रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में वन्य प्राणी संरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक जारी है. मीटिंग में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, सीएम के अपर सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी समेत तमाम अधिकारी मौजूद हैं. छत्तीसगढ़ में एक महीने के अंदर 6 हाथियों की मौत हो चुकी है. इसमें 5 मामले तो हाल ही के हैं. जिम्मेदारों पर कार्रवाई तो जरूर हुई है लेकिन मौत की वजह का पता अभी नहीं चल सका है.
![high level meeting after elephants' death](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7647289_thumbanil_2x1_rpr-highlevel-meet---copy.jpg)
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल के गेरसा गांव में करंट से हाथी की मौत मामले में 5 लोगों पर कार्रवाई की गई है. दो आरोपी किसानों और विद्युत विभाग के तीन कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आरोपी किसान भादोराम और एक अन्य किसान को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा आरोपी किसानों को सिंचाई पंप के लिए अवैध रूप से बिजली कनेक्शन देने और घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने के मामले में बिजली विभाग के सब इंजीनियर पी. कुजूर, लाइनमैन अमृत लाल और सहायक को भी गिरफ्तार किया गया है.
![action on 5 people in case of elephant death due to current](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7647289_1.jpg)
किसानों ने पोल से अवैध रूप से खींचा था तार
प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार को धरमजयगढ़ वनमंडल के गेरसा बीट में बिजली की चपेट में आने की वजह से एक हाथी की मौत हो गई. हादसे की जानकारी मिलते ही वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो देखा कि दो किसानों ने बिजली के पोल से अवैध रूप से खेतों के लिए पंप के लिए तार खींचा था, जिसकी चपेट में आकर हाथी की मौत हो गई.
हाथियों के लिए कब्रगाह बना छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ हाथियों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है. मंगलवार को ही धमतरी जिले में भी एक नन्हे हाथी की दलदल में फंसने से मौत हो गई थी. नन्हा हाथी गरियाबंद से धमतरी जिले में पहुंचे 21 हाथियों के दल का सदस्य था, जो जिले के डुबान क्षेत्र में विचरण के दौरान दलदल में फंस गया और फिर उसने दम तोड़ दिया.
अब तक प्रदेश में 6 हाथियों की मौत
छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने में अब तक 6 हाथियों की मौत हो गई है. सूरजपुर जिले के प्रतापपुर फॉरेस्ट रेंज में गर्भवती हथिनी की मौत के साथ ही 4 हथिनियों की मौत हुई थी. मंगलवार को रायगढ़ और धमतरी में भी हाथी की मौत हो गई, जो वन विभाग के दावों पर कई सवाल खड़े कर रहा है.
हाथियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था गजराज प्रोजेक्ट
साल 2015 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन सरकार के समय हाथियों की जंगल में सुरक्षित बसाहट के लिए गजराज प्रोजेक्ट बनाया था. 2 जिलों की इस संयुक्त परियोजना में रायगढ़, धरमजयगढ़ और कोरबा वनमंडल को शामिल किया गया था. जिले में हाथियों की संख्या और उनके आबादी वाले इलाकों में बार-बार आकर विचरण करने के बाद विभाग ने प्रोजेक्ट तैयार किया था. इसके तहत हाथी प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वन विभाग की तरफ से इन क्षेत्रों में हाथियों की बसाहट के लिए काम करना था. इसमें घने जंगलों में बांस का रोपण, हाथियों के लिए पेयजल के स्रोत, स्टॉपडैम, सोलर लाइट, सोलर पॉवर फेंसिंग और एलीफैंट फुट ट्रेस सिस्टम बनाया जाना था. जिससे हाथियों का दल घने जंगलों से आबादी वाले इलाकों की ओर विचरण ना कर सके.