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20 बछर के छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क पर दौड़ा विकास - छत्तीसगढ़ में प्रतिव्यक्ति आय

छत्तीसगढ़ को 20 साल पूरे हो गए हैं. इन 20 सालों में छत्तीसगढ़ का विकास तेज रफ्तार से हुआ है. स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी समस्याओं पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. छत्तीसगढ़ में गठन से लेकर अब तक की स्थिति में प्रति व्यक्ति आय की दर 10 गुना बढ़ी है. राज्य की जीएसडीपी की बात करें तो उसमें भी उछाल आया है. जानिए छत्तीसगढ़ के 20 साल के विकास की कहानी...

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विकास के 20 साल
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Published : Oct 31, 2020, 4:41 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुए 20 साल पूरे हो चुके हैं. इन 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास पर एक नजर डालें तो प्रदेश के आंकड़ें सुखद हैं. तकरीबन 7 हजार करोड़ रुपये के बजट से इस राज्य के विकास के बजट ने अब एक लाख करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा पार कर दिया है. प्रदेश के गठन के समय शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल का सीमित इंतजाम था, लेकिन अब प्रदेश में तेजी से विकास करते हुए खुद को अन्य राज्यों के बराबर खड़ा कर लिया है.

20 बछर के छत्तीसगढ़

पढ़ें- 20 बछर के छत्तीसगढ़: RKC में आयोजित किया गया था छत्तीसगढ़ का पहला विधानसभा सत्र


साल 2001-02 में अजीत जोगी की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार का बजट 7,294 करोड़ रुपये था. इसके बाद प्रदेश अपनी आर्थिक स्थिति को लगातार मजबूत करता चला गया. इस साल भूपेश सरकार में यह बजट बढ़ाकर 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा बताता है कि छत्तीसगढ़ इन 20 सालों में विकास की राह में काफी दूरी तय की है, लेकिन अभी तो सही मायनों में ये कहना गलत नहीं होगा कि अभी तो ये शुरुआत है.

Naya Raipur
नया रायपुर
प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना की वृद्धि

छत्तीसगढ़ जब मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना. उस वक्त आर्थिक रूप से यह काफी पिछड़ा हुआ था. उस वक्त प्रति व्यक्ति आय 10,125 रुपये थी जो आज बढ़कर 98,281 रुपये हो गई है. इस तरह देखा जाए तो पिछले 20 सालों में छत्तीसगढ़वासियों की आय में करीब 10 गुना की वृद्धि हुई है. इस विकास को हम पांच चरणों में देख सकते हैं.

सालप्रति व्यक्ति आय
2000-0110,125 रुपये
2005-0619,436 रुपये
2012-1352,689 रुपये
2017-1892,035 रुपये
202098,281 रुपये


शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़े कदम

छत्तीसगढ़ अपने निर्माण के वक्त स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहद मामूली संसाधन वाला क्षेत्र था. 20 साल में इस दिशा में काफी काम हुआ है. जब राज्य का निर्माण हुआ था, उस वक्त यहां महज एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था, लेकिन आज इसकी संख्या बढ़कर 8 हो गई है. आज प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी, एनआईटी, एम्स, लॉ यूनिवर्सिटी जैसी कई बड़ी संस्थाएं खुल गई हैं. इसके अलावा स्कूली शिक्षा में भी काफी विकास हुआ है हालांकि अभी इस दिशा में और काम करने की आवश्यकता है.

Raipur NIT
रायपुर NIT

पढ़ें- 20 साल का छत्तीसगढ़, गौरवशाली इतिहास, समृद्ध परंपरा और संस्कृति का गढ़ है यह प्रदेश

सकल राज्य घरेलू उत्पाद ने लगाई छलांग

इन 20 सालों में राज्य का जीएसडीपी में काफी ग्रोथ दर्ज किया गया है. 2020-21 के बजट के साथ पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य का जीएसडीपी 7.06 फीसदी अनुमानित है. इसमें कृषि क्षेत्र में 3.31 फीसदी, उद्योग 4.94फीसदी और सेवा क्षेत्र में 6.06 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.

IIM Raipur
IIM रायपुर
जोगी ने रखी नींव

छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी का कहना है कि यह विकास कोई 1 साल में नहीं हुआ है. इसके लिए लगातार काम किया गया है. शुरू के 3 साल में कांग्रेस शासन था. उन 3 वर्षों में राज्य के आगे के विकास की मजबूत नींव रखी गई. 15 वर्षों में बीजेपी सरकार के समय इस तरीके से काम हुआ उससे हमारा स्ट्रक्चर खड़ा हुआ और वर्तमान में जो कांग्रेस की सरकार है वह इस स्ट्रक्चर को बेहतर, मजबूत और कहीं ज्यादा आकर्षक बनाने का काम कर रही है.

