रायपुर: सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने जिलों की स्थिति जानने के लिए आज कलेक्टर्स मीटिंग की. इसके जरिेए सभी जिलों के कलेक्टर से सीएम ने बात की. कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस (Collectors Conference) का आयोजन रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला दंडाधिकारी की है. जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में काम करना चाहिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक जनवरी से सभी कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग को शेष हाट बाजारों में भी क्लिनिक प्रारम्भ करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने हाट बाजार क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट की मॉनीटरिंग जीपीएस के माध्यम से कलेक्टरों को खुद करने के निर्देश दिये. सीएम ने पहुंचविहीन क्षेत्रों में नवाचार करने, बाइक और एम्बुलेंस जैसी योजना पर स्थानीय स्तर पर विचार करने को भी निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि हर हाल में स्वास्थ्य सुविधाएं दूरस्थ अंचल के नागरिकों तक पहुंचाएं. साथ ही योजना का पर्याप्त प्रचार करने का निर्देश भी सभी जिला कलेक्टरों को दिया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें.
पुलिस स्मृति दिवस परेड में शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देंगे CM भूपेश और राज्यपाल अनुसुइया उइके
सीएम ने कहा कि कानून व्यवस्था की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहे अफवाह और दुष्प्रचार का कठोरता से खंडन जरूरी है. जिला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक के पहले पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें. इस बैठक में पिछले सप्ताह की स्थिति की समीक्षा की जाए और आने वाले सप्ताह में कानून-व्यवस्था की स्थितियों का पूर्वानुमान लगाएं और रणनीतिक योजनायें बनायें. शासन-प्रशासन की पैठ स्थापित होनी चाहिए.
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में कानून व्यवस्था, लोक केन्द्रित प्रशासन, राजस्व प्रशासन से संबंधित शिकायतों का निराकरण, गिरदावरी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, धान खरीदी की तैयारी सहित राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति की भी गहन समीक्षा की.
प्रायोगिक तरीके से घटना को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा
वहीं कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना बहुत आवश्यक है. आजकल प्रायोगिक तरीके से घटना को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. इसके लिए सचेत रहने की बहुत जरूरी है. पुलिस के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने में कलेक्टर की भी जिम्मेदारी होती है.
बैठक में रखे गए थे कुल 30 एजेंडे, योजनाओं की समीक्षा कर ली वृहत जानकारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को हुई बैठक के बारे में बताया कि कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में 30 एजेंडे शामिल किये गये थे. सभी शासकीय योजनाओं की इस दौरान समीक्षा कर उनकी वृहत जानकारी ली गई. जमीनी स्तर पर क्या-क्या काम हो रहे हैं, उसके बारे में विस्तार से चर्चा की गई. जानकारी के साथ साथ जल जीवन मिशन, स्वामी आत्मानंद माध्यमिक स्कूल, नगरीय प्रशासन विभाग, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी पर भी विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही संबंधितों को आवश्यक निर्देश भी दिये गए.
धान खरीदी सत्र के लिए कलेक्टरों को पूरी तैयारी रखने के सीएम ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूखते धान की मात्रा कम करने के लिए सभी कलेक्टर को सख्त निर्देश दिया है. खाद्य सचिव को इसका आकलन कर कार्ययोजना प्रस्तुत करने को भी कहा है. आगामी धान खरीदी सत्र के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने किसानों की सहूलियत की खातिर हरसंभव प्रयास करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है. मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को खुद भ्रमण कर धान खरीद केंद्रों में सभी जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है.
कलेक्टर मैदानी स्तर पर बेसिक एडमिनिस्ट्रेशन पर गंभीरता से ध्यान दें कलेक्टर
जिला प्रशासन के कार्यों का आकलन आंकड़ों से नहीं, हितग्राहियों को योजनाओं से मिलने वाले प्रत्यक्ष लाभ के आधार पर किया जाएगा. सीएम बघेल ने राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा है कि कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी कलेक्टरों की है. इसकी स्थिति की जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाए. आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा है. कोविड महामारी नियंत्रण और फ्लैगशिप योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने की जिला प्रशासन की सराहना भी की.
