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धान के कटोरे छत्तीसगढ़ में धान के नाम पर ठगे गए अन्नदाता

छत्तीसगढ़ में अच्छी कमाई के नाम पर किसान (Farmer) एक बार फिर ठगे (cheated) गए हैं. रैलीज इण्डिया लिमिटेड नामक कम्पनी (company) ने प्रदेश के कुछ जिलों के किसानों को हाईब्रिड (hybrid) धान के बीज वितरित किए थे, उस समय वादा किया गया था कि इस बीज से होने वाली फसल को अच्छी कीमत पर कंपनी खरीद लेगी. लेकिन करोड़ों रुपए का भुगतान एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है.

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Published : Sep 4, 2021, 9:56 PM IST

Farmers of Chhattisgarh looted crores trapped in the company's trap
कंपनी की जाल में फंस करोडों लुटाए छत्तीसगढ़ के किसान

रायपुरः छत्तीसगढ़ में अच्छी कमाई के नाम पर किसानों को ठगा गया है. रैलीज इण्डिया लिमिटेड नाम की कम्पनी ने प्रदेश के महासमुंद, धमतरी , बलौदाबाजार , बालौद , गरियाबंद के किसानों को हाईब्रिड धान (Hybrid Paddy) के बीज वितरित कराए थे, उस समय वादा किया गया था कि इस बीज से होने वाली फसल को अच्छी कीमत पर कंपनी खरीद लेगी.

लेकिन करोड़ों रुपए का भुगतान एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है. इस कंपनी ने के लगभग 500 किसानों (farmers) को इस तरह के बीज बेचे थे. इससे जो उत्पादन हुआ उसे कंपनी ने खरीद भी लिया लेकिन करोड़ों रुपए का भुगतान एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है. अब अपनी मेहनत की कमाई के लिए किसान भटक रहे हैं.

आय दोगुनी करने के नाम पर बुना गया जाल
किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ठगी का ये जाल बुना गया. दरअसल रैलीज इंडिया लिमिटेड कंपनी ने साल 2000 में हाईब्रिड धान (Hybrid Paddy) का बीज किसानों को ये कहते हुए बेचे की जो भी उत्पादन होगा. उसे कंपनी द्वारा ही 3600 से लेकर 6700 रुपए क्विंटल (quintal) की दर पर खरीदा जाएगा. साथ ही उत्पादन नहीं होने पर मुआवजा दिया जाएगा. कई जिलों के किसानों ने ज्यादा लाभ के चक्कर में फंस कर धान की हाईब्रिड वैरायटी MRH2,MRH12,MRH15,1B,1B-5,1B-8 जैसी वेरायटी की बुआई अपने खेतों में की थी. बताया जा रहा है कि इस तरह करीब एक हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में इन वैरायटियों के धान की खेती की गई. फसल तैयार होने पर रैलीज इंडिया लिमिटेड कंपनी ने एजेंट्स के माध्यम से खरीद लिया. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया है. अब अपनी मेहनत की कमाई के लिए अन्नदाता दर दर भटक रहे हैं.

कंपनी के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं जवाब

इस कंपनी के छत्तीसगढ़ हेड द्वारा गोलमोल जवाब दिया जा रहा है. उनका कहना है कि किसानों से पूरा फसल खरीदी और मुआवजे का एग्रीमेंट नहीं हुआ था. इधर इस मामले में कंपनी ऑर्गनाइजर और एजेंट्स का कहना है कि उनके माध्यम से कई सौ एकड़ में फसल ली गई, कई टन उत्पादन कंपनी ने खरीद भी ली है लेकिन अभी पूरा भुगतान नहीं हुआ है. कंपनी के हेड ऑफिस द्वारा कई बार दस दिन के भीतर भुगतान का आश्वासन दिया जा चुका है. कई किसान अपनी मेहनत की कमाई के लिए हैदराबाद तक का चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन जब उन्हें रकम डूबता नजर आया तो महासमुंद में कई किसान पुलिस की शरण में पहुंचे हैं. जहां इन्हें जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है.


