पाया.

स्कूल का बोर भी सूखा : हर साल स्कूल में पेयजल की आपूर्ति स्कूल में लगे बोरवेल से हो जाया करती थी. लेकिन इस साल बोर सूखने की वजह से स्कूल में काफी दिक्कतें हो रही हैं. पानी की आपूर्ति के लिए नगर निगम की ओर से रोजाना पानी का टैंकर मंगवाया जा रहा है.

जर्जर विद्यालय की सुध कौन लेगा : पीजी उमाठे शासकीय गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका दीक्षा साहू ने बताया" लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद था. इस वजह से हमारा विद्यालय थोड़ा जर्जर हुआ है, आगे इसका मरम्मत कार्य करवाया जाएगा, स्कूल की ओर से ध्यान रखा जाता है कि किसी भी बच्चे को या टीचर्स को भवन जर्जर होने की वजह से कोई परेशानी ना हो. इस बात को ध्यान में रखा जाता है, जल्दी ही इसके मरम्मत कार्य भी शुरू हो जाएंगे"

अंग्रेजों के जमाने का स्कूल भी खस्ताहाल : ईटीवी भारत की टीम इसके बाद जेएन पांडे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (JN Pandey Government Higher Secondary School) पहुंचे वहां हमने पाया कि स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी पुराना है. स्कूल में साफ सफाई का अभाव है. क्लास रूम में कई ऐसे बेंच रखे हुए हैं जो बरसों पुराने हैं. जिसमें सालों से रंग रोगन का कार्य नहीं किया गया है. जिसके कारण विद्यार्थियों को भी असुविधाएं होती हैं. विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई अच्छे से होती है. लेकिन अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर नही मिलने के कारण दिक्कतें होती है.

सुविधाओं की कमी : जे एन पांडे गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने बताया " स्कूल में शिक्षकों द्वारा पढ़ाई अच्छे से कराई जाती है लेकिन स्कूल में जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही, क्लासरूम में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं होती, इसके साथ ही सालों से बेंच को रंग नही करवाया गया है, क्लास रूम में ऐसे ब्लैक बोर्ड हो गए हैं कि अच्छे से दिखाई भी नहीं देते, हम सरकार से यह चाहते हैं कि जिस तरह से सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल में सुविधाएं दे रही हैं. हमारी भी स्कूल में इस तरह की सुविधाएं दी जाएं ताकि हम और अच्छे पढ़ाई कर पाए

स्कूल में सुधार की हो रही बात : जेएन पांडे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य एमआर सावंत ने बताया " हमारी स्कूल में फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी लैब मौजूद हैं उन्हें और सुधार कार्य करने की योजनाएं हैं, हमारे उच्च अधिकारियों ने बताया है कि इन सभी कार्य के लिए राशि जारी हो गई है और जल्द ही वह कार्य प्रारंभ होगा. इसके साथ ही हम बच्चों के पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं. बच्चों के लगातार विकास के लिए टेस्ट एग्जाम और उनकी पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल में साधनों की कमी के सवाल पर एम आर सावंत ने बताया " धीरे-धीरे स्कूलों में साधन होगा जितनी हमारी कोशिश है, शासन द्वारा भी कार्यों के लिए राशि स्वीकृति की गई है. आने वाले कल में बहुत जल्द हमारे लैब हमारी क्लासेस ठीक हो जाएगी.

क्या कहना है अधिकारियों का : जिला शिक्षा अधिकारी ए एन बंजारा का कहना है "सभी स्कूलों को मेंटेनेंस के लिए राशि दी गई है, इस बार हमारा फोकस पढ़ने और पढ़ाने में है, अच्छे टीचर हैं बच्चों के अच्छी पढ़ाई हो और बच्चों के परिणाम अच्छे आए. "सामान्य सरकारी स्कूलों के सवाल पर उन्होने कहा" सरकारी स्कूलों को सालाना अनुदान मिलता है और उस राशि से वे छोटे-मोटे टूट-फूट और मरम्मत कार्य करवा सकते हैं, इसलिए स्कूलों को शाला अनुदान दिया जाता है. इस साल स्कूलों को 25000 से लेकर 100000 तक की राशि दी गई है . इससे वह छोटे-मोटे मरम्मत के कार्य करवा सकते है" भू

क्या है जरुरत : पेश सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए काम कर रही है सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से निजी स्कूलों से भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है इसी तरह अन्य सरकारी स्कूलों के भवनों को मरम्मत करने साथ ही फर्नीचर सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की दरकार है.

Last Updated : Jun 23, 2022, 10:44 PM IST

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