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जनजाति के मुद्दे पर क्या बोलीं राज्यपाल अनुसुइया उइके, देखें एक्सक्लूसिव इंटरव्यू - जनजाति समाज

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूहों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया है. इस घोषणा के बाद जनजाति समाज के लोगों ने राज्यपाल अनुसुइया उइके का आभार जताया है.

exclusive interview of Anusuiya Uikey
राज्यपाल अनुसुया उइके
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Published : Sep 15, 2022, 8:48 PM IST

Updated : Sep 15, 2022, 9:21 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके लगातार केंद्र सरकार को इस विषय में अवगत कराती (exclusive interview of Anusuiya Uikey) रहीं हैं. मात्रात्मक त्रुटि होने की वजह से छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूह को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा था. अब केंद्र सरकार द्वारा जनजाति समूह में शामिल करने के बाद से समाज के लोगों (inclusion of cast in ST) में काफी खुशी है. उन्होंने इसके लिए राज्यपाल को धन्यवाद दिया है. ईटीवी भारत ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से खास बातचीत की.

राज्यपाल अनुसुया उइके के साथ खास बातचीत

सवाल: छत्तीसगढ़ के 12 समूह, जिन्हें मात्रात्मक त्रुटि के कारण अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से वंचित रखा गया था, अब केंद्र सरकार ने जनजाति समूह में शामिल किया है. इस विषय पर आपका क्या कहना है?

जवाब: छत्तीसगढ़ की 12 जनजाति के लोग बेहद प्रभावित थे. उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी. छात्रवृत्ति, नौकरी, और जो अधिकार उन्हें मिले हैं, वह नहीं मिल पा रहे थे. जो प्रावधान आदिवासियों के लिए सरकार की ओर से अलग से किए जाते हैं, आरक्षण जैसी चीजें भी नहीं मिल पा रही थी. वह लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे. लेकिन आज उनके जीवन में खुशियां आई है. वह बहुत खुश हैं. मुझे भी बहुत खुशी हुई है. इसका श्रेय मैं प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को देना चाहती हूं. उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं.

सवाल: राजभवन का दरबार आदिवासियों और आम जनता के लिए हमेशा खुला रहता है? सहजता से आप लोगो से मुलाकात करती हैं?

जवाब: राज्यपाल प्रदेश का संरक्षक होता है. जनजातीय वर्ग का संरक्षक होता है. उन्हें उम्मीद होती है. लोगों की जो उम्मीद, विश्वास मेरे ऊपर है, मेरी कोशिश होती है कि मैं उनके विश्वास पर खरी उतरी हूं. शायद मैं उनके विश्वास में थोड़ा बहुत खरी उतरी हूं. जब उनकी मांग पूरी होती है तो मुझे भी खुशी होती है. जो भी राजभवन आते हैं मैं उनकी बातें सुनती हूं और उनका समाधान करने के लिए मैं लगातार प्रयास करते रहती हूं.

सवाल: इतने सालों तक यह जनजाति अपने अधिकारों से वंचित रही है. कई लोगों को नौकरी से भी निकाल दिया, क्या उन्हें छूट मिलेगी ?

जवाब: जनजातियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं उन्हें मिलने लगेगी. जो नौकरी के बारे में आप लोग बता रहे हैं कि कई लोगों को निकाल दिया गया है, मैं कोशिश करूंगी कि जब उन्हें असली जनजाति मान लिया गया है तो उन्हें कंसीडर करके कुछ छूट दी जाए. इस विषय पर मैं चर्चा भी करूंगी ताकि ऐसे लोग जो वंचित हैं, उन्हें भी न्याय मिल सके.

सवाल: 12 जाति समूह को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के बाद अब पॉलिटिकल पार्टियों में होड़ लगी हुई है? इसे लेकर आपका क्या कहना है?

