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छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बंद 260 स्कूलों में फिर बजेगी घंटी

shala pravesh utsav program chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल गुरुवार को बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के 11 हजार से ज्यादा बच्चों को शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के जरिए स्कूल प्रवेश कराएंगे.

shala pravesh utsav program chhattisgarh
शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम छत्तीसगढ़
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Published : Jun 16, 2022, 8:35 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ करेंगे. 16 जून से प्रदेश में स्कूल खुल रहे हैं इस मौके पर दोपहर 1.30 बजे सीएम निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया जाएगा. इस मौके पर सीएम बटन दबाकर नक्सल प्रभावित चार जिलों- सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में बंद पड़े 260 स्कूलों को फिर से शुरू करेंगे. इन स्कूलों से 11 हजार 13 बच्चों को शिक्षा का लाभ मिलेगा. बीजापुर जिले में सबसे अधिक 158, सुकमा जिले में 97, नारायणपुर जिले में 4 और दंतेवाड़ा जिले में एक बंद स्कूल फिर से खोला जा रहा है. बघेल छत्तीसगढ़ महतारी एवं स्वामी आत्मानंद के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.

15 साल पहले बंद स्कूलों में फिर पढ़ेंगे बच्चे: छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों में लगभग 15 साल पहले 400 से ज्यादा स्कूलों को विभिन्न कारणों से बंद कर दिया गया था. भीतरी इलाकों में रहने वाले परिवारों को सलवा जुडूम के चलते कैम्प में रहने की सुविधा देकर सुरक्षित स्थानों में रखने का प्रयास किया गया. धीरे-धीरे ये परिवार कैम्पों से वापस अपने गांव लौटने लगे. इनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था स्कूलों के नष्ट हो जाने की वजह से नहीं हो पा रही थी. कुछ सुरक्षित इलाकों में शासन की तरफ से पोटा केबिन खोलकर ऐसे इलाकों के बच्चों को शांत स्थलों में सड़क किनारे आवासीय सुविधा देकर पढ़ाने में सहयोग दिया गया. धीरे-धीरे स्थिति के सामान्य होने पर स्थानीय स्तर पर समुदाय द्वारा उनके गांवों में स्कूलों को पुनः संचालित करने की मांग सामने आने लगी. ऐसे स्थिति में जिन इलाकों में समुदाय से मांग आने लगी और बहुत से स्कूलों से बाह्य बच्चों की उपलब्धता मिली, वहां समुदाय के सहयोग से स्थानीय स्तर पर कच्चे स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से स्कूल भवन निर्मित किए गए या उपलब्ध कराए गए. (chhattisgarh Naxal affected areas Closed schools open)

राहुल साहू के शिक्षा और चिकित्सा का खर्च उठायेगी राज्य सरकार-सीएम बघेल

छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ: जिला प्रशासन की तरफ से स्थानीय खनिज मद से स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में बच्चों को सीखने में सहयोग देने की जिम्मेदारी दी गई. इस तरह से स्कूलों को ऐसे इलाकों में शुरू करने की एक बार कोशिश की गई. 16 जून को पूरे प्रदेश में स्कूल खुल रहे हैं. कोरोना काल के बाद स्कूलों में बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसी कार्यक्रम में नक्सल प्रभावित चार जिलों-नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में 260 बंद पड़े स्कूलों को दोबारा शुरू किया जा रहा है. इस मौके पर सीएम भूपेश नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दोबारा खोले जा रहे स्कूलों के बच्चों और पैरेंट्स से ऑनलाइन बात करेंगे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ करेंगे. 16 जून से प्रदेश में स्कूल खुल रहे हैं इस मौके पर दोपहर 1.30 बजे सीएम निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया जाएगा. इस मौके पर सीएम बटन दबाकर नक्सल प्रभावित चार जिलों- सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में बंद पड़े 260 स्कूलों को फिर से शुरू करेंगे. इन स्कूलों से 11 हजार 13 बच्चों को शिक्षा का लाभ मिलेगा. बीजापुर जिले में सबसे अधिक 158, सुकमा जिले में 97, नारायणपुर जिले में 4 और दंतेवाड़ा जिले में एक बंद स्कूल फिर से खोला जा रहा है. बघेल छत्तीसगढ़ महतारी एवं स्वामी आत्मानंद के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.

15 साल पहले बंद स्कूलों में फिर पढ़ेंगे बच्चे: छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों में लगभग 15 साल पहले 400 से ज्यादा स्कूलों को विभिन्न कारणों से बंद कर दिया गया था. भीतरी इलाकों में रहने वाले परिवारों को सलवा जुडूम के चलते कैम्प में रहने की सुविधा देकर सुरक्षित स्थानों में रखने का प्रयास किया गया. धीरे-धीरे ये परिवार कैम्पों से वापस अपने गांव लौटने लगे. इनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था स्कूलों के नष्ट हो जाने की वजह से नहीं हो पा रही थी. कुछ सुरक्षित इलाकों में शासन की तरफ से पोटा केबिन खोलकर ऐसे इलाकों के बच्चों को शांत स्थलों में सड़क किनारे आवासीय सुविधा देकर पढ़ाने में सहयोग दिया गया. धीरे-धीरे स्थिति के सामान्य होने पर स्थानीय स्तर पर समुदाय द्वारा उनके गांवों में स्कूलों को पुनः संचालित करने की मांग सामने आने लगी. ऐसे स्थिति में जिन इलाकों में समुदाय से मांग आने लगी और बहुत से स्कूलों से बाह्य बच्चों की उपलब्धता मिली, वहां समुदाय के सहयोग से स्थानीय स्तर पर कच्चे स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से स्कूल भवन निर्मित किए गए या उपलब्ध कराए गए. (chhattisgarh Naxal affected areas Closed schools open)

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छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ: जिला प्रशासन की तरफ से स्थानीय खनिज मद से स्थानीय युवाओं को शिक्षादूत के रूप में बच्चों को सीखने में सहयोग देने की जिम्मेदारी दी गई. इस तरह से स्कूलों को ऐसे इलाकों में शुरू करने की एक बार कोशिश की गई. 16 जून को पूरे प्रदेश में स्कूल खुल रहे हैं. कोरोना काल के बाद स्कूलों में बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसी कार्यक्रम में नक्सल प्रभावित चार जिलों-नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में 260 बंद पड़े स्कूलों को दोबारा शुरू किया जा रहा है. इस मौके पर सीएम भूपेश नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दोबारा खोले जा रहे स्कूलों के बच्चों और पैरेंट्स से ऑनलाइन बात करेंगे.

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