रायपुरः बिरगांव नगरीय निकाय चुनाव (Birgaon Municipal Corporation) में लोकतंत्र की एक अनोखी तस्वीर सामने आई है. पिता और पुत्री दोनों ने चुनाव लड़ा और दोनों ही अलग-अलग वार्ड से जीत कर आए. पिता उबारनदास बंजारे ने जहां कांग्रेस से जीत हासिल की वहीं बेटी सुशीला मारकंडे निर्दलीय जीत कर आई है.
कांग्रेस को अपना महापौर बनाने के लिए दो निर्दलीय पार्षदों की आवश्यकता (Two independent councilors needed) है. ऐसे में पिता ने अपनी बेटी से सहयोग मांगा है. फिलहाल बेटी ने किसी प्रकार की सहमति नहीं दी है. वे अपने पति और परिवार से पूछ कर इस बारे में निर्णय लेंगी.
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बाप-बेटी दोनों खुश
इस चुनाव में जीतने के बाद पिता और बेटी दोनों बेहद खुश हैं. बेटी ने कहा कि मुझे मेरे जीत की खुशी से ज्यादा मेरे पिता की जीत की खुशी है. मैं राजनीति में नहीं आना चाहती थी लेकिन मेरे वार्ड के लोग कहते थे कि जिस तरह से आपके पिता काम करते हैं, उसी तरह से आपको भी आगे आना चाहिए. इसके बाद मैंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया. सुशीला ने बताया कि उनके पिता दो बार पार्षद रह चुके हैं अब तीसरी बार चुनाव जीते हैं. जिस तरह से मेरे पिता लोगों की सेवा करते थे, उसी तरह से मैं भी अपने वार्ड की जनता की सेवा करूंगी.
रिकाउंटिंग के बाद भी नहीं बदला परिणाम
वार्ड क्रमांक 11 से सुशीला मारकंडे ने 3 वोट से जीत हासिल की. कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा गोविंद साहू ने रिकाउंटिंग की अपील की थी. रिकाउंटिंग के बाद भी परिणाम नहीं बदले और सुशीला मारकंडे जीत गईं. सुशीला ने कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी पुष्पा गोविंद साहू को 3 वोट से हराया है.