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Basant Panchami 2022: विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त है बसंत पंचमी, पीले रंग का खास महत्व

Basant Panchami 2022: वसंत पंचमी का दिन विवाह की दृष्टि से बहुत ही शुभ माना गया है. माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन वसंत पंचमी आती है. यह दिन वसंत के आगमन का प्रथम दिवस है.

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Published : Feb 4, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 5:48 PM IST

Basant Panchami 2022
बसंत पंचमी 2022

रायपुर: गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि बसंत पंचमी, श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, वागेश्वरी जयंती (Basant Panchami 2022) के रूप में मनाई जाती है. इस पवित्र दिन अभिजीत मुहूर्त रहता है, जिसे अक्षय मुहूर्त भी कहा जाता है. इस दिन बिना मुहूर्त देखे सर्वाधिक शादियां मांगलिक कार्य संपन्न (auspicious time for marriage in Basant Panchami )होते हैं. इसके साथ ही पुंसवन, विद्यारंभ संस्कार, कर्णवेद संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, उपनयन संस्कार समेत सभी संस्कारों के लिए यह अबूझ तिथि मानी जाती है. बसंत बंचमी पर ही माता सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था. माता सरस्वती पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की विशेष कृपा रहती है.

बसंत पंचमी 2022

पढ़ाई शुरू करने के लिए शुभ दिन

ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) ने बताया कि इस शुभ दिन पढ़ाई के शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना गया है. विद्या आरंभ करने पर अनुकूल परिणाम मिलते हैं. गायन-वादन और शोध से संबंधित विद्यार्थी मां सरस्वती की आराधना, पूजा और साधना करते हैं. सरस्वती वंदना, सरस्वती चालीसा, मां सरस्वती के दिव्य मंत्र गायत्री, सरस्वती मंत्र का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है. नवीन व्यापार, व्यवसाय, नौकरी को प्रारंभ करना बहुत अनुकूल होता है. इस शुभ दिन कोई भी काम शुरू करने पर उसकी सफलता सुनिश्चित हो जाती है.

बसंत पंचमी 5 फरवरी को, मां सरस्वती की करें सफेद और पीले फूल से पूजा

इस पावन पर्व पर किताबों, लेखों का दान करना भी महान कल्याणकारी माना गया है. निर्धन छात्रों को कॉपी, किताब, पेन का दान करना भी शुभ माना गया है. यह पर्व उल्लास, गरिमा और आनंद का पर्व है. आज के शुभ दिन भारतवर्ष में सर्वाधिक विवाह कार्य होते हैं. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी को विवाह करने पर विवाह सफल रहते हैं. आज के ही दिन सगाई, तिलक, फलदान और बागदान करना शुभ माना गया है. नए व्यापार के लिए नए एग्रीमेंट करना, नए पार्टनरशिप का अनुबंध करना बहुत ही शुभ माना जाता है. आज के दिन गृह निर्माण करने का प्रारंभ भी शुभ होता है.

पीला रंग ज्योतिष में गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है. यह ज्ञान, विद्या, अध्ययन, विद्वता, बौद्धिक उन्नति का प्रतीक है. ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना भी इसी दिन की जाती है.

रायपुर: गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि बसंत पंचमी, श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, वागेश्वरी जयंती (Basant Panchami 2022) के रूप में मनाई जाती है. इस पवित्र दिन अभिजीत मुहूर्त रहता है, जिसे अक्षय मुहूर्त भी कहा जाता है. इस दिन बिना मुहूर्त देखे सर्वाधिक शादियां मांगलिक कार्य संपन्न (auspicious time for marriage in Basant Panchami )होते हैं. इसके साथ ही पुंसवन, विद्यारंभ संस्कार, कर्णवेद संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, उपनयन संस्कार समेत सभी संस्कारों के लिए यह अबूझ तिथि मानी जाती है. बसंत बंचमी पर ही माता सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था. माता सरस्वती पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश की विशेष कृपा रहती है.

बसंत पंचमी 2022

पढ़ाई शुरू करने के लिए शुभ दिन

ज्योतिष और वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) ने बताया कि इस शुभ दिन पढ़ाई के शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन माना गया है. विद्या आरंभ करने पर अनुकूल परिणाम मिलते हैं. गायन-वादन और शोध से संबंधित विद्यार्थी मां सरस्वती की आराधना, पूजा और साधना करते हैं. सरस्वती वंदना, सरस्वती चालीसा, मां सरस्वती के दिव्य मंत्र गायत्री, सरस्वती मंत्र का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है. नवीन व्यापार, व्यवसाय, नौकरी को प्रारंभ करना बहुत अनुकूल होता है. इस शुभ दिन कोई भी काम शुरू करने पर उसकी सफलता सुनिश्चित हो जाती है.

बसंत पंचमी 5 फरवरी को, मां सरस्वती की करें सफेद और पीले फूल से पूजा

इस पावन पर्व पर किताबों, लेखों का दान करना भी महान कल्याणकारी माना गया है. निर्धन छात्रों को कॉपी, किताब, पेन का दान करना भी शुभ माना गया है. यह पर्व उल्लास, गरिमा और आनंद का पर्व है. आज के शुभ दिन भारतवर्ष में सर्वाधिक विवाह कार्य होते हैं. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी को विवाह करने पर विवाह सफल रहते हैं. आज के ही दिन सगाई, तिलक, फलदान और बागदान करना शुभ माना गया है. नए व्यापार के लिए नए एग्रीमेंट करना, नए पार्टनरशिप का अनुबंध करना बहुत ही शुभ माना जाता है. आज के दिन गृह निर्माण करने का प्रारंभ भी शुभ होता है.

पीला रंग ज्योतिष में गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है. यह ज्ञान, विद्या, अध्ययन, विद्वता, बौद्धिक उन्नति का प्रतीक है. ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना भी इसी दिन की जाती है.

Last Updated : Feb 4, 2022, 5:48 PM IST
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