रायपुरः नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने रविवार को अपने निवास पर प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार नक्सलियों को लेकर गंभीर नहीं (Not serious about Naxalites) है. कोई सप्ताह ऐसा नहीं जा रहा है कि नक्सलियों के द्वारा हिंसक घटनाओं (violent incidents) को अंजाम नहीं दे रहे हों. उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि नारायणपुर के लोगों ने नक्सलियों के खिलाफ आवाज मुखर की है.
उन्होंने कहा कि मैं चार तारीख को पंडो जनजाति से मिलूंगा. आकलन करूंगा. लगातार इनकी मौतें हो रही हैं. उन्हें इस सरकार में किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है. अब उन्हें उजाड़ने की तैयारी है. छत्तीसगढ़ के किसानों (farmers) ने दिल्ली के आंदोलन (Delhi Movement) में भाग लेने की इच्छा व्यक्त नहीं की.
लेकिन ऐसे लोगों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए जो यहां आकर किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. माहौल खराब करने का कोशिश करने वालों पर कार्रवाई नहीं करना कांग्रेस सरकार की असफलता है. भूपेश बघेल को 'कका' कहे जाने के मसले पर नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) ने कहा कि एक मुख्यमंत्री थे, उन्हें भाटो कहलवाने में मजा आता था. बोल-बोल कर भांटो कहलवाते थे. अभी एक कका अभी जिंदा है कहलवा रहे हैं.
सिंहदेव ने की सीएम बघेल की तारीफ तो बोले भूपेश, काका अभी जिंदा है
ढाई साल में करप्शन के सारे सीमा पार
ऐसा ही मध्य प्रदेश में एक घटना घटित हुई थी. जिसमें कहा गया था कि टाइगर अभी जिंदा है. उन्होंने तो बता दिया था कि टाइगर जिंदा है. अभी राजस्थान में एक कका फिर से आ गए हैं. शायद उनका भी कुछ दिन में ताजपोशी हो जाए तो बाद में पता चलेगा कि कका जिंदा हैं कि बाबा जिंदा हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पिछले ढाई साल में राज्य सरकार करप्ट (state government corruption) हो गई है इस वजह से राज्य में डेवलपमेंट का काम ठप पड़ा हुआ है. पूरे कोविड और कोविड के बाद में केंद्र सरकार ने मुफ्त में राशन दिए हैं. अलग-अलग सामग्री के लिए पैसा दिए और अभी केंद्र सरकार के द्वारा बड़ी सहयोग राशि छत्तीसगढ़ को दी गई है.
मोदी के कंधों वाहवाही लूट रही भूपेश सरकार
यदि मैं 1 शब्द में कहूं कि भूपेश बघेल जितने वाहवाही लूट रहे हैं, वह नरेंद्र मोदी के भरोसे लूट रहे हैं. खुद का इनका कोई संसाधन नहीं है. जिस बात को यह बता सकें. आज जितनी योजनाएं हैं. चाहे वह आवास के लिए केंद्र की योजना हो, जल शक्ति मिशन की हो, जो ढिंढोरा पीट रहे हैं, वह केंद्र सरकार की हैं. पंचायतों के कार्य ठप हो गए हैं. यह समग्र राशि के लिए सरकार के पास में पैसा नहीं है. सड़कों में खड्डे हो गए हैं. उसके लिए राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है.