रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून तय समय से पहले ही प्रवेश कर चुका है. इसके साथ ही प्रदेश में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है. कई जिलों में जहां लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं राज्य के सभी बांधों में पानी भरने लगा है. इस साल की बारिश में मध्यम और बड़े बांध लबालब हो गए हैं. ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे पिछले कुछ सालों का रिकार्ड टूट जाएगा. बांगो, दर्री, हसदेव और बैराज बांधों में पानी को देखते हुए गेट जून में ही खोल दिए गए. इससे किसानों को खेली के लिए भरपूर पानी मिल रहा है. सिंचाई विभाग ने सभी डैम की स्थिति को देखते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया है.
SPECIAL : फुल होने के कगार पर बांगो बांध, हसदेव डैम के खोलने पड़े गेट
छत्तीसगढ़ में पिछले 25 दिन से लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से छोटे-बड़े बांध उफान पर हैं. पिछले कुछ दिन में छोटे बांध 100 फीसदी तक भर चुके हैं. कुछ दिनों में जलस्तर बढ़ने पर बांध का पानी छोड़ा जाएगा. प्रदेश के 4 मध्यम बांध भी लबालब हैं. उनमें 90 से 95 प्रतिशत तक पानी भर चुका है.
बांधों का बढ़ा जलस्तर
- 10 जून को दुर्ग के खपरी डैम में महज 55 फीसदी पानी था, लेकिन आज की स्थिति में यहां 100 फीसदी पानी भर चुका है.
- रायगढ़ के खमारपाकुट में 69 फीसदी था, जो अब भर चुका है.
- मुंगेली के मनियारी में 86 फीसदी पानी था. यहां पानी भरने के बाद गेट खोला गया और पानी छोड़ा भी गया है.
- सोंढुर जलाशय करीब 75 भर गया है.
- दुधवा जलाशय 70 फीसदी तक भर गया है.
- प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय पंडित रविशंकर शुक्ल जलाशय में अभी 55 फीसदी तक ही पानी आया है.
बांधों के जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. ओवरफ्लो होने पर गेट खोलने के बाद जिला प्रशासन और आस-पास के गांव को अलर्ट भी किया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में बांधों की स्थिति
- बड़े और मध्यम डैम की संख्या- 44
- वाटर केपेसिटी के लिहाज से 11 मेजर डैम
- वाटर केपेसिटी के लिहाज से 31 मीडियम डैम
बांध में पिछले 2 साल में भराव
- रायगढ़ के पुटकानाला में 2018 में 3.7 और 2019 में 4.5 प्रतिशत पानी था. लेकिन आज यही 93 फीसदी तक भरा हुआ है.
- दुर्ग जिले के खपरी में 9 जुलाई 2018 को महज 4.4 फीसदी और 2019 में 22.6 प्रतिशत पानी था. ये अब 100 फीसदी भर गया है.
- मुंगेली जिले के मनिहारी डैम में 2018 में 28 और 2019 में 29. 4 फीसदी पानी भरा था. वर्तमान में 100 फीसदी पानी भर चुका है.
प्रदेश के सभी जलाशयों की स्थिति को देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमाम डैम ओवरफ्लो हो सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सिंचाई विभाग ने सभी डैम के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. डैम में पानी ज्यादा भरने की स्थिति में गेट खोल दिए जाते हैं. इस साल की बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. वहीं सिंचाई विभाग भी जलभराव को लेकर निश्चिंत है.