रायपुर : छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी (online fraud in chhattisgarh) का मामला बढ़ता जा रहा है. ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स और बैंक कॉल के जरिए ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. राजधानी रायपुर में भी ऐसा ही एक अनोखा केस सामने आया है. जहां ठगों ने किसी शख्स को नहीं बल्कि बैंक को ठगी (bank fraud) का शिकार बनाया है. सिविल लाइन थाना के IDBI बैंक में ठगों (IDBI Bank fraud) ने खुद को स्टील कारोबारी बताकर फोन किया. मेडिकल एमरजेंसी की बात कहते हुए स्टील कारोबारी के खाते के रुपये 3 अलग-अलग खातों में डालने को कहा. बैंक ने हस्ताक्षर का मिलान करने के बाद रकम बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिया था.
IDBI बैंक की सिविल लाइन शाखा में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड का अकाउंट है. इस अकाउंट को मंजू बैद, सोनम बैद, संयम बैद और श्रेयांश बैद संचालित करते हैं. 2 जुलाई को बैंक में 9871364226 मोबाइल नंबर से फोन आया था. कॉल करने वाले ने खुद को संयम बैद बताया. बैंककर्मी से मेडिकल इमरजेंसी की बात कहते हुए रुपए अस्पताल में देने की बात कही. फोन पर उसने रकम आरटीजीएस के जरिए उनके खाते में ट्रांसफर करने की बात कही. बैंक स्टाफ का भरोसा जीतने के लिए ठग ने एक डिमांड लेटर IDBI बैंक की शाखा में मेल भी किया था. पत्र में संयम बैद के हस्ताक्षर थे जिसे मिलाने के बाद बैंक के स्टाफ में उक्त अकाउंट में 23 लाख 31 हजार 955 रुपए ट्रांसफर कर दिए.
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ठगों के पास थे ग्राहक के डिटेल
रुपये ट्रांसफर करने के कुछ देर बाद मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संयम बैद का फोन आया. उसने बैंक को किसी भी तरह का कोई मेल नहीं भेजने की बात कही. बैंक ने तुरंत ट्रांसफर किए गए खाता नंबरों को HDFC बैंक से सील करने की बात कही. जब तक खाते लॉक किए गए तब तक उसमें 19 लाख 9 हजार रुपये बाकी थे. ठगों ने अन्य रकम पहले ही निकाल ली थी. आईडीबीआई बैंक के मैनेजर राजेश प्रसाद ने सिविल लाइन थाने में इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. बैंक ने माना कि ठग के पास ग्राहक के बैंक खाते का डिटेल और पर्सनल डिटेल जैसे मेल आईडी, हस्ताक्षर की जानकारी थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.