जवाब: जो व्यक्ति जिन चीजों का निर्णय करता है, श्रेय उसे ही जाता है. सबका अपना योगदान रहता है. सभी ने प्रयास भी किया है. सभी का सहयोग और सभी का प्रयास है, जिनमें सामाजिक संगठन भी शामिल है. सामूहिक प्रयास से यह कार्यरूप में हुआ है. इन सबके लिए वो भी बधाई के पात्र हैं. सबसे ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री को देती हूं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके लगातार केंद्र सरकार को इस विषय में अवगत कराती (exclusive interview of Anusuiya Uikey) रहीं हैं. मात्रात्मक त्रुटि होने की वजह से छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूह को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा था. अब केंद्र सरकार द्वारा जनजाति समूह में शामिल करने के बाद से समाज के लोगों (inclusion of cast in ST) में काफी खुशी है. उन्होंने इसके लिए राज्यपाल को धन्यवाद दिया है. ईटीवी भारत ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से खास बातचीत की.

राज्यपाल अनुसुया उइके के साथ खास बातचीत

सवाल: छत्तीसगढ़ के 12 समूह, जिन्हें मात्रात्मक त्रुटि के कारण अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से वंचित रखा गया था, अब केंद्र सरकार ने जनजाति समूह में शामिल किया है. इस विषय पर आपका क्या कहना है?

जवाब: छत्तीसगढ़ की 12 जनजाति के लोग बेहद प्रभावित थे. उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी. छात्रवृत्ति, नौकरी, और जो अधिकार उन्हें मिले हैं, वह नहीं मिल पा रहे थे. जो प्रावधान आदिवासियों के लिए सरकार की ओर से अलग से किए जाते हैं, आरक्षण जैसी चीजें भी नहीं मिल पा रही थी. वह लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे. लेकिन आज उनके जीवन में खुशियां आई है. वह बहुत खुश हैं. मुझे भी बहुत खुशी हुई है. इसका श्रेय मैं प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को देना चाहती हूं. उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं.

सवाल: राजभवन का दरबार आदिवासियों और आम जनता के लिए हमेशा खुला रहता है? सहजता से आप लोगो से मुलाकात करती हैं?

जवाब: राज्यपाल प्रदेश का संरक्षक होता है. जनजातीय वर्ग का संरक्षक होता है. उन्हें उम्मीद होती है. लोगों की जो उम्मीद, विश्वास मेरे ऊपर है, मेरी कोशिश होती है कि मैं उनके विश्वास पर खरी उतरी हूं. शायद मैं उनके विश्वास में थोड़ा बहुत खरी उतरी हूं. जब उनकी मांग पूरी होती है तो मुझे भी खुशी होती है. जो भी राजभवन आते हैं मैं उनकी बातें सुनती हूं और उनका समाधान करने के लिए मैं लगातार प्रयास करते रहती हूं.

सवाल: इतने सालों तक यह जनजाति अपने अधिकारों से वंचित रही है. कई लोगों को नौकरी से भी निकाल दिया, क्या उन्हें छूट मिलेगी ?

जवाब: जनजातियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं उन्हें मिलने लगेगी. जो नौकरी के बारे में आप लोग बता रहे हैं कि कई लोगों को निकाल दिया गया है, मैं कोशिश करूंगी कि जब उन्हें असली जनजाति मान लिया गया है तो उन्हें कंसीडर करके कुछ छूट दी जाए. इस विषय पर मैं चर्चा भी करूंगी ताकि ऐसे लोग जो वंचित हैं, उन्हें भी न्याय मिल सके.

सवाल: 12 जाति समूह को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के बाद अब पॉलिटिकल पार्टियों में होड़ लगी हुई है? इसे लेकर आपका क्या कहना है?

जवाब: जो व्यक्ति जिन चीजों का निर्णय करता है, श्रेय उसे ही जाता है. सबका अपना योगदान रहता है. सभी ने प्रयास भी किया है. सभी का सहयोग और सभी का प्रयास है, जिनमें सामाजिक संगठन भी शामिल है. सामूहिक प्रयास से यह कार्यरूप में हुआ है. इन सबके लिए वो भी बधाई के पात्र हैं. सबसे ज्यादा श्रेय प्रधानमंत्री को देती हूं.

Last Updated : Sep 15, 2022, 9:21 PM IST
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