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रायपुर के एक्सीडेंटल केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, पीड़ित पक्ष को मिलेगा 3 करोड़ 40 लाख का मुआवजा - रायपुर में शंकर बजाज एक्सीडेंट मामला

रायपुर में मोटर व्हीकल एक्ट (big decision under motor vehicle act in raipur) के तहत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को 3 करोड़ 40 लाख की मुआवजा राशि देने का समझौता कराया है.

Court big decision in Raipur accident case
रायपुर के एक्सीडेंटल केस में कोर्ट का बड़ा फैसला
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Published : Apr 21, 2022, 6:10 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पहली बार ऐतिहासिक फैसला सामने आया है. द्वादश अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण रायपुर के न्यायाधीश विक्रम प्रताप चंद्र ने यह निर्णय पारित किया है. दरअसल रायपुर के महावीर नगर निवासी शंकर बजाज की सड़क हादसे में मौत (Shankar Bajaj accident case in Raipur ) के मामले में पीड़ित पक्ष ने सात करोड़ 60 लाख 75 हजार की क्षतिपूर्ति का दावा किया था.

बजाज अलियांज ने किया राजीनामा : इस मामले में बीमा कंपनी बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Bajaj Alliance General Insurance Company) ने दावाकर्ता से राजीनामा किया और तय हुआ कि पीड़ित पक्ष को तीन करोड़ 40 लाख रुपए दिए जाएंगे. शेष राशि का परित्याग किया जाएगा. इस फैसले के बाद ईटीवी भारत ने पीड़ित पक्ष के वकील से खास बातचीत की. आइए जानते हैं वकील होरीलाल चंद्राकर इस मामले को लेकर क्या कहते हैं...

रायपुर के एक्सीडेंटल केस में कोर्ट का बड़ा फैसला

सवाल: कब का मामला था. किस तरह के फैसले न्यायालय द्वारा दिये गए हैं?

जवाब: यह मामला वर्ष 2018 का है. एक मेडिकेम फर्म का पार्टनर शंकर बजाज थे. वो रात में खाना खाने के लिए उमरिया स्थित छोटू ढाबा गए थे. इसी बीच विपरीत दिशा से एक ट्रेलर डिवाइडर को तोड़ते हुए ढाबा में खाना खा रहे शंकर बजाज के ऊपर चढ़ गया. दुर्घटना के बाद उनको अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके परिजन ने मेरे साथी दिनेश चंद्राकर से संपर्क किया. उसके बाद हमने मोटर दुर्घटना प्राधिकरण में क्षतिपूर्ति हेतु प्रकरण दर्ज किया.

सवाल: कितना समय कोर्ट में केस चला. उसके बाद कितना मुआवजा राशि देने की बात हुई?

जवाब: हमने 7 करोड़ 60 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन द्वादश अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायधीश विक्रम प्रताप चंद्रा की बातों को हमने गंभीरता से लिया. इसके बाद हमने आपसी समझौते का रास्ता अपनाया. उसके बाद हमारे पक्षकार के सहयोग से 3 करोड़ 40 लाख रुपये में समझौता हुआ. यदि समझौता नहीं होता तो सम्भवतः और अधिक राशि मिलती. इस मामले को कोरोना की वजह से तीन चार साल का समय लग गया.

सवाल: यह अपने आप में बड़ा फैसला है. आम लोगों से आप क्या अपील करना चाहते हैं?

जवाब: मैं लोगों से यह अपील करता हूँ कि दुर्घटना से जो भी पीड़ित हैं. वह उचित कानूनी सलाह लें. इसके लिए वे वकील से भी संपर्क कर सकते हैं. लोगों को दलालों से बचने की जरूरत है. दलाल पीड़ित पक्ष को मुआवजा राशि बहुत कम देते हैं. वे खुद मुआवजे की राशि गबन कर देते हैं.

क्या था मामला : वर्ष 2018 में सड़क हादसे में शंकर बजाज की मौत के मामले में महावीर नगर रायपुर निवासी कंचन बजाज, रितेश बाजार, अर्णव बजाज, गीता बजाज की ओर से यह दावा पेश किया गया था. मामले में संतोष सिंह (ट्रेलर का ड्राइवर), रितेश उत्पल (ट्रेलर का मालिक) और बजाज रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रायपुर ट्रेलर वाहन के बीमाकर्ता प्रतिवादी थे. सड़क दुर्घटना में शंकर बजाज को गंभीर चोटें आई थी. इसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद धारा 166 एवं 140 मोटर यान अधिनियम के तहत याचिका लगाई गई थी.

