रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद में महात्मा गांधी पर अपशब्दों का प्रयोग करने वाले कालीचरण महाराज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रायपुर केंद्रीय जेल में बंद कालीचरण को एक बार फिर महाराष्ट्र पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ महाराष्ट्र लेकर रवाना हो गई.
कालीचरण के खिलाफ महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज हनुमंत राव चांदुरकर ने वर्धा थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था. इसी मामले में महाराष्ट्र की वर्धा पुलिस मंगलवार को राजधानी रायपुर पहुंची. रायपुर कोर्ट से ट्रांज़िट रिमांड मिलने के बाद जेल में बंद कालीचरण को देर शाम अपने साथ महाराष्ट्र ले कर रवाना हो गई.
कांकेर में नक्सली बनकर डकैती का प्रयास करते तीन आरोपी गिरफ्तार, सीएएफ जवान भी शामिल
रायपुर में पिछले साल आयोजित हुआ था धर्म संसद
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25 और 26 दिसंबर 2021 को दो दिवसीय धर्म संसद का अयोजन किया गया था. इस धर्म संसद में देशभर के कई बड़े साधु और संत शामिल हुए थे. इस दौरान 26 दिसंबर को महाराष्ट्र अकोला निवासी कालीचरण महाराज ने सार्वजनिक मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया और राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को धन्यवाद भी दिया. इसके बाद से न केवल छत्तीसगढ़ में सियासी सरगर्मी तेज हो गई बल्कि देशभर में यह चर्चा का विषय बन गया.
कालीचरण के खिलाफ महाराष्ट्र में भी एफआईआर
कालीचरण के इस विवादित बयान के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे जाने का विरोध उसी मंच पर सबसे पहले गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास महंत ने की. जबकि रामसुंदर दास महंत उस समारोह के संरक्षक भी बनाये गए थे. बावजूद, उन्होंने कालीचरण के दिये बयान का विरोध जताकर कार्यक्रम को आधे बीच में छोड़ दिया था.
पुणे पुलिस भी ले गई थी अपने साथ
कालीचरण महाराज को इससे पहले महाराष्ट्र की पुणे पुलिस साथ ले गई थी. पुणे पुलिस ने रायपुर कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लिया था. उसके बाद अपने साथ महाराष्ट्र ले गई थी. कालीचरण के खिलाफ पुणे के खड़क थाने में धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का एफआईआर दर्ज हुआ था. उस मामले में कालीचरण को पुणे कोर्ट ने जमानत दे दिया है.