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Ganesh Chaturthi Puja गणेश चतुर्थी पंचांग के अनुसार कीजिए बप्पा की स्थापना

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Published : Aug 25, 2022, 8:52 PM IST

Ganesh Chaturthi 2022 इस गणेश चतुर्थी पर चार ग्रह बुध गुरु शनि और सूर्य अपनी राशि में स्थिर रहेंगे. चित्रा नक्षत्र और मध्यरात्रि के बाद स्वाति नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. गोधुलि बेला में गणेश की स्थापना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

Ganesh Chaturthi 2022 chhattisgarh
गणेश चतुर्थी पंचांग क्या है

रायपुर: शक संवत 2079 शक 1944 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि श्री गणेश चतुर्थी, वर्ग चतुर्थी, संवत्सरी चतुर्थी के रूप में बुधवार के दिन पड़ रही है. इस दिन चित्रा नक्षत्र, शुक्ल योग, गंड योग, विष्कुंभ और बवकरण के प्रभाव में गणेश चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पंचांग के अनुसार कन्या और तुला राशि का प्रभाव रहेगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र और मध्यरात्रि के बाद स्वाति नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. पंचांग के अनुसार बुध ग्रह अपनी मूल राशि में विद्यमान रहेंगे. कन्या राशि बुध ग्रह की उच्च राशि मानी जाती है. Ganesh Chaturthi Panchang

गणेश चतुर्थी पंचांग

गणेश चतुर्थी के दिन चार ग्रह बुध गुरु शनि और सूर्य अपनी राशि में स्थिर रहेंगे: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया "गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुभ भद्र योग, हंस योग और शश योग के सहयोग और स्व ग्रह सूर्य के प्रभाव में मनाई जाएगी. बुध, गुरु, शनि और सूर्य चार महत्वपूर्ण ग्रह अपनी अपनी राशि में स्थिर होकर गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की गरिमा और शोभा बढ़ाएंगे. इस शुभ दिन भद्रा दोपहर 3:22 से निवृत्ति होगी. भद्रा निवृत्ति के बाद ही गणेश जी की स्थापना करना शुभ रहेगा. गोधुलि बेला में गणेश की स्थापना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है."

Ganesh Chaturthi 2022 गणपति पूजन का महत्व और पौराणिक विधान

गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि 8:49 पर चंद्रमा अस्त होंगे: गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना वाले क्षेत्र को गौ माता के शुभ गोबर से अच्छी तरह से सफाई करके गणेश जी की स्थापना करना उचित माना गया है. इस दिन रात 8:49 मिनट में चंद्रमा अस्त होंगे. गणेश चतुर्थी के दिन रवि योग का भी सुख संयोग बन रहा है. गणेश चतुर्थी के पावन पर्व को सौभाग्य चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन नया काम शुरू करना, खरीदी बिक्री, व्यापार शुरू करने के लिए यह मुहूर्त उत्तम कोटि का मुहूर्त माना गया है.

रायपुर: शक संवत 2079 शक 1944 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि श्री गणेश चतुर्थी, वर्ग चतुर्थी, संवत्सरी चतुर्थी के रूप में बुधवार के दिन पड़ रही है. इस दिन चित्रा नक्षत्र, शुक्ल योग, गंड योग, विष्कुंभ और बवकरण के प्रभाव में गणेश चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पंचांग के अनुसार कन्या और तुला राशि का प्रभाव रहेगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र और मध्यरात्रि के बाद स्वाति नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. पंचांग के अनुसार बुध ग्रह अपनी मूल राशि में विद्यमान रहेंगे. कन्या राशि बुध ग्रह की उच्च राशि मानी जाती है. Ganesh Chaturthi Panchang

गणेश चतुर्थी पंचांग

गणेश चतुर्थी के दिन चार ग्रह बुध गुरु शनि और सूर्य अपनी राशि में स्थिर रहेंगे: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया "गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुभ भद्र योग, हंस योग और शश योग के सहयोग और स्व ग्रह सूर्य के प्रभाव में मनाई जाएगी. बुध, गुरु, शनि और सूर्य चार महत्वपूर्ण ग्रह अपनी अपनी राशि में स्थिर होकर गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की गरिमा और शोभा बढ़ाएंगे. इस शुभ दिन भद्रा दोपहर 3:22 से निवृत्ति होगी. भद्रा निवृत्ति के बाद ही गणेश जी की स्थापना करना शुभ रहेगा. गोधुलि बेला में गणेश की स्थापना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है."

Ganesh Chaturthi 2022 गणपति पूजन का महत्व और पौराणिक विधान

गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि 8:49 पर चंद्रमा अस्त होंगे: गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना वाले क्षेत्र को गौ माता के शुभ गोबर से अच्छी तरह से सफाई करके गणेश जी की स्थापना करना उचित माना गया है. इस दिन रात 8:49 मिनट में चंद्रमा अस्त होंगे. गणेश चतुर्थी के दिन रवि योग का भी सुख संयोग बन रहा है. गणेश चतुर्थी के पावन पर्व को सौभाग्य चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन नया काम शुरू करना, खरीदी बिक्री, व्यापार शुरू करने के लिए यह मुहूर्त उत्तम कोटि का मुहूर्त माना गया है.

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