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कोरोना से लगा छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को ग्रहण, विशेषज्ञों ने क्या कहा?... आप भी जानिए

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस ने स्कूल शिक्षा पर ग्रहण लग गया है. पिछले 2 सालों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही थी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के कारण भी बच्चों के शिक्षा के स्तर में गिरावट देखने को मिली है.

Corona affected studies in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को ग्रहण
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Published : Jan 12, 2022, 8:20 AM IST

Updated : Jan 12, 2022, 8:56 AM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस ने स्कूल शिक्षा पर ग्रहण लग गया है. पिछले 2 सालों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही थी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के कारण भी बच्चों के शिक्षा के स्तर में गिरावट देखने को मिली है.

हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्कूल बंद हैं. बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. इसी बीच ईटीवी भारत ने एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा से खास बातचीत की. आप भी जानिए कि उन्होंने क्या कहा...

छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को ग्रहण
सवालः एससीईआरटी द्वारा आंकलन करवाया गया था. क्या चीज निकल कर सामने आई है? जवाब: पिछले 2 सालों में कोरोना संक्रमण की स्थिति रही. इसमें पूरे देश में यह आंकलन हुआ कि बच्चों की पढ़ाई का स्तर पहले जैसा नहीं रहा. SCERT के आंकलन में जो बच्चे कमजोर पाए गए, उस दौरान शासन ने सेतु पाठ्यक्रम 2 के नाम से बनाया. पिछले जुलाई से शुरू यह पाठ्यक्रम आज भी संचालित है.

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सवाल: ऐसे कितने प्रतिशत बच्चे होंगे, जो कमजोर पाए गए हैं?
जवाब: हमारा उद्देश्य था कि बच्चों की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जाए, और जब हम वास्तविक स्थिति का आंकलन करते हैं तो यह संभव है कि कुछ बच्चे अपने स्तर पर नहीं पाए गए. इस आंकलन का उद्देश्य था कि हम बच्चों की शैक्षणिक स्तर को सुधारें.

सवाल: बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण फिर से स्कूल बंद कर दिया गया है. अब कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं? एक बार फिर से बच्चों की पढ़ाई की चिंता और बौद्धिक स्तर की चिंता बढ़ गई?
जवाब: यह पूरे देश की समस्या है. शिक्षा ही नहीं, सभी चीजों पर इसका प्रभाव पड़ा है. फिर भी शासन के निर्देश के अनुसार शिक्षा विभाग ने प्रयास किए हैं. नवाचार किए गए हैं. इसमें पढ़ाई तुंहर दुआर, मोहल्ला क्लासेस से बच्चों को काफी फायदा हुआ है.

सवाल: SCERT द्वारा बच्चों के पढ़ाई की तरीकों के लिए क्या नई चीजें निकाली जा रही है?
जवाब: सेतु पाठ्यक्रम के माध्यम से पिछले साल जुलाई से आंकलन के बाद शुरुआत की गई थी. हाल ही में सेतु पाठ्यक्रम दो की शुरुआत भी की गई थी. यह पाठ्यक्रम पिछले पाठ्यक्रम से एडवांस है. बच्चों के बौद्धिक स्तर को सुधारने के लिए यह पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है.

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सवाल: अभी फिर से ऑनलाइन क्लासेस संचालित हो रही हैं. कई बच्चे ऐसे कमजोर वर्ग से आते हैं जिनके पास मोबाइल ही नहीं होता. उनके लिए क्या विशेष सुविधा होगी?
जवाब: पिछले समय कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए मोहल्ला क्लासेस, कम्युनिटी क्लासेस संचालित की गई थी. वह इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर की गई थी कि जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है या कनेक्टिविटी की समस्या है, इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनके घर के पास ही क्लास लगाई गई और मोहल्ला क्लासेस एक सफल प्रयोग साबित हुआ.

