रायपुर: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 31 अगस्त बुधवार के दिन मनाया जाएगा. भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना के बाद 11 दिनों तक धूमधाम से अनंत चतुर्दशी तक यह पर्व मनाया जाता है. 11 दिनों के बाद बड़े उमंग और उल्लास के साथ गणेश प्रतिमाओं का अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन कुंड में विसर्जन किया जाता है. भगवान श्री गणेश सभी पूजा में प्रथमेश माने गए हैं. जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी संस्कारों में गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश जी विघ्नहर्ता माने गए हैं जो जातक के कष्टों का निवारण करते हैं. गणेश जी की स्थापना के साथ ही जातक के जीवन में विभिन्न बाधाएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. भगवान गणेश की प्रार्थना करने पर सभी लोगों को इसका लाभ मिलता है. Ganesh Chaturthi 2022
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गणेश जी के 108 नामों के जाप से खुश हो जाते हैं विघ्नहर्ता: ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "गणेश पूजा मंत्रों में ओम श्री गणेशाय नमः, शिव पुत्राय नमः, ओम गणपतये नमः, ओम गौरी सुताये नमः, ॐ वक्रतुंडाय नमः इन मंत्रों के माध्यम से विघ्नहर्ता भगवान की पूजा अर्चना और प्रार्थना की जानी चाहिए. इसके साथ ही हर रोज गणेश जी की आरती का भी विधान है. हर रोज सुबह और शाम के समय गणेश जी की मंगल आरती, क्षमा प्रार्थना के साथ आरती गाने का विधान है. अथर्व शीर्ष, गणेश शीर्ष, मुक्ति मोचन गणेश गायत्री मंत्र, गणेश सहस्त्रनाम, श्री गणेश जी के 108 नाम मंत्रों के साथ बोलने पर गणेश जी काफी खुश हो जाते हैं. वैदिक और पौराणिक मंत्रों के जाप से गणेश जी का आशीर्वाद सभी मिलता है."
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ओम गणपतये नम: गणेश जी का महान और वैदिक मंत्र: भगवान गणेश के वैदिक मंत्रों में ओम गणपतये नमः गणेश जी का महान और वैदिक मंत्र है. अथर्व शीर्ष गणपति स्रोत गणपति कुंजिका मंत्रों से गणेश जी को खुश किया जा सकता है. भगवान गणपति जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं. गणेश जी बुद्धि, सुमति, ज्ञान, विज्ञान, चेतना, प्रज्ञा, मेघा और ऋतंभरा के प्रमुख देवता माने गए हैं. गणेश जी की मूर्ति के सामने शुद्ध और निर्मल भाव से बैठकर किया गया ध्यान विशेष सफल रहता है. गणेश जी के सामने भ्रमण अनुनाद ओम का उच्चारण पद्मासन की मुद्रा लगाकर बैठने से सभी काम पूरे होते हैं. इसके साथ ही गणपति कुंजिका, गणपति स्रोत, गणेश सहस्त्रनाम गणेश जी के 108 नाम का पाठ करना इन 11 दिनों में बहुत ही शुभ फलदाई माना गया है.