रायपुर: कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए गए हैं. कांग्रेस का कहना है कि जब कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकारें केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग कर रही हैं, तो उसके लिए केंद्र के पास पर्याप्त राशि नहीं है, लेकिन दूसरी ओर 50 बैंक घोटालेबाजों का 68 हजार करोड़ रुपए सरकार की ओर से माफ कर दिया जाता है. आखिर इसके पीछे क्या वजह है. मोदी सरकार से इस सवाल का जवाब कांग्रेस ने मांगा है.
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई बातचीत में राज्यों ने 1 लाख करोड़ रुपए की राशि की मांग कोरोना से निपटने के लिए की है. इसके बाद सरकार की ओर से ना तो राज्यों को अभी तक यह राशि दी गई है और ना ही इसे दिए जाने के बारे में मोदी सरकार ने अभी तक कोई बात कही है.
'50 बैंक घोटालेबाजों के 68 हजार करोड़ रुपए माफ'
दूसरी ओर केंद्र सरकार की तरफ से 50 बैंक घोटालेबाजों के 68 हजार करोड़ रुपए माफ किए गए हैं. इससे राज्यों की जरूरतों की राशि का एक बड़ा हिस्सा पूरा किया जा सकता था. केंद्र सरकार के पास 113 लाख सरकारी कर्मचारियों, सैनिकों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते की राशि देने के लिए 38 हजार करोड़ नहीं है और कोरोना के मद्देनजर यह राशि देने से मना कर दिया गया है, लेकिन 50 बैंक डिफॉल्टर्स का 68 हजार करोड़ माफ कर दिया गया है.
'बीजेपी शासनकाल में बैंक घोटालों में हुई वृद्धि'
शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बीजेपी शासनकाल में 5 लाख 10 हजार करोड़ की राशि माफ किए जाने की जानकारी देते हुए बताया है कि मोदी सरकार बनने के बाद देश में बैंक घोटालों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और 2014 से 2020 तक 32,868 बैंक घोटाले के मामलों में 2 लाख 70 हजार करोड़ की राशि गबन की जा चुकी है. बैंक लोन की राशि राइट ऑफ किए जाने और बैंक घोटालों के प्रकरणों और राशि की वर्षवार तालिका जारी की गई है.
'RTI के जवाब से हुआ खुलासा'
शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 24 अप्रैल 2020 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से आरटीआई के जवाब से खुलासा हुआ है कि मेहुल चौकसे, नीरव मोदी, विजय माल्या और अन्य बकायादारों भगोड़ों के 68 हजार करोड़ रुपए राइट ऑफ किए जा चुके हैं.
'50 बैंक घोटालेबाजों में मेहुल चौकसे, नीरव मोदी और विजय माल्या शामिल'
16 मार्च 2020 को भी राहुल गांधी ने ये लिस्ट लोकसभा में सवाल लगाकर मांगी थी, तब सरकार ने इस लिस्ट और इन नामों का खुलासा करने से इनकार कर दिया था. कारण क्या था, यह लिस्ट से बहुत साफ हो गया है, क्योंकि उसमें पहला नाम ही मेहुल चौकसे का है. नीरव मोदी और विजय माल्या भी इसी सूची में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि 50 लोगों के लोन माफ करने का कारण क्या है और इन लोगों के साथ भाजपा का क्या संबंध है, इसका कोई खुलासा ना सरकार ने किया और ना ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया है.