रायपुर : आरक्षण के मुद्दे पर हो रहे विरोध के बीच छत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती (Bhupesh government may call special session ) है. इस बात की जानकारी आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दिए हैं.लखमा के मुताबिक आगामी 17 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट मीटिंग पर इस बात चर्चा हो सकती है. यदि इस चर्चा में सहमति बन गई तो सरकार इसी महीने किसी दिन विशेष सत्र बुला सकती है.
कैबिनेट मीटिंग के बाद सत्र संभव : आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि आरक्षण के मामले में सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही (special session on reservation issue ) हैं. इस दौरान लखमा ने एक बार फिर बीजेपी को आरक्षण कम किए जाने का दोषी माना है. कवासी के मुताबिक बीजेपी ने आरक्षण के मुद्दे को कोर्ट में सही तरीके से नहीं पेश किया था.
कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी करेंगे पैरवी : मंत्री कवासी लखमा के मुताबिक इसकी वजह से आदिवासी समाज को नुकसान हुआ है. हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को अच्छे वकीलों के माध्यम से रखेगी. अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वकील अब इस मामले पर सरकार का पक्ष रखेंगे.
कवासी लखमा की माने तो ''इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की बात करते रहे हैं.कांग्रेस आबादी के अनुपात में आरक्षण की पक्षधर है. हम चाहते हैं कि संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज को जो अधिकार मिला हुआ है वह बना रहे. यही नहीं पिछड़ा वर्गों के लिए मंडल आयोग ने जो सिफारिशें की हैं वह भी मिले और संसद ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था की है वह भी लागू रहे''
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सीएम भूपेश भी दे चुके हैं संकेत: आरक्षण को लेकर सर्व आदिवासी समाज के आंदोलन पर सीएम भूपेश ने कहा कि ''आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई है. मैंने भरोसा जताया है कि संविधान की व्यवस्था के अनुरूप उनको लाभ जरूर दिया जाएगा. 17 अक्टूबर की कैबिनेट बैठक में विशेष सत्र को लेकर बात होगी.'' reservation issue in chhattisgarh