आए दिन ठगे जाते हैं अन्नदाता
छत्तीसगढ़ में आए दिन किसान किसी न किसी प्रलोभन में आकर ठग लिए जाते हैं. इस बार भी पीड़ित किसानों की अच्छी खासी संख्या है और ये कई जिलों में फैले हुए हैं. देखने वाली बात होगी कि किसानों को किस तरह राहत मिलती है. लेकिन हर साल इस तरह होने वाली ठगी से किसानों को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर पहल होनी बहुत जरूरी है. इसके अलावा सवाल ये भी है कि क्या इतने जिलों में इतने बड़े स्तर पर किसानों से एक कंपनी द्वारा सौदेबाजी करना प्रशासन दिखता क्यों नहीं है.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में अच्छी कमाई के नाम पर किसानों को ठगा गया है. रैलीज इण्डिया लिमिटेड नाम की कम्पनी ने प्रदेश के महासमुंद, धमतरी , बलौदाबाजार , बालौद , गरियाबंद के किसानों को हाईब्रिड धान (Hybrid Paddy) के बीज वितरित कराए थे, उस समय वादा किया गया था कि इस बीज से होने वाली फसल को अच्छी कीमत पर कंपनी खरीद लेगी.

लेकिन करोड़ों रुपए का भुगतान एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है. इस कंपनी ने के लगभग 500 किसानों (farmers) को इस तरह के बीज बेचे थे. इससे जो उत्पादन हुआ उसे कंपनी ने खरीद भी लिया लेकिन करोड़ों रुपए का भुगतान एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहीं किया गया है. अब अपनी मेहनत की कमाई के लिए किसान भटक रहे हैं.

आय दोगुनी करने के नाम पर बुना गया जाल
किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ठगी का ये जाल बुना गया. दरअसल रैलीज इंडिया लिमिटेड कंपनी ने साल 2000 में हाईब्रिड धान (Hybrid Paddy) का बीज किसानों को ये कहते हुए बेचे की जो भी उत्पादन होगा. उसे कंपनी द्वारा ही 3600 से लेकर 6700 रुपए क्विंटल (quintal) की दर पर खरीदा जाएगा. साथ ही उत्पादन नहीं होने पर मुआवजा दिया जाएगा. कई जिलों के किसानों ने ज्यादा लाभ के चक्कर में फंस कर धान की हाईब्रिड वैरायटी MRH2,MRH12,MRH15,1B,1B-5,1B-8 जैसी वेरायटी की बुआई अपने खेतों में की थी. बताया जा रहा है कि इस तरह करीब एक हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में इन वैरायटियों के धान की खेती की गई. फसल तैयार होने पर रैलीज इंडिया लिमिटेड कंपनी ने एजेंट्स के माध्यम से खरीद लिया. लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया है. अब अपनी मेहनत की कमाई के लिए अन्नदाता दर दर भटक रहे हैं.

कंपनी के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं जवाब

इस कंपनी के छत्तीसगढ़ हेड द्वारा गोलमोल जवाब दिया जा रहा है. उनका कहना है कि किसानों से पूरा फसल खरीदी और मुआवजे का एग्रीमेंट नहीं हुआ था. इधर इस मामले में कंपनी ऑर्गनाइजर और एजेंट्स का कहना है कि उनके माध्यम से कई सौ एकड़ में फसल ली गई, कई टन उत्पादन कंपनी ने खरीद भी ली है लेकिन अभी पूरा भुगतान नहीं हुआ है. कंपनी के हेड ऑफिस द्वारा कई बार दस दिन के भीतर भुगतान का आश्वासन दिया जा चुका है. कई किसान अपनी मेहनत की कमाई के लिए हैदराबाद तक का चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन जब उन्हें रकम डूबता नजर आया तो महासमुंद में कई किसान पुलिस की शरण में पहुंचे हैं. जहां इन्हें जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है.


आए दिन ठगे जाते हैं अन्नदाता
छत्तीसगढ़ में आए दिन किसान किसी न किसी प्रलोभन में आकर ठग लिए जाते हैं. इस बार भी पीड़ित किसानों की अच्छी खासी संख्या है और ये कई जिलों में फैले हुए हैं. देखने वाली बात होगी कि किसानों को किस तरह राहत मिलती है. लेकिन हर साल इस तरह होने वाली ठगी से किसानों को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर पहल होनी बहुत जरूरी है. इसके अलावा सवाल ये भी है कि क्या इतने जिलों में इतने बड़े स्तर पर किसानों से एक कंपनी द्वारा सौदेबाजी करना प्रशासन दिखता क्यों नहीं है.

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