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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2022: रेडी टू ईट मुद्दे पर बरपा हंगामा - छत्तीसगढ़ विधानसभा न्यूज

छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2022 के पांचवें दिन रेडी टू ईट मुद्दे पर हंगामा हुआ. विपक्ष ने महिलाओं से रोजगार छीनने का आरोप भी लगाया.

Chhattisgarh Budget Session 2022
छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेडी टू ईट मुद्दा गूंजा
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Published : Mar 11, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Mar 11, 2022, 7:32 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2022 के पांचवें दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही. रेडी टू ईट मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने छत्तीसगढ़ सरकार पर महिलाओं का रोजगार छीनने का आरोप लगाया. उद्योगपतियों को रेडी टू ईट का काम देने पर आपत्ति भी जताई. विपक्ष ने कहा कि उद्योगपतियों को काम देने से प्रदेश की हजारों महिलाओं का रोजगार छीन गया है. 1605 समूह के 16 हजार से ज्यादा महिलाएं बेरोजगार हो गईं हैं. बैंक से लोन लेकर घर में मशीन लगाकर महिलाओं ने रेडी टू ईट का काम शुरू किया था. विपक्ष ने इस मामले की जांच की मांग की है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेडी टू ईट मुद्दा गूंजा

'कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की लेकिन जनता का जनादेश स्वीकार'

बीजेपी विधायक रजनीश कुमार सिंह और धरमलाल कौशिक ने रेडी टू ईट की वितरण व्यवस्था का मामला उठाया. उन्होंने सवाल किया कि रेडी टू ईट की निर्माण एवं वितरण व्यवस्था में परिवर्तन क्यों किया जा रहा है? नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि बीज निगम और पीबीएस फूड के ज्वाइंट वेंचर में पार्टनर कौन-कौन है? मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा एग्रो फूड बीज निगम की हिस्सेदारी 26 फीसदी है और निजी कंपनी पीबीएस फूड प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी 74 फीसदी है. विपक्ष ने इसमें भ्रष्टाचार होने की आशंका जाहिर करते हुए जांच की मांग की. मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा- निर्देश का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें रेडी टू ईट निर्माण का काम मानव रहित मशीनों के माध्यम से किया जाना है, इसलिए वितरण का कार्य महिला स्वसहायता समूह को दिया जाएगा.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल पर मंत्री ने बताया कि 28 जिलों में 1605 स्वसहायता समूह काम कर रही हैं, जिनमें 16655 महिलाएं हैं. इस बीच विपक्ष ने इस पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया. इस पर मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि इस मामले की जांच कराने की जरूरत ही नहीं है. यह संचालन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हो रहा है. आपके कहने से जांच नहीं कराई जाएगी. इसके बाद विपक्ष ने एक बार फिर जमकर हंगामा शुरू किया और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंचे. गर्भगृह में जाने की वजह से बीजेपी के 11 विधायक खुद निलंबित हो गए. इस बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया लेकिन हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई. दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई. निलंबित हुए विधायकों के निलंबन को आसंदी ने समाप्त कर दिया.


रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2022 के पांचवें दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही. रेडी टू ईट मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने छत्तीसगढ़ सरकार पर महिलाओं का रोजगार छीनने का आरोप लगाया. उद्योगपतियों को रेडी टू ईट का काम देने पर आपत्ति भी जताई. विपक्ष ने कहा कि उद्योगपतियों को काम देने से प्रदेश की हजारों महिलाओं का रोजगार छीन गया है. 1605 समूह के 16 हजार से ज्यादा महिलाएं बेरोजगार हो गईं हैं. बैंक से लोन लेकर घर में मशीन लगाकर महिलाओं ने रेडी टू ईट का काम शुरू किया था. विपक्ष ने इस मामले की जांच की मांग की है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेडी टू ईट मुद्दा गूंजा

'कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की लेकिन जनता का जनादेश स्वीकार'

बीजेपी विधायक रजनीश कुमार सिंह और धरमलाल कौशिक ने रेडी टू ईट की वितरण व्यवस्था का मामला उठाया. उन्होंने सवाल किया कि रेडी टू ईट की निर्माण एवं वितरण व्यवस्था में परिवर्तन क्यों किया जा रहा है? नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि बीज निगम और पीबीएस फूड के ज्वाइंट वेंचर में पार्टनर कौन-कौन है? मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा एग्रो फूड बीज निगम की हिस्सेदारी 26 फीसदी है और निजी कंपनी पीबीएस फूड प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी 74 फीसदी है. विपक्ष ने इसमें भ्रष्टाचार होने की आशंका जाहिर करते हुए जांच की मांग की. मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा- निर्देश का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें रेडी टू ईट निर्माण का काम मानव रहित मशीनों के माध्यम से किया जाना है, इसलिए वितरण का कार्य महिला स्वसहायता समूह को दिया जाएगा.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल पर मंत्री ने बताया कि 28 जिलों में 1605 स्वसहायता समूह काम कर रही हैं, जिनमें 16655 महिलाएं हैं. इस बीच विपक्ष ने इस पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया. इस पर मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि इस मामले की जांच कराने की जरूरत ही नहीं है. यह संचालन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हो रहा है. आपके कहने से जांच नहीं कराई जाएगी. इसके बाद विपक्ष ने एक बार फिर जमकर हंगामा शुरू किया और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंचे. गर्भगृह में जाने की वजह से बीजेपी के 11 विधायक खुद निलंबित हो गए. इस बीच प्रश्नकाल समाप्त हो गया लेकिन हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई. दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई. निलंबित हुए विधायकों के निलंबन को आसंदी ने समाप्त कर दिया.


Last Updated : Mar 11, 2022, 7:32 PM IST
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