रायपुर: छत्तीसगढ़ के निर्माण को 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं. राज्य सरकार हर साल की तरह इस साल भी 1 नवंबर को स्थापना दिवस मना रही है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर राज्योत्सव आयोजन नहीं किया गया है. इस साल राज्योत्सव का आयोजन मुख्यमंत्री निवास में मात्र वर्चुअल अलंकरण समारोह तक ही सिमट कर रह गया.
पढ़ें- 20 साल का छत्तीसगढ़: जैसी परिकल्पना थी वैसा नहीं बन सका हमारा छत्तीसगढ़: जागेश्वर प्रसाद
भले ही राज्य सरकार स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाए, लेकिन प्रदेश में एक दल ऐसा भी है जो हर साल 31 अक्टूबर को राज्य के गठन होने का जश्न मनाता है. छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी इस दिन राज जलसा कार्यक्रम का आयोजन करती है. यह आयोजन साल 2000 से लगातार जारी है यही कारण है कि जहां एक और सरकार 20 वां राज्य स्थापना दिवस मनाने जा रही है वहीं छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी 21 वां राज्य स्थापना दिवस मना रही है.
आंदोलनकारियों को किया गया याद
छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के नेतृत्व में 31 अक्टूबर शनिवार को 21वां राज जलसा मनाया गया. इस दौरान पार्टी के सदस्यों ने राज्य निर्माण और वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए. राज्य निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों को याद किया. पार्टी का दावा है कि सबसे पहले राज्य स्थापना के उपलक्ष में राज जलसा का आयोजन उन्होंने किया गया था, जिसे देखने के बाद राज्य सरकार ने राज्योत्सव मनाए जाने का निर्णय लिया.
छत्तीसगढ़ के कलाकारों को नहीं मिलता महत्व
छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के अनिल दुबे ने बताया कि हर साल राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य सरकार राज्योत्सव का आयोजन करती है, लेकिन इस दौरान छत्तीसगढ़िया को महत्व नहीं दिया गया. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने राज्योत्सव के माध्यम से मुंबई के कलाकारों को बुलाकर प्रदेश में कार्यक्रम कराया, लेकिन स्थानीय कलाकारों की पूछ परख नहीं की गई. अनिल दुबे ने इस पूरे राज्योत्सव आयोजन को अधिकारियों के भ्रष्टाचार करने का एक माध्यम बताया है. उनका कहना है कि इस आयोजन से अधिकारी मालामाल हो रहे हैं.
राज्य निर्माण का आंदोलन अब तक जारी
पार्टी के सदस्य जागेश्वर प्रसाद का भी आरोप है की राज्य सरकार राज्योत्सव आयोजित कर वाहवाही लूटने का काम करती है. अपनी योजनाओं को बताने की कोशिश करती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के विकास का उनके पास कोई भी ब्लूप्रिंट इस दौरान देखने को नहीं मिलता है. जागेश्वर ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के द्वारा आयोजित राज जलसा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों को याद किया गया. उन्होंने बताया कि आज भी राज्य निर्माण के आंदोलनकारियों का आंदोलन जारी है और यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक प्रदेश प्रदूषण, बेरोजगारी और कुपोषण मुक्त न हो जाए.
अब देखने वाली बात है कि राज्य सरकार के द्वारा आगामी वर्षों में आयोजित होने वाले राज्योत्सव में स्थानीय लोगों को महत्व दिया जाता है या फिर पूर्वर्ती भाजपा सरकार की तरह बाहरी कलाकारों को बुलाया जाता है. साथ ही इस आयोजन के दौरान लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सरकार का क्या रुख होता है यह भी आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा.