रायगढ़: प्रदेश में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीती रात धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के छाल रेंज के बेहरामार गांव में एक हाथी की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, दंतैल हाथी की मौत हुई है, जो बेहरामार गांव के आसपास कई दिनों से घूम रहा था. फिलहाल वन विभाग मौके पर पहुंचा हुआ है और जांच शुरू कर दी है.
करंट की चपेट में आकर हाथी की मौत
इससे पहले मंगलवार को भी धरमजयगढ़ रेंज के गेरसा गांव में करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. आरोपियों में दो किसान और विद्युत विभाग के तीन कर्मचारी शामिल थे. दोनों किसानों ने सिंचाई पंप के लिए अवैध रूप से बिजली कनेक्शन लिया था. वहीं घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने और अवैध बिजली देने के मामले में बिजली विभाग के सब इंजीनियर पी. कुजूर, लाइनमैन अमृत लाल और सहायक को भी गिरफ्तार किया गया.
महीनेभर में 7 हाथियों की मौत
पहले सूरजपुर के प्रतापपुर फॉरेस्ट रेंज में गर्भवती हथिनी समेत 4 हाथियों की मौत हुई. धमतरी में नन्हे हाथी की दम घुटने से मौत हो गई. अब रायगढ़ के धरमजयगढ़ में एक के बाद एक हाथियों की मौत होती जा रही है. छत्तीसगढ़ में महीनेभर के अंदर अब तक 7 हाथियों की मौत हो गई है.
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हाथियों की मौत के बाद सीएम ने की बैठक
बुधवार को सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में वन्य प्राणियों के संरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. मीटिंग के दौरान प्रदेश में हाथियों की मौत को लेकर चर्चा की गई. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि लगातार हाथियों की करंट से मौत हो रही है. इसे लेकर फैसला लिया गया है कि जहां भी अवैध कनेक्शन पाया जाएगा, वहां कार्रवाई होगी. मंत्री अकबर ने कहा कि हाथियों का दल जिस ओर जाता है, वहां उनके पहुंचने के पहले मोबाइल एप के माध्यम से गांव वालों को सूचना दी जाती है, जिससे उन्हें सुरक्षित करने की कोशिश की जाती है और आगे भी इनकी लगातार मॉनिटरिंग होती रहेगी.
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चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बैठक में वन्यप्राणियों को फौरन इलाज दिलाने के लिए राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्वसुविधा युक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने वन मंत्री अकबर के अनुरोध पर पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को वन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लेने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी 20 वन मण्डलों में जहां वन्य प्राणियों की संख्या ज्यादा है, वहां इन चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने को कहा.