ये भी पढ़ें- तेज रफ्तार ट्रेलर ने राहगीर को रौंदा, युवक की मौके पर ही मौत

क्या है धारा 166 एवं 140 मोटर यान अधिनियम : यह अधिनियम अपराधि के लिए पर्याप्त मुआवजा न्याय और सजा सुनिश्चित करके उन लोगों के हितों की रक्षा करता है, जो दूसरी नहीं है इस महत्वपूर्ण अधिनियम का उद्देश्य अंततः सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और दुर्घटनाओं के मामलों के दौरान एक विधाई तंत्र के रूप में कार्य करता है. अधिनियम (Indian Motor Act) का उद्देश्य आम तौर पर वाहन दुर्घटनाओं के खिलाफ एक निवारक और उपचारात्मक उपाय के रूप में कार्य करना है. जानकारी के लिए बता दें कि देश में पहला मोटर व्हीकल एक्ट साल 1914 में ब्रिटिश भारत के तहत पेश किया गया था.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पहली बार ऐतिहासिक फैसला सामने आया है. द्वादश अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण रायपुर के न्यायाधीश विक्रम प्रताप चंद्र ने यह निर्णय पारित किया है. दरअसल रायपुर के महावीर नगर निवासी शंकर बजाज की सड़क हादसे में मौत (Shankar Bajaj accident case in Raipur ) के मामले में पीड़ित पक्ष ने सात करोड़ 60 लाख 75 हजार की क्षतिपूर्ति का दावा किया था.

बजाज अलियांज ने किया राजीनामा : इस मामले में बीमा कंपनी बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Bajaj Alliance General Insurance Company) ने दावाकर्ता से राजीनामा किया और तय हुआ कि पीड़ित पक्ष को तीन करोड़ 40 लाख रुपए दिए जाएंगे. शेष राशि का परित्याग किया जाएगा. इस फैसले के बाद ईटीवी भारत ने पीड़ित पक्ष के वकील से खास बातचीत की. आइए जानते हैं वकील होरीलाल चंद्राकर इस मामले को लेकर क्या कहते हैं...

रायपुर के एक्सीडेंटल केस में कोर्ट का बड़ा फैसला

सवाल: कब का मामला था. किस तरह के फैसले न्यायालय द्वारा दिये गए हैं?

जवाब: यह मामला वर्ष 2018 का है. एक मेडिकेम फर्म का पार्टनर शंकर बजाज थे. वो रात में खाना खाने के लिए उमरिया स्थित छोटू ढाबा गए थे. इसी बीच विपरीत दिशा से एक ट्रेलर डिवाइडर को तोड़ते हुए ढाबा में खाना खा रहे शंकर बजाज के ऊपर चढ़ गया. दुर्घटना के बाद उनको अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके परिजन ने मेरे साथी दिनेश चंद्राकर से संपर्क किया. उसके बाद हमने मोटर दुर्घटना प्राधिकरण में क्षतिपूर्ति हेतु प्रकरण दर्ज किया.

सवाल: कितना समय कोर्ट में केस चला. उसके बाद कितना मुआवजा राशि देने की बात हुई?

जवाब: हमने 7 करोड़ 60 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन द्वादश अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायधीश विक्रम प्रताप चंद्रा की बातों को हमने गंभीरता से लिया. इसके बाद हमने आपसी समझौते का रास्ता अपनाया. उसके बाद हमारे पक्षकार के सहयोग से 3 करोड़ 40 लाख रुपये में समझौता हुआ. यदि समझौता नहीं होता तो सम्भवतः और अधिक राशि मिलती. इस मामले को कोरोना की वजह से तीन चार साल का समय लग गया.

सवाल: यह अपने आप में बड़ा फैसला है. आम लोगों से आप क्या अपील करना चाहते हैं?

जवाब: मैं लोगों से यह अपील करता हूँ कि दुर्घटना से जो भी पीड़ित हैं. वह उचित कानूनी सलाह लें. इसके लिए वे वकील से भी संपर्क कर सकते हैं. लोगों को दलालों से बचने की जरूरत है. दलाल पीड़ित पक्ष को मुआवजा राशि बहुत कम देते हैं. वे खुद मुआवजे की राशि गबन कर देते हैं.

क्या था मामला : वर्ष 2018 में सड़क हादसे में शंकर बजाज की मौत के मामले में महावीर नगर रायपुर निवासी कंचन बजाज, रितेश बाजार, अर्णव बजाज, गीता बजाज की ओर से यह दावा पेश किया गया था. मामले में संतोष सिंह (ट्रेलर का ड्राइवर), रितेश उत्पल (ट्रेलर का मालिक) और बजाज रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रायपुर ट्रेलर वाहन के बीमाकर्ता प्रतिवादी थे. सड़क दुर्घटना में शंकर बजाज को गंभीर चोटें आई थी. इसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद धारा 166 एवं 140 मोटर यान अधिनियम के तहत याचिका लगाई गई थी.

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क्या है धारा 166 एवं 140 मोटर यान अधिनियम : यह अधिनियम अपराधि के लिए पर्याप्त मुआवजा न्याय और सजा सुनिश्चित करके उन लोगों के हितों की रक्षा करता है, जो दूसरी नहीं है इस महत्वपूर्ण अधिनियम का उद्देश्य अंततः सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और दुर्घटनाओं के मामलों के दौरान एक विधाई तंत्र के रूप में कार्य करता है. अधिनियम (Indian Motor Act) का उद्देश्य आम तौर पर वाहन दुर्घटनाओं के खिलाफ एक निवारक और उपचारात्मक उपाय के रूप में कार्य करना है. जानकारी के लिए बता दें कि देश में पहला मोटर व्हीकल एक्ट साल 1914 में ब्रिटिश भारत के तहत पेश किया गया था.

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