सवाल: कोविड काल चुनौती पूर्ण और गंभीर समस्या बनकर सामने आया है. इससे शिक्षा को काफी नुकसान हुआ है. इसे सुधारने के लिए क्या बेहतर प्रयास हो रहे हैं.
जवाब: कोरोना शिक्षा ही नहीं, सभी क्षेत्रों के लिए अवरोध के रूप में हो सकता है. उसके प्रभाव को कितना कम कर सकेंगे, हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी हैं. शिक्षा विभाग भी अपना योगदान निभा रहा है. आगे और बेहतर तरीके से इसे निभाएंगे.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस ने स्कूल शिक्षा पर ग्रहण लग गया है. पिछले 2 सालों से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही थी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के कारण भी बच्चों के शिक्षा के स्तर में गिरावट देखने को मिली है.

हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्कूल बंद हैं. बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. इसी बीच ईटीवी भारत ने एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा से खास बातचीत की. आप भी जानिए कि उन्होंने क्या कहा...

छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को ग्रहण
सवालः एससीईआरटी द्वारा आंकलन करवाया गया था. क्या चीज निकल कर सामने आई है? जवाब: पिछले 2 सालों में कोरोना संक्रमण की स्थिति रही. इसमें पूरे देश में यह आंकलन हुआ कि बच्चों की पढ़ाई का स्तर पहले जैसा नहीं रहा. SCERT के आंकलन में जो बच्चे कमजोर पाए गए, उस दौरान शासन ने सेतु पाठ्यक्रम 2 के नाम से बनाया. पिछले जुलाई से शुरू यह पाठ्यक्रम आज भी संचालित है.

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सवाल: ऐसे कितने प्रतिशत बच्चे होंगे, जो कमजोर पाए गए हैं?
जवाब: हमारा उद्देश्य था कि बच्चों की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जाए, और जब हम वास्तविक स्थिति का आंकलन करते हैं तो यह संभव है कि कुछ बच्चे अपने स्तर पर नहीं पाए गए. इस आंकलन का उद्देश्य था कि हम बच्चों की शैक्षणिक स्तर को सुधारें.

सवाल: बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण फिर से स्कूल बंद कर दिया गया है. अब कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं? एक बार फिर से बच्चों की पढ़ाई की चिंता और बौद्धिक स्तर की चिंता बढ़ गई?
जवाब: यह पूरे देश की समस्या है. शिक्षा ही नहीं, सभी चीजों पर इसका प्रभाव पड़ा है. फिर भी शासन के निर्देश के अनुसार शिक्षा विभाग ने प्रयास किए हैं. नवाचार किए गए हैं. इसमें पढ़ाई तुंहर दुआर, मोहल्ला क्लासेस से बच्चों को काफी फायदा हुआ है.

सवाल: SCERT द्वारा बच्चों के पढ़ाई की तरीकों के लिए क्या नई चीजें निकाली जा रही है?
जवाब: सेतु पाठ्यक्रम के माध्यम से पिछले साल जुलाई से आंकलन के बाद शुरुआत की गई थी. हाल ही में सेतु पाठ्यक्रम दो की शुरुआत भी की गई थी. यह पाठ्यक्रम पिछले पाठ्यक्रम से एडवांस है. बच्चों के बौद्धिक स्तर को सुधारने के लिए यह पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है.

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सवाल: अभी फिर से ऑनलाइन क्लासेस संचालित हो रही हैं. कई बच्चे ऐसे कमजोर वर्ग से आते हैं जिनके पास मोबाइल ही नहीं होता. उनके लिए क्या विशेष सुविधा होगी?
जवाब: पिछले समय कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए मोहल्ला क्लासेस, कम्युनिटी क्लासेस संचालित की गई थी. वह इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर की गई थी कि जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है या कनेक्टिविटी की समस्या है, इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनके घर के पास ही क्लास लगाई गई और मोहल्ला क्लासेस एक सफल प्रयोग साबित हुआ.

सवाल: कोविड काल चुनौती पूर्ण और गंभीर समस्या बनकर सामने आया है. इससे शिक्षा को काफी नुकसान हुआ है. इसे सुधारने के लिए क्या बेहतर प्रयास हो रहे हैं.
जवाब: कोरोना शिक्षा ही नहीं, सभी क्षेत्रों के लिए अवरोध के रूप में हो सकता है. उसके प्रभाव को कितना कम कर सकेंगे, हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी हैं. शिक्षा विभाग भी अपना योगदान निभा रहा है. आगे और बेहतर तरीके से इसे निभाएंगे.

Last Updated : Jan 12, 2022, 8:56 AM IST
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