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राज्य में कहीं शैक्षणिक उत्साह तो कहीं पहले दिन ही नहीं खुले स्कूलों के 'ताले' - not open

राज्य सरकार के द्वारा 2 सितंबर से स्कूल(School) खोले जाने का आदेश (Order) जारी हुआ. लेकिन प्रदेश भर में पहले दिन (first day) गिने-चुने स्कूलों (schools) में ही उन आदेशों को गंभीरता (seriousness) से लिया गया.

The locks of schools did not open on the first day itself
पहले दिन ही स्कूलों के नहीं खुले ताले
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Published : Sep 3, 2021, 5:26 PM IST

सरगुजा/बस्तर/रायपुरः 2 सितंबर से स्कूल खोले जाने के(school opening orders) अचानक आदेश की वजह से सरगुजा में पहले दिन 6 वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं की कक्षाओं का संचालन (conduct classes) नहीं किया जा सका. 1 सितंबर की देर शाम जारी आदेश की वजह से इतने कम समय में पालक समिति (foster committee) की अनुमति (permission) लेना संभव नही था, लिहाजा स्कूलों में इन कक्षाओं का संचालन नहीं हुआ.

पहले दिन ही स्कूलों के नहीं खुले ताले

पूर्व के आदेश के अनुसार 50 फीसदी उपस्थिति के साथ पहली से 8 वीं और 10वीं की कक्षाओं का संचालन (conduct classes) किया का रहा है. नए आदेश के सबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) ने बताया कि शासन के नियमानुसार पालक संघ (foster committee) की अनुमति मिलने और कोरोना संक्रमण (corona infection) की स्थिति को देखते हुए स्कूलों में इन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा.

इधर, बस्तर में स्कूल खुलने की खुशी छात्रों में पहले दिन से ही दिखने लगी है. राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद जिले में प्राथमिक और हाई स्कूल की कक्षाएं शुरू कर दी गईं. जिले में 6 वीं से 12वीं कक्षा तक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. करीब डेढ़ साल के बाद अपने स्कूल पहुंचे छात्रों में स्कूल खुलने को लेकर काफी खुशी देखने को मिली.

हाथों की धुलाई और सैनिटाइजेशन है जरूरी

स्कूल प्रबंधन (school management) ने भी कोरोना (corona) से बचने के सारे नियमों का पालन बच्चों से करवाए. जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूल (government and private schools) में पहले से ही स्कूल प्रबंधन (school management) ने तैयारियां दुरुस्त कर रखी थीं. स्कूल पहुंचे छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) करने के साथ ही उनकी हाथ धुलाई गई और सैनिटाइजर (sanitizer) को अनिवार्य किया गया.

पहले दिन ही सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र (student) उपस्थित हुए. ETV भारत की टीम ने शहर के भगत सिंह स्कूल में पहुंचकर पहले दिन की शैक्षणिक गतिविधियों (academic activities) का हाल जाना. यहां छठवीं, सातवीं, आठवीं, नौवीं और 11वीं की कक्षाएं संचालित मिलीं. स्कूल पहुंचे छात्रों को सबसे पहले यहां थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) किया गया. उसके बाद सैनिटाइजर इस्तेमाल करने के बाद स्कूल में प्रवेश दिया गया.

रायपुर में कोरोना गाॅइडलाइन का हुआ पालन

रायपुर में भी गुरुवार से मिडिल स्कूल (middle Schoo) खोल दिए (schools open) गए. स्कूलों का पहला दिन होने के कारण बच्चे काफी उत्साहित दिखे. टीचर्स (teachers) भी स्कूल खुलने को लेकर पूरी तैयारी में दिखे. इस दौरान राजधानी के स्कूलों में कोरोना गाॅइडलाइन (guidelines) का पालन किया गया.

