रायपुर : अक्ती पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के खेत में ठाकुर देवता की पूजा अर्चना की. इसी दिन से खेती-किसानी के नए कामों की शुरुआत भी होती है. सीएम भूपेश ने प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्ती पर्व (CM Bhupesh Baghel in Akti festival) पर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन और जैविक दूध उत्पादन के लिए डेयरी का लोकार्पण भी किया.अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में बनी बाड़ी में ट्रैक्टर चलाने के बाद (CM Bhupesh drives tractor)लौकी, कुम्हड़ा और तरोई के बीजों का रोपण भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया.
सीएम ने बताया महत्व : भूपेश बघेल ने कहा कि माटी पूजन महाभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पुनर्स्थापना करना है. खेती किसानी में पानी का विशेष महत्व होता है.इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिसर में बनाए गए लघु वाटिका में कुएं का पूजन भी किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन के अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय में सभी को शपथ दिलाते हुए कहा कि "हमारी माटी जिसे हम माता भुइयां कहते हैं उसकी हम हमेशा रक्षा करेंगे. हमारी कृषि परंपरा में यह दिन विशेष महत्व रखता है. अक्षय तृतीया से नई फसल के लिए तैयारी शुरू होती है. माटी पूजन महाभियान का लक्ष्य रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती की पूर्णस्थापना है.''
![CM Bhupesh did soil worship in Akti festival](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-02-raipur-breaking-cm-img-7208443_03052022135516_0305f_1651566316_1058.jpg)
जैविक खेती को मिले बढ़ावा : सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में माटी तिहार का आयोजन किया गया था. धरती हमारी माता है , छत्तीसगढ़ को भी हम महतारी के रूप में पूजते हैं. आज अक्ती है. माटी पूजा के लिए आज से बड़ा कोई त्यौहार नहीं हो सकता. कई वर्षों से किसान आज के दिन बीज लेकर खेत में जाते हैं , खेत की पूजा करते हैं,अच्छी फसल की कामना करते हैं. आज लोग ग्लोबल वार्मिंग क्लाइमेट चेंज से परेशान हो रहे हैं. मिट्टी को भी हमें माता की तरह पूजना चाहिए और यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि आखिर मिट्टी में हम गाड़ क्या रहे हैं. जितना भी हम पेस्टिसाइड्स और फर्टिलाइजर का प्रयोग (Use of organic in khaad fields) करेंगे, उतना ही हमारे प्रकृति को नुकसान होगा., इसके साथ-साथ इंसानों में भी उसका असर दिखाई देगा. चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक.मिट्टी के स्वास्थ्य के ऊपर हमें विशेष रूप से ध्यान देना है. हमे मिट्टी की भी पूजा करनी चाहिए.''
![CM Bhupesh did soil worship in Akti festival](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-02-raipur-breaking-cm-img-7208443_03052022135516_0305f_1651566316_563.jpg)
बुधवार से दौरे पर रहेंगे सीएम : सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''कल से सरगुजा में लगभग 7 दिन तक लगातार दौरा रहेगा. इसके साथ-साथ प्रत्येक विधानसभा में जाने का मेरा प्रयास है. 90 विधानसभा और हर विधानसभा में करीब 1 दिन रुकने का प्रयास करूंगा. चाहे उसके लिए मुझे 4-5 महीने लगे. सभी विधानसभा में जाकर वहां के विकास और वहां की परिस्थिति का जायजा (Bhupesh Baghel assembly tour) लूंगा. अधिकारियों के साथ बैठक कर लूंगा. इसके साथ-साथ वहां के कार्यकर्ताओं के साथ भी मुलाकात होगी.
![CM Bhupesh did soil worship in Akti festival](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-02-raipur-breaking-cm-img-7208443_03052022135516_0305f_1651566316_446.jpg)
गांवों में भी निभाई गई परंपरा : ग्रामीण परंपरा के अनुसार किसान इसे खरीफ के लिए पहला दिन मानकर बोनी का मुहूर्त करते है. इसके बाद खेती के लिए कृषि यंत्रों, बीज, खेतों का समतलीकरण, गोबर खाद डालने जैसे कार्यो में जूट जाते है। कृषि से जुड़े होने के कारण गांवों में अक्षय तृतीय या अक्ती का खास महत्व है. किसान इस दिन गांवों के सभी देवी देवताओं की पूजा ग्राम बैगा की अगुवाई में करते है. जब तक सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना नहीं कर ली जाती. तब तक गांवों में सभी कार्य निषिद्ध रहते हैं. और तो और कुएं से पानी निकालने की मनाही रहती है. पूजा के लिए पानी गांव के तालाब से लाकर रस्मों की अदायगी की जाती है.