रायपुर: छत्तीसगढ़ से अब नक्सलियों का दायरा धीरे धीरे सिमटते जा रहा है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने दंतेवाड़ा, कांकेर, बस्तर और कोंडागांव जिले में नक्सलियों को खासा प्रभावित किया है. जिसके चलते नक्सली बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर इलाके में सिमट कर रह गए हैं. नक्सल संगठन को चलाने वाले 21 टॉप लीडरों में से 6 लोगों के मारे जाने और पकड़े जाने के बाद अब उनकी भी गतिविधियां कम होते जा रही है. जवानों ने मुठभेड़ में एक साल में 46 शीर्ष नक्सलियों को मार गिराया है. 555 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आत्म समर्पण किया है. पुराने PHQ भवन में डीजीपी अशोक जुनेजा ने साल 2021 में पुलिस को मिली उपलब्धि के संबंध में ये जानकारी दी है. Achievement of Chhattisgarh police in year 2021
82 हथियार और 168 IED बरामद
छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों को साल 2021 में बड़ी कामयाबी मिली है. डीजीपी अशोक जुनेजा ने बताया कि 'हमारे जवानों ने नक्सली मुठभेड़ या सर्चिंग के दौरान 499 नक्सली गिरफ्तार किए हैं. इसमें कई बड़े लीडर भी शामिल हैं. जिनके कब्जे से देसी हथियार जवानों ने बरामद किए हैं. सर्चिंग के दौरान नक्सलियों की तरफ से लगाए गए 168 IED पुलिस व अर्धसैनिक जवानों ने जब्त किए हैं. यह 2021 की बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.
16 नए कैंप और 4 थाने खोले गए
डीजीपी अशोक जुनेजा ने बताया कि साल 2021 में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस ने 16 नए कैंप खोले हैं. इसके साथ ही 4 नए थाने नक्सल मोर्चे पर खोले गए हैं. जिससे सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस कानून व्यवस्था, पुलिसिंग और नक्सल मोर्चे के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पुल पुलिया, भवन निर्माण और अन्य विकास कार्य करने पर स्थानीय निवासियों को समझ में आ रहा है कि नक्सली उनके हितैषी नहीं है.