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पेगासस मामला: कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, जांच की मांग

पेगासस मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा. कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है और मामले की जांच की मांग की है.

Congress will submit memorandum in Raj Bhavan regarding Pegasus case
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 22, 2021, 2:09 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 7:49 PM IST

रायपुर : पेगासस मामले की जांच को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना हर सरकार की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है इसलिए राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की है. राजभवन पहुंचे मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मोदी सरकार सबकी जासूसी करवा रही है. इसकी इंक्वॉयरी होनी चाहिए.

मोहन मरकाम

पेगासस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस रैली निकाल कर राजभवन पहुंची थी. कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन, रायपुर से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च किया. पुलिस ने राजभवन के बाहर कार्यकर्ताओं को रोक लिया था. कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की थी. कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल को राजभवन के अंदर दाखिल होने दिया गया. प्रतिनिधिमंडल में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत बड़े नेता मौजूद रहे.

delegation-of-congress-leaders-meet-governor-anusuiya-uikey-in-pegasus-case
कांग्रेस की रैली

मोहन मरकाम ने लगाए आरोप

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने ETV भारत से खास बात की थी. मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, जजों और पत्रकारों की जासूसी कराई गई है. मरकाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है. मरकाम ने कहा कि 2017 में पेगासस से जुड़े लोग छत्तीसगढ़ आए थे. यहां विपक्ष के नेताओं को बदनाम करने की साजिश रची थी. लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हुए. हमारी सरकार जांच करा रही है. जो भी शामिल थे उन पर जांच होगी और सरकार कार्रवाई करेगी.

राजभवन पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

पेगासस मामले में रमन का पलटवार, कहा- आरोप बेबुनियाद और झूठे, टैपिंग कांग्रेस की परंपरा

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार से पांच सवाल पूछे थे. मरकाम ने कहा था कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है. लोगों की जासूसी कर रही है. केंद्र को अपने कैबिनेट मंत्रियों पर भी भरोसा नहीं है इसलिए उनकी भी जासूसी कराई जा रही है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित गई की थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.

रमन सिंह ने दिया जवाब

रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) के आरोपों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि 2017 की प्रेस कॉन्फ्रेन्स 2021 में करने जैसी घटना सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो सकती है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए. पूर्व सीएम रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके प्रदेश अध्यक्ष को सपना आता है कि 2017 में पेगासस का मामला हुआ होगा. दिल्ली से सोनिया गांधी के दरबार से जब फोन आता है, तो दोनों प्रेस कॉन्फ्रेन्स के लिए निकल पड़ते हैं. आपकी सरकार है, आपकी पुलिस है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए. इस तरह के आरोप तर्कहीन, बेबुनियाद और झूठे हैं. इस तरह टैप करना कांग्रेस की संस्कृति और परंपरा रही है. भाजपा का केंद्र और छत्तीसगढ़ में इस तरह की घटना में कोई हाथ नहीं है.

रायपुर : पेगासस मामले की जांच को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना हर सरकार की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है इसलिए राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की है. राजभवन पहुंचे मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मोदी सरकार सबकी जासूसी करवा रही है. इसकी इंक्वॉयरी होनी चाहिए.

मोहन मरकाम

पेगासस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस रैली निकाल कर राजभवन पहुंची थी. कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन, रायपुर से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च किया. पुलिस ने राजभवन के बाहर कार्यकर्ताओं को रोक लिया था. कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की थी. कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल को राजभवन के अंदर दाखिल होने दिया गया. प्रतिनिधिमंडल में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत बड़े नेता मौजूद रहे.

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कांग्रेस की रैली

मोहन मरकाम ने लगाए आरोप

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने ETV भारत से खास बात की थी. मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, जजों और पत्रकारों की जासूसी कराई गई है. मरकाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है. मरकाम ने कहा कि 2017 में पेगासस से जुड़े लोग छत्तीसगढ़ आए थे. यहां विपक्ष के नेताओं को बदनाम करने की साजिश रची थी. लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हुए. हमारी सरकार जांच करा रही है. जो भी शामिल थे उन पर जांच होगी और सरकार कार्रवाई करेगी.

राजभवन पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

पेगासस मामले में रमन का पलटवार, कहा- आरोप बेबुनियाद और झूठे, टैपिंग कांग्रेस की परंपरा

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार से पांच सवाल पूछे थे. मरकाम ने कहा था कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है. लोगों की जासूसी कर रही है. केंद्र को अपने कैबिनेट मंत्रियों पर भी भरोसा नहीं है इसलिए उनकी भी जासूसी कराई जा रही है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेगासस कंपनी के लोग 2017 में आए थे. तत्कालीन रमन सरकार और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी. इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई. इस आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा नवंबर 2019 में एक समिति गठित गई की थी. समिति ने इस मामले में जांच की. समिति ने जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं.

रमन सिंह ने दिया जवाब

रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) के आरोपों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि 2017 की प्रेस कॉन्फ्रेन्स 2021 में करने जैसी घटना सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो सकती है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए. पूर्व सीएम रमन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके प्रदेश अध्यक्ष को सपना आता है कि 2017 में पेगासस का मामला हुआ होगा. दिल्ली से सोनिया गांधी के दरबार से जब फोन आता है, तो दोनों प्रेस कॉन्फ्रेन्स के लिए निकल पड़ते हैं. आपकी सरकार है, आपकी पुलिस है. पूरी जानकारी न हो तो प्रेस वार्ता नहीं लेनी चाहिए. इस तरह के आरोप तर्कहीन, बेबुनियाद और झूठे हैं. इस तरह टैप करना कांग्रेस की संस्कृति और परंपरा रही है. भाजपा का केंद्र और छत्तीसगढ़ में इस तरह की घटना में कोई हाथ नहीं है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 7:49 PM IST
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