पिछली सरकार के विकास का पैमाना था, ईंट-गारे, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन: सीएम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शायद इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते. उनकी मानें तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रदेश के विकास के मायने ईंट, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन ही था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल को लेकर हमला बोला है. 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के 20 वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछली सरकार के विकास का पैमाना ईंट-गारे, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन का था. जबकि हमारी सरकार के लिए विकास का पैमाना आम आदमी है. हर व्यक्ति को उसका हक मिलना चाहिए जो स्कूली बच्चे हैं, उन्हें पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए, वे सुपोषित और स्वस्थ रहें, युवाओं को रोजगार मिले और महिलाओं का सम्मान हो, व्यवसायियों और उद्योगपतियों का भी विकास होना चाहिए, लेकिन उसके मूल में आम आदमी हो.

भाजपा सरकार के बनाई सड़कों पर ही दौड़ रही है मंत्रियों की गाड़ियां : सच्चिदानंद उपासने

इधर, भाजपा कहना है कि यदि नींव को मजबूत करना है तो कंक्रीट होना जरूरी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि कांग्रेस के नेताओं ने अपना घर बनाया है उसमें भी कंक्रीट ही है. अब तक कांग्रेस कंक्रीट से अपना घर बनाती रही है और गरीब झुग्गियों में रहता था, लेकिन भाजपा ने गरीबों को भी कंक्रीट के मकान दिए हैं जिससे आज यह कांग्रेस की बराबरी पर आ गए हैं. उपासने ने कहा कि भाजपा ने चहुमुखी विकास किया गया था. स्वास्थ्य, शिक्षा समेत हर क्षेत्र में भाजपा की रमन सरकार ने काम किया था. आज प्रदेश में अच्छी सड़कें भाजपा सरकार की ही देन है. जिसपर आज मंत्रियों की गाड़ियां दौड़ रही है. उपासने ने कहा कि भाजपा सबका विकास सबके साथ और सबका विश्वास पर काम करती है.

आंकड़ों में हर छत्तीसगढ़िया है लखपति

इन तमाम आंकड़ों से समझा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में विकास की दिशा में लंबी छलांग इन 20 सालों में लगाई है, लेकिन अभी बहुत सफर बाकी है यहां जिम्मेदारों को यह जरूर ध्यान देना होगा कि जो विकास हमें आंकड़ों में दिख रहे हैं उसका हिस्सा आम छत्तीसगढ़िया भी हो, जैसे आंकड़ों में हर व्यक्ति करीब एक लाख की आय ले रहा है, लेकिन हकीकत काफी जुदा है. इसे सच में बदलना होगा तभी सही मायने में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का सपना पूरा हो पाएगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुए 20 साल पूरे हो चुके हैं. इन 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास पर एक नजर डालें तो प्रदेश के आंकड़ें सुखद हैं. तकरीबन 7 हजार करोड़ रुपये के बजट से इस राज्य के विकास के बजट ने अब एक लाख करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा पार कर दिया है. प्रदेश के गठन के समय शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल का सीमित इंतजाम था, लेकिन अब प्रदेश में तेजी से विकास करते हुए खुद को अन्य राज्यों के बराबर खड़ा कर लिया है.

20 बछर के छत्तीसगढ़

पढ़ें- 20 बछर के छत्तीसगढ़: RKC में आयोजित किया गया था छत्तीसगढ़ का पहला विधानसभा सत्र


साल 2001-02 में अजीत जोगी की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार का बजट 7,294 करोड़ रुपये था. इसके बाद प्रदेश अपनी आर्थिक स्थिति को लगातार मजबूत करता चला गया. इस साल भूपेश सरकार में यह बजट बढ़ाकर 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा बताता है कि छत्तीसगढ़ इन 20 सालों में विकास की राह में काफी दूरी तय की है, लेकिन अभी तो सही मायनों में ये कहना गलत नहीं होगा कि अभी तो ये शुरुआत है.

Naya Raipur
नया रायपुर
प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना की वृद्धि

छत्तीसगढ़ जब मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना. उस वक्त आर्थिक रूप से यह काफी पिछड़ा हुआ था. उस वक्त प्रति व्यक्ति आय 10,125 रुपये थी जो आज बढ़कर 98,281 रुपये हो गई है. इस तरह देखा जाए तो पिछले 20 सालों में छत्तीसगढ़वासियों की आय में करीब 10 गुना की वृद्धि हुई है. इस विकास को हम पांच चरणों में देख सकते हैं.

