रायपुरः इस बार नवरात्रि पर्व को लेकर फैंसी ड्रेस के दुकानदारों में भरी मायूसी छाई हुई है. पिछले साल भी नवरात्रि के समय जगराता दांडिया और गरबा जैसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा हुआ था. इस साल भी फैंसी ड्रेस दुकानदारों का कारोबार चौपट होता हुआ नजर आ रहा है और दुकानदारों में संशय की स्थिति बनी हुई है. उनका कहना है कि नवरात्रि पर्व (Navratri festival) को लेकर अभी तक ग्राहकों की आवक कहीं से भी नजर नहीं आ रही है.
राजधानी रायपुर में फैंसी ड्रेस की लगभग 20 दुकानें हैं जहां पर हर तरह के पर्व और त्यौहार के लिए फैंसी ड्रेस किराए पर मिलता है. लेकिन इस बार प्रशासन की ओर से लंबे समय तक किसी प्रकार का गॉइड लाइन (guide line) जारी नहीं करने की वजह के कपड़े का कारोबार लगभग ठप प्राय है. स्थिति यह है कि शुक्रवार को देर शाम तक दुकानों में फैंसी ड्रेस किराए पर लेने के लिए बुकिंग की प्रक्रिया (booking process) शुरू नहीं की जा सकी थी.
कारोबारियों का कहना है कि 2020 से कोरोना की वजह से फैंसी ड्रेस कि इन दुकानों पर मानों ग्रहण सा लग गया. अभी तक वही हाल इस समय भी है. पर्व त्यौहार के साथ ही स्कूल कॉलेजों में होने वाले कार्यक्रमों के लिए फैंसी ड्रेस की बुकिंग नहीं हो रही है. दुकानों का संचालन करने वाले बताते हैं कि 200 रुपए से लेकर 700 रुपए तक की फैंसी ड्रेस लोग किराए पर ले जाते हैं और सामान्य दिनों में फैंसी ड्रेस की अच्छी खासी डिमांड भी रहती है.
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कोरोना से हर तबका है प्रभावित
लेकिन इस बार इनका कारोबार चौपट होता हुआ नजर आ रहा है. फैंसी ड्रेस के दुकानदार बताते हैं कि साल 2020 में कोरोना का संक्रमण आने के बाद उनका कारोबार ठप पड़ा हुआ है. आर्थिक त्रासदी की वजह से दुकान में काम करने वाले वर्कर को भी महीने में आधा पेमेंट किया जा रहा है. देखा जाय तो ऐसा नहीं है कि कोरोना की वजह से केवल फैंसी ड्रेस का संचालन करने वाले दुकानदार परेशान हैं. कोरोना की वजह से गरीब तबके से लेकर अमीर वर्ग भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है और उनकी भी आर्थिक स्थिति अब तक सुधर नहीं पाई है. फैंसी ड्रेस के संचालकों को अब सिर्फ उम्मीद है नवरात्र पर्व में जगराता दांडिया और गरबा जैसे कार्यक्रमों को अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें कुछ राहत मिल सकेगी.