रायपुर: छत्तीसगढ़ में जल्द नया विधानसभा भवन बनकर तैयार हो जाएगा, हाल ही में नवा रायपुर में इसका शिलान्यास भी कर दिया गया है. वर्तमान में जिस बिल्डिंग में विधानसभा है वह भी काफी भव्य है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ ने अपनी संसदीय यात्रा की शुरुआत एक स्कूल के हॉल से की थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा का पहला सत्र राजकुमार कॉलेज के जशपुर हॉल में आयोजित किया गया था. उस दौरान सरकार ने जैसे तैसे किराया भंडार से कुर्सियां और फर्नीचर मंगाकर टेंट और शामियाना लगाकर इस हॉल को विधानसभा के रूप में तैयार किया था.
ये छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित राजकुमार कॉलेज है. रजवाड़ों के इस स्कूल के साथ छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का भी एक अहम इतिहास जुड़ा हुआ है. इसी आरकेसी यानी राजकुमार कॉलेज में छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक हुई थी. कॉलेज में जशपुर हॉल में विधानसभा की पहली बैठक का आयोजन हुआ था. इसके लिए कॉलेज परिसर में अस्थाई विधानसभा बनाई गई थी. इस अस्थाई विधानसभा में राज्य की पहली विधानसभा के सदस्यों ने शपथ ली थी. प्रोटेम स्पीकर महेंद्र बहादुर सिंह ने पहली बैठक का संचालन किया था, जिनका अभी हाल ही में निधन हुआ है.
पहले विधानसभा सत्र की हुई बैठक
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना एक नवंबर 2000 को हुई थी. राज्य के पहले विधानसभा के पहले सत्र की बैठक 14 दिसंबर 2000 से शुरू हुई. चूंकि तब तक विधानसभा भवन तैयार नहीं हो पाया था. इस वजह से आरकेसी में ही अस्थाई विधानसभा भवन बनाया गया. पहला सत्र 19 दिसंबर तक चला. इस दौरान सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ विधानसभा अध्यक्ष और समितियों का गठन हुआ था. विधानसभा की पहली बैठक में अजीत जोगी बतौर मुख्यमंत्री सदन में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने सदन की सदस्यता की शपथ नहीं ली. क्योंकि जोगी उस वक्त सदन के निर्वाचित सदस्य नहीं थे. नेता प्रतिपक्ष के बाद जोगी को छोड़कर उनके मंत्रिमंडल में मौजूद 23 सदस्यों ने शपथ ली. इनमें सबसे पहले तत्कालीन वित्त मंत्री रामचंद्र सिंह देव ने शपथ ली थी. सिंहदेव के बाद डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शपथ ली थी. जशपुर हॉल में हुई छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक की याद में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा जशपुर हॉल के बाहर लगवाई गई है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का पहला सत्र
- 14 दिसंबर 2000 से शुरू हुई थी पहले सत्र की बैठक.
- RKC में ही अस्थाई विधानसभा भवन बनाया गया.
- पहला सत्र 19 दिसंबर तक चला.
- विधानसभा अध्यक्ष और समितियों का गठन भी हुआ.
- पहली बैठक में अजीत जोगी बतौर मुख्यमंत्री सदन में मौजूद थे.
- अजीत जोगी ने सदन की सदस्यता की शपथ नहीं ली थी.
- जोगी उस वक्त सदन के निर्वाचित सदस्य नहीं थे.
- 23 सदस्यों ने ली थी शपथ.
- सबसे पहले तत्कालीन वित्त मंत्री रामचंद्र सिंह देव ने ली थी शपथ.
- सिंहदेव के बाद डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शपथ ली थी.