रायपुर: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 14 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कृषि मंडई का आयोजन किया गया है. इसमें छत्तीसगढ़ के किसान और कृषि महाविद्यालय अलग अलग उत्पाद और नई तकनीक से विकसित सामानों की प्रदर्शनी और स्टाल लगा (Chhuikhadan Agricultural College made munga Tea) रहे हैं. छुईखदान कृषि महाविद्यालय ने भी एक खास उत्पाद मुनगा चाय विकसित किया है. munga Tea in Chhattisgarh
स्वास्थ्य और पोषण का ध्यान: छुईखदान कृषि महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक बीएस असाटी ने बताया कि "अंतर्राष्ट्रीय कृषि मंडई में इस बार छत्तीसगढ़ मुनगा चाय का प्रदर्शन किया जा रहा है. यह छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि भारत की पहली ऐसी चाय है, जो मुनगा से तैयार की गई है. यह लोगों के स्वास्थ्य और पोषण को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. मुनगा के फ्लेक्स स्टीविया और ग्रीन टी को मिक्स कर इस चाय को बनाया गया है. मुनगा चाय दो फ्लेवर में तैयार की गई है. एक लेमन फ्लेवर और दूसरा इलाइची फ्लेवर है. यह डायबिटीज और बीपी जैसे रोग को नियंत्रित करने में भी सहायक होगी."
यह भी पढ़ें: अलसी और केले के रेशे से जैकेट और साड़ियां, जानिए खूबी
हेल्थ इश्यूज को एड्रेस कर बनाई गई है मुनगा चाय: छुईखदान कृषि महाविद्यालय के डीन एनके रस्तोगी का कहना है कि "लोगों के हेल्थ इश्यूज को एड्रेस कर मुनगा चाय को तैयार किया गया है. ब्लड सर्कुलेशन, डाइजेशन, वजन कम करने जैसे तमाम तरह की समस्याओं से लोगों को निजात दिलाने में यह उपयोगी है. शुगर के पेशेंट के लिए भी यह चाय कारगर साबित होगी. मोरेंगा पाउडर को कुकिस चॉकलेट और नमकीन बनाने में भी इस्तेमाल किया गया है. यह अपनी तरह का पहला और अनोखा प्रयोग छुईखदान कृषि महाविद्यालय ने किया है."