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गुणवत्ता के हिसाब से जेनेरिक दवाओं का बड़ा है महत्व - जेनेरिक दवाओं का बड़ा है महत्व

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना का शुभारंभ किया. श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर दवाइयां उपलब्ध होंगी.

गुणवत्ता के हिसाब से जेनेरिक दवाओं का बड़ा है महत्व
गुणवत्ता के हिसाब से जेनेरिक दवाओं का बड़ा है महत्व
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Published : Oct 20, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 3:14 PM IST

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना का शुभारंभ किया. श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर दवाइयां उपलब्ध होंगी.

जेनेरिक दवाइयों की क्वालिटी

इस योजना के तहत राज्य में 59 दुकानों की शुरुआत की जा रही है. 169 शहरों में 190 मेडिकल स्टोर प्रारंभ करने की योजना है. उपभोक्ताओं को दवाइयों की एमआरपी पर न्यूनतम 50% से अधिकतम 71% छूट का लाभ मिलेगा.

जेनेरिक मेडिसिन से गरीबों का हल्का होगा बोझ


प्राइवेट प्रैक्टिशनर राकेश गुप्ता ने बताया कि आज राज्य सरकार की तरफ से जेनेरिक मेडिकल स्टोर का शुभारंभ किया गया है. बड़ी फार्मा कंपनियों को निश्चित रूप में जेनेरिक मेडिसिन बनाना जरूरी रहता है, जो गरीब वर्ग के मरीजों के लिए उसी गुणवत्ता की होती है, जिस गुणवत्ता की दूसरी मेडिसिन होती है. यह जेनेरिक मेडिसिन कहलाती है. अलग-अलग स्तर पर यह उपलब्ध भी है. यह जेनेरिक मेडिसिन गरीब वर्ग के काम आएगी. यह ब्रांडेड मेडिसिन से करीबन 70 परसेंट के आसपास सस्ती भी होंगी.

जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं, उस से अनुबंध किया गया है. पूरे देशभर के मल्टीनेशनल कंपनियों से वह अपनी दवाइयों को जेनेरिक मेडिकल स्टोर में उपलब्ध कराएंगे और सभी प्रमुख स्थानों पर मेडिकल स्टोर खोलने की योजना है. हमें लगता है कि यह जेनेरिक मेडिसिन अगर उपलब्ध हो पाएगी तो एक बहुत बड़ा भार जो दवाओं पर मरीजों का खर्च होता है, वह कम हो जाएगा और निश्चित रूप से यह योजना बहुत एंबिशियस योजना है.
धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर कुलस्ते और बघेल में जुबानी जंग


गाइडलाइन के अनुसार होता है दवाओं का निर्माण
जेनेरिक मेडिसिन किसी भी प्रकार के ब्रांडेड मेडिसिन से अलग नहीं है. यह समझना जरूरी है. जो बड़ी दवा निर्माता कंपनियां हैं, वह केंद्र सरकार की आवश्यक गाइडलाइन के अनुसार दवाइयों का निर्माण करती हैं. इस पर स्ट्रिक्ट गाइडलाइन और मॉनिटरिंग होती है. उच्च स्तर पर कंपनियां इन दवाइयों का निर्यात भी करती हैं. दूसरे देशों में जहां पर जेनेरिक दवाइयां बिकती हैं, जब यह भारतीय बाजार में उपलब्ध होते हैं तो फार्मा माफिया अलग-अलग भ्रांतियां फैलाते हैं. जेनेरिक मेडिसिन की गुणवत्ता भी उतनी है, जितनी दूसरे मेडिसिन की होती है. इसका अच्छे रेट में उपलब्ध होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. यह गुणवत्ता युक्त जब गरीब वर्ग को उपलब्ध होंगी.

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना का शुभारंभ किया. श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर दवाइयां उपलब्ध होंगी.

जेनेरिक दवाइयों की क्वालिटी

इस योजना के तहत राज्य में 59 दुकानों की शुरुआत की जा रही है. 169 शहरों में 190 मेडिकल स्टोर प्रारंभ करने की योजना है. उपभोक्ताओं को दवाइयों की एमआरपी पर न्यूनतम 50% से अधिकतम 71% छूट का लाभ मिलेगा.

जेनेरिक मेडिसिन से गरीबों का हल्का होगा बोझ


प्राइवेट प्रैक्टिशनर राकेश गुप्ता ने बताया कि आज राज्य सरकार की तरफ से जेनेरिक मेडिकल स्टोर का शुभारंभ किया गया है. बड़ी फार्मा कंपनियों को निश्चित रूप में जेनेरिक मेडिसिन बनाना जरूरी रहता है, जो गरीब वर्ग के मरीजों के लिए उसी गुणवत्ता की होती है, जिस गुणवत्ता की दूसरी मेडिसिन होती है. यह जेनेरिक मेडिसिन कहलाती है. अलग-अलग स्तर पर यह उपलब्ध भी है. यह जेनेरिक मेडिसिन गरीब वर्ग के काम आएगी. यह ब्रांडेड मेडिसिन से करीबन 70 परसेंट के आसपास सस्ती भी होंगी.

जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं, उस से अनुबंध किया गया है. पूरे देशभर के मल्टीनेशनल कंपनियों से वह अपनी दवाइयों को जेनेरिक मेडिकल स्टोर में उपलब्ध कराएंगे और सभी प्रमुख स्थानों पर मेडिकल स्टोर खोलने की योजना है. हमें लगता है कि यह जेनेरिक मेडिसिन अगर उपलब्ध हो पाएगी तो एक बहुत बड़ा भार जो दवाओं पर मरीजों का खर्च होता है, वह कम हो जाएगा और निश्चित रूप से यह योजना बहुत एंबिशियस योजना है.
धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर कुलस्ते और बघेल में जुबानी जंग


गाइडलाइन के अनुसार होता है दवाओं का निर्माण
जेनेरिक मेडिसिन किसी भी प्रकार के ब्रांडेड मेडिसिन से अलग नहीं है. यह समझना जरूरी है. जो बड़ी दवा निर्माता कंपनियां हैं, वह केंद्र सरकार की आवश्यक गाइडलाइन के अनुसार दवाइयों का निर्माण करती हैं. इस पर स्ट्रिक्ट गाइडलाइन और मॉनिटरिंग होती है. उच्च स्तर पर कंपनियां इन दवाइयों का निर्यात भी करती हैं. दूसरे देशों में जहां पर जेनेरिक दवाइयां बिकती हैं, जब यह भारतीय बाजार में उपलब्ध होते हैं तो फार्मा माफिया अलग-अलग भ्रांतियां फैलाते हैं. जेनेरिक मेडिसिन की गुणवत्ता भी उतनी है, जितनी दूसरे मेडिसिन की होती है. इसका अच्छे रेट में उपलब्ध होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. यह गुणवत्ता युक्त जब गरीब वर्ग को उपलब्ध होंगी.

Last Updated : Nov 1, 2021, 3:14 PM IST
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