रायपुर\ हैदराबाद: पेट दर्द होने या पेट में किसी भी तरह की समस्या आने पर घर के बड़े बुजुर्गों से थोड़ा सा अजवाइन खाने की सलाह आपने जरूर सुनी होगी. आज हम आपको अजवाइन के कई अनसुने गुणों के बारे में बता रहे हैं. रसोई में मसालों के साथ मौजूद रहने वाला अजवाइन कई औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाता है. श्वसन क्रिया को मजबूत करता है. साथ ही यह पाचन क्रिया में भी लाभदायक होता है व अपच को दूर करता है.
पोषक तत्वों से भरपूर अजवाइन: औषधीय गुणों से भरपूर अजवाइन पाचक, रूचि कारक, तीक्ष्ण, अग्नि प्रदीप्त करने वाली, पित्तकारक, शूल, वात, कफ, उदर आनाह, प्लीहा औप कृमि का नाश करने वाली होती है. शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि अजवाइन की ताजा पत्ती में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व और विटामिन के साथ एंटी-बैक्टीरियल भी होता है. इसकी पत्तियां विटामिन सी, विटामिन-ए, आयरन, मैंगनीज और कैल्शियम युक्त ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है. अजवाइन में कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम व पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं.
अजवाइन वजन कम करने में मिलेगा लाभ: वजन कम करने के लिए एक चम्मच अजवाइन गिलासभर पानी में पूरी रात भिगो दें और सुबह खाली पेट इस पानी को पिएं लगभग 20 दिनों तक इसका सेवन करने से शरीर में मौजूद चर्बी तेजी से बर्न होगी. जिससे आपका वजन कंट्रोल होगा.
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गर्भवतियों के लिए भी लाभकारी है अजवाइन: अजवाइन वात और कफ दोष का नाश करता है. इसलिए नजला और सांस लेने में परेशानी होने पर इसकी भाप लेने से आराम मिलता है. पेट दर्द में गरम पानी के साथ इसका सेवन करने और इसका लेप लगाने से भी लाभ मिलता है. अजवाइन, काला नमक और सोंठ को पीसकर चूर्ण बनाकर भोजन के बाद सेवन करने से पेट में अशुद्ध वायु का बनना और ऊपर चढ़ना बंद होता है. गर्भकाल में अजवाइन के सेवन से न सिर्फ खून साफ होता है, बल्कि इससे शरीर में रक्त का प्रवाह भी बेहतर होता है.
डॉ. शुक्ला ने बताया कि घरेलू औषधि से लेकर मसालों और आयुर्वेदिक दवाओं तक में अजवाइन का इस्तेमाल होता है. मासिक धर्म के दौरान पीड़ा होने पर 15 से 30 दिनों तक खाना खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ अजवाइन के सेवन से दर्द में राहत मिलती है. अजवाइन तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों के सूजन में आराम मिलता है. चोट लगने पर अजवाइन और हल्दी बांधने से सूजन और दर्द में आराम आता है. पेट का दर्द, दांत का दर्द, वात व्याधि, कृमि रोग, चर्म रोग, रजो दोष में भी अजवाइन लाभकारी होता है.
अजवाइन का औषधि के रूप में प्रयोग किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ के परामर्श और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए.
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