रायपुर: प्रदेश भर के लाखों शासकीय कर्मचारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Chhattisgarh government employees officers strike) पर हैं. इनके हड़ताल पर जाने से शासकीय कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. हालांकि इन अधिकारी कर्मचारियों के पहले भी 365 दिन में आधे दिन छुट्टी पर रहने के आरोप लगते रहे हैं. शनिवार और रविवार तीज त्यौहार, ईएल, सीएल सहित अन्य अवसरों पर मिलने वाली छुट्टियां भी मिलती है. उसके बाद हड़ताल पर जाने से उन छुट्टी के दिनों में कई गुना इजाफा (Chhattisgarh employees get more holidays) हो जाता है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इन शासकीय कर्मचारियों को साल में कितने दिन की छुट्टी मिलती है.
सप्ताह में 2 दिन मिलता है साप्ताहिक अवकाश: पहले शासकीय कर्मचारियों को रविवार साप्ताहिक अवकाश मिलता था. लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फरवरी 2022 से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को भी शासकीय कर्मचारियों के लिए छुट्टी घोषित कर दिया. इस तरह से अब सप्ताह में 1 की जगह 2 दिन का छुट्टी शासकीय कर्मचारियों को मिल रहा है. इसी तरह 1 महीने में लगभग चार रविवार और चार शनिवार पड़ते हैं. कई बार शनिवार और रविवार 5 दिन भी पड़ जाते हैं. जिस वजह से महीने में इन छुट्टियों की संख्या 9 से 10 दिन भी हो जाती है. एक अनुमान के मुताबिक साल में 56 सप्ताह होते हैं. यदि एक सप्ताह में 2 दिन कर्मचारियों के द्वारा छुट्टी ली जाती है, तो साल का 112 दिन होता है. यानी कि 365 दिन में 112 दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी इन कर्मचारियों को मिलती है.
साल में 70 दिन छुट्टी ले सकते हैं कर्मचारी: कर्मचारियों को 13 सीएल भी दिया जाता है. इसके अलावा 30 ईएल भी साल में दिया जाता है. साथ ही वर्ष 2022 में 14 सार्वजनिक और 10 सामान्य छुट्टी भी दी गई है. इतना ही नहीं तीन स्थानीय त्यौहारों पर 3 दिन का ऐच्छिक अवकाश भी मिलता है. इस तरह से यह कर्मचारी सीएल, ईएल और ऐच्छिक अवकाश मिलाकर साल में कुल 70 दिन छुट्टी ले सकते हैं.
365 दिन में से कुल 182 दिन की छुट्टी, हड़ताल के दिन शामिल नहीं: इसके अलावा भी कई अवसरों पर इन शासकीय कर्मचारियों को छुट्टी प्रदान की जाती है. उन छुट्टियों को छोड़ दिया भी दिया जाए, तो जो वर्तमान में छुट्टी के आंकड़े हैं. उसके हिसाब से इन कर्मचारियों को 365 दिन में से 182 दिन की छुट्टी साल में मिल रही है. मतलब साल में लगभग 50% दिन तो कर्मचारी अवकाश पर रहते हैं. इन आंकड़ें में हड़ताल के दिनों को शमिल नहीं किया गया है.
आइए बात करते हैं जनवरी से लेकर अगस्त तक कुल 8 महीने में इन कर्मचारियों के द्वारा ली गई छुट्टी की...
कर्मचारियों के कामकाज का लेखा जोखा : प्रदेश में 34 प्रतिशत डीए (DA) व सातवें वेतनमान के अनुसार एचआरए (HRA) की मांग को लेकर कर्मचारी जनवरी से अब तक आठ महीनों में हड़ताल, धरना प्रदर्शन में लगभग 18 दिन से ज्यादा दे चुके हैं. इसके अलावा आठ महीनों में शनिवार, रविवार और त्योहारी छुट्टियों को मिलाकर 92 दिन भी काम नहीं हो सका है. छुट्टी और हड़ताल मिलाकर 241 दिनों में से 110 दिन कर्मचारी ऑफिस नहीं गए.
महीना | छुट्टी |
जनवरी | 10 दिन |
फरवरी | 12 दिन |
मार्च | 11 दिन |
अप्रैल | 13 दिन |
मई | 12 दिन |
जून | 08 दिन |
जुलाई | 12 दिन |
अगस्त | 14 दिन |
कुल | 92 दिन |
हड़ताल की वजह से कामकाज हो रहा प्रभावित: शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के हड़ताल का असर अस्पतालों में अधिक देखने को मिल रहा है. इसके अलावा राजस्व, जमीन की रजिस्ट्रियों, न्यायालयीन कार्य, पढ़ाई, प्रमाण पत्र न बनने जैसे जनता के महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पा रहे हैं. प्रदेश में 22 अगस्त से लगातार अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. केवल मंत्रालय में शत प्रतिशत उपस्थिति से काम हो रहा है.
हड़ताल कब-कब :
जनवरी | 01 दिन धरना-प्रदर्शन |
मार्च | 01 दिन जिलों में धरना, प्रदर्शन व रैली |
जून | 29 को एक दिन हर जिले में अवकाश लेकर धरना |
जुलाई | 25 से 29 जुलाई तक प्रदेश में सामूहिक हड़ताल |
अगस्त | 22 अगस्त से अब तक सामूहिक बेमुद्दत हड़ताल |
(जनवरी व मार्च में कर्मचारियों ने छुट्टी नहीं ली थी. लेकिन उनके दफ्तरों में न रहने से कामकाज पर असर पड़ा है.)
6 सितंबर के पहले सरकारी दफ्तरों में नहीं शुरू होगा कामकाज: सरकार की अपील और चेतावनी का कर्मचारियों पर असर होता है और वे 2 सितंबर से काम पर वापस लौट आएंगे. तो भी दफ्तरों का कामकाज 6 सितंबर के बाद ही शुरू हो सकेगा. क्योंकि 1 सितंबर को नवा खाई की ऑप्शनल छुट्टी घोषित की गई है. यह अवकाश पहले 3 सितंबर को दिया जा रहा था. 3 सितंबर को शनिवार और 4 को रविवार है. 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है. इस वजह से 2 सितंबर को ज्वाइनिंग देने के बाद 6 सितंबर से ही दफ्तरों में पूरी तरह कामकाज पटरी लौटेगा.