गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. शुक्रवार को किडनी की बीमारी से पीड़ित एक और ग्रामीण की मौत हो गई. मृतक का नाम लखन आडिल है. जिसकी उम्र 59 वर्ष थी. CMHO डॉ नेतराम नवरत्न ने फोन पर बताया कि मृतक किडनी की बीमारी के साथ ही दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित था. उन्होंने ये भी कहा कि मृतक को इलाज के लिए एम्स भेजने की तैयारी थी लेकिन वो जाने को तैयार नहीं था. लगभग हर मौत के बाद विभाग का यहीं रटारटाया बयान होता है. (death due to kidney disease in supebeda )
81 किडनी पीड़ित गवा चुके हैं जान: सुपेबेड़ा छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है जहां किडनी की बीमारी से 5 साल में 81 लोगों की मौत हो चुकी है. किडनी की बीमारी का प्रकोप यहां बढ़ता ही जा रहा है. बीते अप्रैल महीने में एक पीड़ित की मौत हुई थी. गांव में 100 से ज्यादा लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. गांवों में लगातार होने वाली मौतों के बाद दावे तो बहुत किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ काम नहीं आया. (kidney disease supebeda )
2018 में हुई थी शुद्ध पेयजल गांव लाने की घोषणा: गांव में फैली बीमारी की वजह दूषित पानी को बताया जा रहा है. 23 दिसम्बर 2018 को गांव में शुद्ध पेयजल के लिए भूपेश सरकार ने तेल नदी से एक साल के भीतर पानी लाने की घोषणा की थी. लेकिन 3 साल बीतने के बाद इस पर काम नहीं हुआ. हालांकि सरकार ने किडनी की बीमारी का प्रकोप कम करने के लिए फ्लोराइड और आरसेनिक रिमूवल प्लांट जरूर लगाए लेकिन ये भी कुछ कारगर साबित नहीं हुए. लोग तो आज भी हैंडपंप और झिरिया का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. छत्तीसगढ़ में सरकारें बदली लेकिन सूपेबेड़ा के लोगों की किस्मत नहीं बदली. नेताओं के खोखले दावे सुनकर ग्रामीण परेशान हो गए. शायद इसी वजह से वे इलाज के लिए भी एम्स या दूसरे जगह जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. (Causes of kidney disease in Supebeda)