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छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी, महिलाओं को मिली आर्थिक मजबूती

छत्तीसगढ़ राज्य की पहचान धान के कटोरे के रूप में की जाती है. अब छत्तीसगढ़ की नई पहचान वनों से प्राप्त हर्बल प्रोडक्ट से हो रही है. छत्तीसगढ़ के हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड दूसरे राज्यों के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बढ़ी है. छत्तीसगढ़ हर्बल्स उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. Chhattisgarh herbal brand gaining popularity

Chhattisgarh herbal brand
छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड
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Published : Oct 4, 2022, 12:11 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 1:14 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट के नाम से छत्तीसगढ़ के वन उत्पादों को बाजारों में उपलब्ध कराती है. राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केंद्र द्वारा 130 से अधिक प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इनमें से 90 प्रोडक्ट महिला स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किए जाते हैं.Chhattisgarh herbal brand gaining popularity

छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड

300 प्रतिशत बिक्री में ग्रोथ: छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की 2 साल पहले बिक्री 1.41 करोड़ रुपए की थी. साल 2021 की बिक्री में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. हर्बल प्रोडक्ट बिक्री से 6.34 करोड़ रुपए की बिक्री हुई. ग्रोथ रेट 300 प्रतिशत से ज्यादा है. इस साल हर्बल प्रोडक्ट बिक्री में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री का टारगेट रखा गया है.

महिलाओं को मिल रही आर्थिक मजबूती: छत्तीसगढ़ के जंगलों से आदिवासी महिलाओं द्वारा इकट्ठा किए गए और तैयार किए गए उत्पादों को 'छत्तीसगढ़ हर्बल' ब्रांड के तहत बेचा जाता है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया "राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत सैकड़ों आदिवासी परिवार और उनकी महिलाएं लघु वनोपज संग्रहण से सीधे जुड़ी हुई हैं. हम फेडरेशन के माध्यम से 200 करोड़ का लघु वनोपज का संग्रहण महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से करते हैं. इसका सीधा लाभ महिला स्व सहायता समूह को भी मिलता है.''

इतने स्टोर में होती है हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री: छत्तीसगढ़ सरकार अपने हर्बल उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से बेचती है. छत्तीसगढ़ में 32 संजीवनी स्टोर,150 से ज्यादा धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर, 30 C-mart के साथ साथ 300 से ज्यादा रिटेल शाप में हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री होती है. ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी यह प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया कि ''लगभग 3500 महिला स्व सहायता समूह गांव और हाट बाजारों में विक्रय करती है. 42 हजार सदस्य हैं. 18000 महिला सदस्यों का 1500 सहायता समूह इसके प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का काम करता है. इस प्रकार 60000 महिलाएं प्रसंस्करण और वैल्यूएशन पर काम करती हैं. महिलाओं के द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट छत्तीसगढ़ हर्बल के माध्यम से वितरण करते हैं.''

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की टूटी कमर, बुजुर्ग तीर्थस्थल दर्शन से वंचित

छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट पसंद कर रहे लोग: छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला के मुताबिक ''छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट को बेहद पसंद किया जा रहा है. हमारे द्वारा वन धन विकास केंद्र में नए प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि उत्पादों की उच्च गुणवत्ता लगातार बनी रहे. इसके साथ ही दीपावली के मौके पर गिफ्ट पैक भी बाजार में लाए जा रहे हैं. इसमें छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों को आकर्षक पैकेजिंग में उपलब्ध कराया जाएगा.''

ये प्रोडक्ट बेचे जा रहे: हर्बल ब्रांडों में भृंगराज तेल, नीम का तेल, हर्बल साबुन, च्यवनप्राश, शुद्ध शहद, सैनिटाइजर, हर्बल हवन सामग्री, बीज का तेल, आंवला जूस, बेल शर्बत, जामुन का रस, महुआ आरटीएस, महुआ स्क्वैश, हर्बल कॉफी, आंवला लच्छा, अचार, पाचक शामिल हैं. इसके साथ ही आंवला कैंडी, बेल मुरब्बा, चाय, महुआ लड्डू, जैम, कुकीज, अचार, चिक्की, चंक्स और इमली कैंडी, इमली की चटनी और जामुन चिप्स, मसाला गुड़ पाउडर और विभिन्न आयुर्वेद चूर्ण उत्पाद बेचे जा रहे हैं.

