रायपुर: कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा शराबबंदी समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने शराब बंदी के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना(Satyanarayan Sharma statement on liquor ban) साधा है. शर्मा ने शराबबंदी पर नया राग भी छेड़ा है. सत्यनाराण शर्मा ने कहा है कि पूरे देश में शराबबंदी होनी चाहिए, नहीं तो स्मगलिंग होगी. उन्होंने शराबबंदी के लिए भाजपा शासित राज्यों को भी कहा है. शर्मा ने कहा कि ''जहां जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां पहले भाजपा को शराबबंदी करनी चाहिए. 15 साल प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान शराबबंदी क्यों नहीं की गई? पहले जो शराबबंदी (liquor ban in Chhattisgarh) की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने मेरा पुतला जलाया, वह खुद शराब छोड़ दें. सभी जानते हैं कि पुतला जलाने में जो प्रमुख व्यक्ति थे, वह खुद शराब पीते हैं. ''
जब जनता आंदोलन करेगी, तो पूरे देश में एक साथ शराबबंदी हो जाएगी: शर्मा ने कहा कि आज यह शराबबंदी का मुद्दा जनता का नहीं है बल्कि भाजपा का है. जनता शराबबंदी की मांग को लेकर कई आंदोलन नहीं कर रही है. जिस दिन जनता शराबबंदी को लेकर आंदोलन करेगी, उस दिन पूरे देश में एक साथ शराबबंदी हो जाएगी.
सिर्फ कागजों पर शराबबंदी: सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि ''आज गुजरात बिहार में शराबबंदी है, जहां लोगों की जहरीली शराब पीकर मौत हो रही है. क्या वहां शराब नहीं बिक रही है? पड़ोसी राज्यों से शराब वहां पहुंचाई जा रही है. मध्यप्रदेश हमारा बड़ा भाई है. मध्य प्रदेश से गुजरात शराब पहुंच रही है. ऐसे में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर ही है.''
धीरे धीरे शराबबंदी की ओर कदम: शर्मा ने कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है. यह धीरे धीरे दूर की जा सकती है. इसके लिए सभी का सहयोग चाहिए. रातों रात शराबबंदी नहीं की जा सकती. प्रदेश में शराबबंदी की ओर सरकार क्रमशः आगे बढ़ रही है. दुकानें कम की गई है.'' हालांकि दुकान कम करने के बाद भी बढ़ते राजस्व को लेकर वे गोलमोल जवाब देते नजर आए.
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शराबबंदी के लिए समिति: शर्मा ने कहा कि ''शराबबंदी के लिए समिति बनाई गई है. जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां समिति जाएगी और उसके बाद शराबबंदी को लेकर सुझाव दिया जाएगा. इसके लिए बीजेपी के विधायकों के नाम भी मांगे गए थे. उन्होंने देने से मना कर दिया है. जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां जाने के लिए उन राज्यों की सहमति का इंतजार किया जा रहा है. सहमति मिलते ही, उन राज्यों का भ्रमण किया जाएगा.''
शर्मा ने कुछ आंकड़े भी पेश किये: सत्यनारायण शर्मा ने कहा ''हरियाणा में एक बार 21 महीने के लिए शराबबंदी हुई थी. इस दौरान शराब से संबंधित एक लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हुए. अवैध शराब की 13 लाख से अधिक बोतलें जब्त हुईं. वहीं जहरीली शराब की घटना में 60 लोगों की मौत हुई. बिहार ने 2016 में शराबबंदी की. परिणाम यह हुआ कि उसी साल वहां के गोपालगंज जिले में अवैध शराब पीने की वजह से 15 लोगों की मौत हो गई. बिहार में इस साल 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. पिछले साल 39 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई थी. अवैध शराब बेचने, लाने, ले जाने और पीने के मामले में बिहार में 6 लाख 32 हजार लोगों पर केस हुआ है. वहां पूरे प्रदेश में ऊंची दर पर शराब बिक रही है. इसकी वजह से पुलिस में भ्रष्टाचार बढ़ा है. वहां की अदालतों में अवैध शराब के ही ढाई लाख से अधिक केस लंबित हैं, जो न्यायपालिका की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं.''
एक साथ बंद करना होगा, तभी तस्करी पर भी लगाम लगेगी: विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, ''गुजरात जैसे पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य में भी करीब 150 लोग जहरीली शराब की वजह से मर गए. शराबबंदी के मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं है. अगर सफल शराबबंदी करनी है तो पूरे देश में एक साथ बंद करना होगा, तभी तस्करी पर भी लगाम लगेगी.''