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रायगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ नाराज, उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ (Anganwadi workers union raigarh) ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव के नाम परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपा हैं.

Anganwadi workers union raigarh
रायगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 8, 2022, 2:37 PM IST

Updated : Jun 8, 2022, 3:50 PM IST

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ के दो परियोजना शहरी, ग्रामीण की सहायिका और कार्यकर्ताओं ने मुख्य सचिव के नाम परियोजना अधिकारी रायगढ़ को ज्ञापन सौंपा (Anganwadi workers union raipur) है. इन्होंने अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को जगाने की कोशिश की है. इनका कहना था कि ''प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, 3 वर्ष हो जाने के बावजूद अब तक एक भी मांगों को पूरा नहीं की है.''

रायगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ नाराज, उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ में कितने आंगनबाड़ी सेंटर : महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश में संचालित 46660 आंगनबाड़ी केंद्र और 5814 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने एकजुटता दिखाई है. जिसके लिए परियोजना अधिकारी एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना रायगढ़ (Women and Child Development Project Raigarh) को ज्ञापन मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम दिया है.

ये भी पढ़ें -18 हजार रुपये वेतन और भी बहुत कुछ, पढ़ें क्या है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग


छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की प्रमुख मांगें : छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की 6 मुख्य मांगें (Major demands of Chhattisgarh Anganwadi Workers Association) हैं. शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के लिए भी नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित कर इसे लागू करने का कष्ट करें. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत-प्रतिशत बिना उम्र बंधन के बिना परीक्षा लिए दिया जाए. मिनी आंगनबाड़ी के पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र बनाने एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की दर्ज संख्या कम होने के कारण उन्हें निष्कासित किया जाता है जिन्हें पुनः समाहित किया जाए. प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर शीघ्र भरा जाए. पोषण ऐप एवं अन्य कोई भी कार्य जब तक नेट चार्ज नहीं दिया जाए तब तक मोबाइल से कार्य ना लिया जाए. सेवानिवृत्त एवं मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख और सहायिकाओं को तीन लाख राशि एकमुश्त भुगतान किया जाए.

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ के दो परियोजना शहरी, ग्रामीण की सहायिका और कार्यकर्ताओं ने मुख्य सचिव के नाम परियोजना अधिकारी रायगढ़ को ज्ञापन सौंपा (Anganwadi workers union raipur) है. इन्होंने अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को जगाने की कोशिश की है. इनका कहना था कि ''प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, 3 वर्ष हो जाने के बावजूद अब तक एक भी मांगों को पूरा नहीं की है.''

रायगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ नाराज, उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ में कितने आंगनबाड़ी सेंटर : महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश में संचालित 46660 आंगनबाड़ी केंद्र और 5814 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने एकजुटता दिखाई है. जिसके लिए परियोजना अधिकारी एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना रायगढ़ (Women and Child Development Project Raigarh) को ज्ञापन मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम दिया है.

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छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की प्रमुख मांगें : छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की 6 मुख्य मांगें (Major demands of Chhattisgarh Anganwadi Workers Association) हैं. शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के लिए भी नीति बनाकर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित कर इसे लागू करने का कष्ट करें. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत-प्रतिशत बिना उम्र बंधन के बिना परीक्षा लिए दिया जाए. मिनी आंगनबाड़ी के पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र बनाने एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की दर्ज संख्या कम होने के कारण उन्हें निष्कासित किया जाता है जिन्हें पुनः समाहित किया जाए. प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों पर शीघ्र भरा जाए. पोषण ऐप एवं अन्य कोई भी कार्य जब तक नेट चार्ज नहीं दिया जाए तब तक मोबाइल से कार्य ना लिया जाए. सेवानिवृत्त एवं मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख और सहायिकाओं को तीन लाख राशि एकमुश्त भुगतान किया जाए.

Last Updated : Jun 8, 2022, 3:50 PM IST

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