रायपुरः प्रदेश की राजधानी रायपुर में करोड़ों रुपए की लागत से भाटागांव में बनाई गई इंटर स्टेट बस टर्मिनल (Inter State Bus Terminal) के लोकार्पण (launch) को 1 महीने पूरे होने के बाद भी यात्री बसों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है. मूलभूत सुविधाओं की कमी (lack of facilities) के चलते यात्री बसों का संचालन (operation of passenger buses) शुरू नहीं हो पाया है.
ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि जब मूलभूत सुविधाओं का अभाव था तो इंटर स्टेट बस टर्मिनल के लोकार्पण का क्या औचित्य है? आनन-फानन में 20 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पण कराया गया. भाटागांव स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल की लागत लगभग 50 करोड़ रुपए की है. यात्री बसों के संचालन को लेकर जब ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के उपाध्यक्ष (vice president of traffic federation) अब्दुल कदीर से बात की तो उन्होंने बताया कि भाटागांव स्थित नवनिर्मित इंटर स्टेट बस टर्मिनल (Newly constructed Inter State Bus Terminal) में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
यहां पर पीने के लिए पानी नहीं है. खाना खाने के लिए होटल, बस खराब होती है तो बसों की मरम्मत के लिए किसी तरह का कोई दुकान भी नहीं है. रायपुर में लगभग 35 बसों के मालिक हैं. जिसमें से 12 बस मालिकों को ही कांप्लेक्स का आवंटन इंटरस्टेट बस टर्मिनल में किया गया है. ऐसे में जिनको कांप्लेक्स नहीं मिला है वह अपनी बसों का संचालन कैसे करेंगे, यह एक बड़ा सवाल है?
बस मालिक और निगम के अफसरों के साथ की जाएगी बैठक
पूरे प्रदेश में लगभग 12000 बस है जिसमें से कोरोना और लाकडाउन की वजह से 40% बसों का ही संचालन छत्तीसगढ़ में हो रहा है. इंटर स्टेट बस टर्मिनल में यात्री बसों के संचालन को लेकर जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर से बात की तो उन्होंने कहा कि बस मालिक और निगम के अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक की जाएगी. महापौर एजाज ढेबर नवनिर्मित इंटर स्टेट बस टर्मिनल से अगले सप्ताह से यात्री बसों का संचालन शुरू होने का दावा कर रहे हैं.
राजधानी के भाटागांव स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल का काम भाजपा सरकार के समय आज से 3 साल पहले पूरा कर लिया गया था लेकिन लोकार्पण को लेकर कई बार तारीखें तय हुई थी.