योजनाओं की समीक्षा
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन, गोधन न्याय योजना, गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल हब की स्थापना, चारागाह विकास, वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन, नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के क्रियान्वयन की प्रगति, वन अधिकार पट्टा वितरण, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण, वन-धन, मिलेट मिशन, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी, हाट बाजार क्लिनिक, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सस्ती दवा योजना, सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन और अधोसंरचना विकास, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, चिटफंड कम्पनियों से राशि की वापसी, सम्पत्तियों का चिन्हांकन और कुर्की प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति, राजीव मितान क्लब, कौशल विकास, जल जीवन मिशन के कार्याें की प्रगति, कोविड-19 के आगामी संभावित लहर से निपटने की तैयारी और आश्रम और छात्रावासों के अपग्रेडेशन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना में मैदानी क्षेत्रों के कलेक्टर विशेष ध्यान दें, इससे लोगों को आजीविका संवर्धन के साथ साथ पर्यावरणीय लाभ भी प्राप्त होगा. मुख्यमंत्री ने नाले के किनारे अथवा भाटा जमीन के चिन्हांकन के लिए अभियान चला कर सिंचाई की व्यवस्था करने के निर्देश सभी कलेक्टर को दिए.
लघु वनोपज आधारित विकास
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में पूर्व में जहां केवल 7 प्रकार के लघु वनोपज ही क्रय किए जाते थे, वहीं अब 50 से अधिक प्रकार के लघु वनोपज क्रय किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने समस्त कलेक्टरों से उसके प्रसंस्करण एवं विपणन हेतु लक्ष्य आधारित दृष्टिकोण लेकर कार्य करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने जिलेवार वार्षिक कार्ययोजना बना कर कार्य करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए है. जिससे वन आधारित आजीविका के नए आयाम प्राप्त हो सकें.
-
प्रशासन नाम की चीज छत्तीसगढ़ में नहीं है,सरकार पूरी तरह से पंगू हो चुकी है।सारे विकास के काम ठप्प हो चुके हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) October 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
भूपेश सरकार ने कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाकर रख दिया है।
हिंदुस्तान में ऐसी हालत कहीं नहीं, जैसा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ झेल रहा है। pic.twitter.com/2iAa8ABu7m
">प्रशासन नाम की चीज छत्तीसगढ़ में नहीं है,सरकार पूरी तरह से पंगू हो चुकी है।सारे विकास के काम ठप्प हो चुके हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) October 21, 2021
भूपेश सरकार ने कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाकर रख दिया है।
हिंदुस्तान में ऐसी हालत कहीं नहीं, जैसा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ झेल रहा है। pic.twitter.com/2iAa8ABu7mप्रशासन नाम की चीज छत्तीसगढ़ में नहीं है,सरकार पूरी तरह से पंगू हो चुकी है।सारे विकास के काम ठप्प हो चुके हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) October 21, 2021
भूपेश सरकार ने कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाकर रख दिया है।
हिंदुस्तान में ऐसी हालत कहीं नहीं, जैसा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ झेल रहा है। pic.twitter.com/2iAa8ABu7m
'भूपेश सरकार ने कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाया'
एक तरफ सीएम ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस की तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर हमला बोल दिया. पूर्व सीएम रमन सिंह ने बयान देते हुए कहा कि 'प्रशासन नाम की चीज छत्तीसगढ़ में नहीं है, सरकार पूरी तरह से पंगू हो चुकी है. सारे विकास के काम ठप्प हो चुके हैं. ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है. भूपेश सरकार ने कलेक्टर को कलेक्टिंग एजेंट बनाकर रख दिया है. हिंदुस्तान में ऐसी हालत कहीं नहीं, जैसा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ झेल रहा है'.