सालप्रति व्यक्ति आय
2000-0110,125 रुपये
2005-0619,436 रुपये
2012-1352,689 रुपये
2017-1892,035 रुपये
202098,281 रुपये


शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़े कदम

छत्तीसगढ़ अपने निर्माण के वक्त स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहद मामूली संसाधन वाला क्षेत्र था. 20 साल में इस दिशा में काफी काम हुआ है. जब राज्य का निर्माण हुआ था, उस वक्त यहां महज एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था, लेकिन आज इसकी संख्या बढ़कर 8 हो गई है. आज प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी, एनआईटी, एम्स, लॉ यूनिवर्सिटी जैसी कई बड़ी संस्थाएं खुल गई हैं. इसके अलावा स्कूली शिक्षा में भी काफी विकास हुआ है हालांकि अभी इस दिशा में और काम करने की आवश्यकता है.

Raipur NIT
रायपुर NIT

पढ़ें- 20 साल का छत्तीसगढ़, गौरवशाली इतिहास, समृद्ध परंपरा और संस्कृति का गढ़ है यह प्रदेश

सकल राज्य घरेलू उत्पाद ने लगाई छलांग

इन 20 सालों में राज्य का जीएसडीपी में काफी ग्रोथ दर्ज किया गया है. 2020-21 के बजट के साथ पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य का जीएसडीपी 7.06 फीसदी अनुमानित है. इसमें कृषि क्षेत्र में 3.31 फीसदी, उद्योग 4.94फीसदी और सेवा क्षेत्र में 6.06 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.

IIM Raipur
IIM रायपुर
जोगी ने रखी नींव

छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी का कहना है कि यह विकास कोई 1 साल में नहीं हुआ है. इसके लिए लगातार काम किया गया है. शुरू के 3 साल में कांग्रेस शासन था. उन 3 वर्षों में राज्य के आगे के विकास की मजबूत नींव रखी गई. 15 वर्षों में बीजेपी सरकार के समय इस तरीके से काम हुआ उससे हमारा स्ट्रक्चर खड़ा हुआ और वर्तमान में जो कांग्रेस की सरकार है वह इस स्ट्रक्चर को बेहतर, मजबूत और कहीं ज्यादा आकर्षक बनाने का काम कर रही है.

पिछली सरकार के विकास का पैमाना था, ईंट-गारे, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन: सीएम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शायद इन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते. उनकी मानें तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रदेश के विकास के मायने ईंट, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन ही था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल को लेकर हमला बोला है. 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के 20 वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछली सरकार के विकास का पैमाना ईंट-गारे, गिट्टी, सीमेंट और कमीशन का था. जबकि हमारी सरकार के लिए विकास का पैमाना आम आदमी है. हर व्यक्ति को उसका हक मिलना चाहिए जो स्कूली बच्चे हैं, उन्हें पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए, वे सुपोषित और स्वस्थ रहें, युवाओं को रोजगार मिले और महिलाओं का सम्मान हो, व्यवसायियों और उद्योगपतियों का भी विकास होना चाहिए, लेकिन उसके मूल में आम आदमी हो.

भाजपा सरकार के बनाई सड़कों पर ही दौड़ रही है मंत्रियों की गाड़ियां : सच्चिदानंद उपासने

इधर, भाजपा कहना है कि यदि नींव को मजबूत करना है तो कंक्रीट होना जरूरी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि कांग्रेस के नेताओं ने अपना घर बनाया है उसमें भी कंक्रीट ही है. अब तक कांग्रेस कंक्रीट से अपना घर बनाती रही है और गरीब झुग्गियों में रहता था, लेकिन भाजपा ने गरीबों को भी कंक्रीट के मकान दिए हैं जिससे आज यह कांग्रेस की बराबरी पर आ गए हैं. उपासने ने कहा कि भाजपा ने चहुमुखी विकास किया गया था. स्वास्थ्य, शिक्षा समेत हर क्षेत्र में भाजपा की रमन सरकार ने काम किया था. आज प्रदेश में अच्छी सड़कें भाजपा सरकार की ही देन है. जिसपर आज मंत्रियों की गाड़ियां दौड़ रही है. उपासने ने कहा कि भाजपा सबका विकास सबके साथ और सबका विश्वास पर काम करती है.

आंकड़ों में हर छत्तीसगढ़िया है लखपति

इन तमाम आंकड़ों से समझा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में विकास की दिशा में लंबी छलांग इन 20 सालों में लगाई है, लेकिन अभी बहुत सफर बाकी है यहां जिम्मेदारों को यह जरूर ध्यान देना होगा कि जो विकास हमें आंकड़ों में दिख रहे हैं उसका हिस्सा आम छत्तीसगढ़िया भी हो, जैसे आंकड़ों में हर व्यक्ति करीब एक लाख की आय ले रहा है, लेकिन हकीकत काफी जुदा है. इसे सच में बदलना होगा तभी सही मायने में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का सपना पूरा हो पाएगा.

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