ऑनलाइन प्लेटफार्म में तीखुर की डिमांड ज्यादा: छत्तीसगढ़ हर्बल के सभी प्रोडक्ट की डिमांड रहती है. ऑनलाइन प्लेटफार्म में सबसे ज्यादा डिमांड तीखुर की है. यह एक प्रकार का औषधीय पौधा है. इसकी जड़ से स्टार्च के रूप में तीखुर निकलता है. तिखूर कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है. इसकी तासीर ठंडी होती है. गर्मी के दिनों में लू से बचने के लिए दिया जाता है. पेट की बीमारियों और हैजा के उपचार में भी यह सहायक होता है. सुपाच्य होने का कारण बेबी फूड के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

रायपुर: राज्य सरकार छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट के नाम से छत्तीसगढ़ के वन उत्पादों को बाजारों में उपलब्ध कराती है. राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केंद्र द्वारा 130 से अधिक प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इनमें से 90 प्रोडक्ट महिला स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किए जाते हैं.Chhattisgarh herbal brand gaining popularity

छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की डिमांड

300 प्रतिशत बिक्री में ग्रोथ: छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट की 2 साल पहले बिक्री 1.41 करोड़ रुपए की थी. साल 2021 की बिक्री में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. हर्बल प्रोडक्ट बिक्री से 6.34 करोड़ रुपए की बिक्री हुई. ग्रोथ रेट 300 प्रतिशत से ज्यादा है. इस साल हर्बल प्रोडक्ट बिक्री में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री का टारगेट रखा गया है.

महिलाओं को मिल रही आर्थिक मजबूती: छत्तीसगढ़ के जंगलों से आदिवासी महिलाओं द्वारा इकट्ठा किए गए और तैयार किए गए उत्पादों को 'छत्तीसगढ़ हर्बल' ब्रांड के तहत बेचा जाता है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया "राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत सैकड़ों आदिवासी परिवार और उनकी महिलाएं लघु वनोपज संग्रहण से सीधे जुड़ी हुई हैं. हम फेडरेशन के माध्यम से 200 करोड़ का लघु वनोपज का संग्रहण महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से करते हैं. इसका सीधा लाभ महिला स्व सहायता समूह को भी मिलता है.''

इतने स्टोर में होती है हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री: छत्तीसगढ़ सरकार अपने हर्बल उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से बेचती है. छत्तीसगढ़ में 32 संजीवनी स्टोर,150 से ज्यादा धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर, 30 C-mart के साथ साथ 300 से ज्यादा रिटेल शाप में हर्बल प्रोडक्ट की बिक्री होती है. ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी यह प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला ने बताया कि ''लगभग 3500 महिला स्व सहायता समूह गांव और हाट बाजारों में विक्रय करती है. 42 हजार सदस्य हैं. 18000 महिला सदस्यों का 1500 सहायता समूह इसके प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का काम करता है. इस प्रकार 60000 महिलाएं प्रसंस्करण और वैल्यूएशन पर काम करती हैं. महिलाओं के द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट छत्तीसगढ़ हर्बल के माध्यम से वितरण करते हैं.''

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की टूटी कमर, बुजुर्ग तीर्थस्थल दर्शन से वंचित

छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट पसंद कर रहे लोग: छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध निर्देशक संजय शुक्ला के मुताबिक ''छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट को बेहद पसंद किया जा रहा है. हमारे द्वारा वन धन विकास केंद्र में नए प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि उत्पादों की उच्च गुणवत्ता लगातार बनी रहे. इसके साथ ही दीपावली के मौके पर गिफ्ट पैक भी बाजार में लाए जा रहे हैं. इसमें छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों को आकर्षक पैकेजिंग में उपलब्ध कराया जाएगा.''

ये प्रोडक्ट बेचे जा रहे: हर्बल ब्रांडों में भृंगराज तेल, नीम का तेल, हर्बल साबुन, च्यवनप्राश, शुद्ध शहद, सैनिटाइजर, हर्बल हवन सामग्री, बीज का तेल, आंवला जूस, बेल शर्बत, जामुन का रस, महुआ आरटीएस, महुआ स्क्वैश, हर्बल कॉफी, आंवला लच्छा, अचार, पाचक शामिल हैं. इसके साथ ही आंवला कैंडी, बेल मुरब्बा, चाय, महुआ लड्डू, जैम, कुकीज, अचार, चिक्की, चंक्स और इमली कैंडी, इमली की चटनी और जामुन चिप्स, मसाला गुड़ पाउडर और विभिन्न आयुर्वेद चूर्ण उत्पाद बेचे जा रहे हैं.

ऑनलाइन प्लेटफार्म में तीखुर की डिमांड ज्यादा: छत्तीसगढ़ हर्बल के सभी प्रोडक्ट की डिमांड रहती है. ऑनलाइन प्लेटफार्म में सबसे ज्यादा डिमांड तीखुर की है. यह एक प्रकार का औषधीय पौधा है. इसकी जड़ से स्टार्च के रूप में तीखुर निकलता है. तिखूर कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम का प्रमुख स्रोत है. इसकी तासीर ठंडी होती है. गर्मी के दिनों में लू से बचने के लिए दिया जाता है. पेट की बीमारियों और हैजा के उपचार में भी यह सहायक होता है. सुपाच्य होने का कारण बेबी फूड के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

Last Updated : Oct 4, 2022, 1:14 PM IST
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