रायपुर: राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण कर दिया है. निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपर स्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है. ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है. बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम और बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है. शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं. निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को खुद वहन करना होगा.
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A-श्रेणी वाले जिलों के एन.ए.बी.एच. (National Accreditation Board of Hospitals) मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6,200 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ ऑक्सीजन और पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है. अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है. इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) और पीपीई किट शामिल है. एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6,200 रुपए, 10 हजार रुपए और 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है.
निर्धारित शुल्क ही ले सकेंगे अस्पताल
B-श्रेणी में शामिल जिलों के सुपर स्पेशियालिटी सुविधा वाले अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और C-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे. सभी अस्पताल डायग्नोसिस के लिए आयुष्मान भारत और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत आई.पी.डी. मरीजों के लिए निर्धारित शुल्क ही लेंगे. जहां ये योजनाएं लागू नहीं है वहां सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) दरों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा. सभी अस्पतालों में दवाइयों की कीमत वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार ही लिए जाएंगे.
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
कोविड-19 का इलाज करने वाले अस्पतालों को डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ के क्वॉरेंटाइन के लिए राज्य शासन के जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा. साथ ही स्वास्थ्य विभाग और आईसीएमआर के जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी अनिवार्य होगा. इन नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए यह आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 और छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत जारी किया गया है. इस आदेश का उल्लंघन इन नियमों के अंतर्गत दंडनीय होगा.