स्कूल खुलने के पहले दिन मिडिल क्लास के बच्चे स्कूल पहुंचे. ETV भारत ने जे एन पांडे गवर्नमेंट (Government) स्कूल का जायजा लिया था. स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल में आकर उन्हें काफी अच्छा लगा. अब कम से कम उनकी शैक्षणिक गतिविधियां जारी रह सकेंगी और पाठ्यक्रम (syllabus) समय से पूरा होगा.

सरगुजा/बस्तर/रायपुरः 2 सितंबर से स्कूल खोले जाने के(school opening orders) अचानक आदेश की वजह से सरगुजा में पहले दिन 6 वीं, 7वीं, 9वीं, 11वीं की कक्षाओं का संचालन (conduct classes) नहीं किया जा सका. 1 सितंबर की देर शाम जारी आदेश की वजह से इतने कम समय में पालक समिति (foster committee) की अनुमति (permission) लेना संभव नही था, लिहाजा स्कूलों में इन कक्षाओं का संचालन नहीं हुआ.

पहले दिन ही स्कूलों के नहीं खुले ताले

पूर्व के आदेश के अनुसार 50 फीसदी उपस्थिति के साथ पहली से 8 वीं और 10वीं की कक्षाओं का संचालन (conduct classes) किया का रहा है. नए आदेश के सबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) ने बताया कि शासन के नियमानुसार पालक संघ (foster committee) की अनुमति मिलने और कोरोना संक्रमण (corona infection) की स्थिति को देखते हुए स्कूलों में इन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा.

इधर, बस्तर में स्कूल खुलने की खुशी छात्रों में पहले दिन से ही दिखने लगी है. राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद जिले में प्राथमिक और हाई स्कूल की कक्षाएं शुरू कर दी गईं. जिले में 6 वीं से 12वीं कक्षा तक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. करीब डेढ़ साल के बाद अपने स्कूल पहुंचे छात्रों में स्कूल खुलने को लेकर काफी खुशी देखने को मिली.

हाथों की धुलाई और सैनिटाइजेशन है जरूरी

स्कूल प्रबंधन (school management) ने भी कोरोना (corona) से बचने के सारे नियमों का पालन बच्चों से करवाए. जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूल (government and private schools) में पहले से ही स्कूल प्रबंधन (school management) ने तैयारियां दुरुस्त कर रखी थीं. स्कूल पहुंचे छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) करने के साथ ही उनकी हाथ धुलाई गई और सैनिटाइजर (sanitizer) को अनिवार्य किया गया.

पहले दिन ही सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र (student) उपस्थित हुए. ETV भारत की टीम ने शहर के भगत सिंह स्कूल में पहुंचकर पहले दिन की शैक्षणिक गतिविधियों (academic activities) का हाल जाना. यहां छठवीं, सातवीं, आठवीं, नौवीं और 11वीं की कक्षाएं संचालित मिलीं. स्कूल पहुंचे छात्रों को सबसे पहले यहां थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) किया गया. उसके बाद सैनिटाइजर इस्तेमाल करने के बाद स्कूल में प्रवेश दिया गया.

रायपुर में कोरोना गाॅइडलाइन का हुआ पालन

रायपुर में भी गुरुवार से मिडिल स्कूल (middle Schoo) खोल दिए (schools open) गए. स्कूलों का पहला दिन होने के कारण बच्चे काफी उत्साहित दिखे. टीचर्स (teachers) भी स्कूल खुलने को लेकर पूरी तैयारी में दिखे. इस दौरान राजधानी के स्कूलों में कोरोना गाॅइडलाइन (guidelines) का पालन किया गया.

स्कूल खुलने के पहले दिन मिडिल क्लास के बच्चे स्कूल पहुंचे. ETV भारत ने जे एन पांडे गवर्नमेंट (Government) स्कूल का जायजा लिया था. स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल में आकर उन्हें काफी अच्छा लगा. अब कम से कम उनकी शैक्षणिक गतिविधियां जारी रह सकेंगी और पाठ्यक्रम (syllabus) समय से पूरा होगा.

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