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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा- इस समय केंद्र खोलना खतरे से खाली नहीं - छत्तीसगढ़ न्यूज

रायगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने केंद्र खोले जाने को लेकर पुनर्विचार करने को लेकर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्कूल-कॉलेज के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को खोला जाए.

Anganwadi workers of Raigarh submitted memorandum to the govt
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Sep 6, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Sep 6, 2020, 1:19 PM IST

रायगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 7 सिंतबर से आंगनबाड़ी केंद्र खोलने हेतु निर्देशित किया गया है. दोपहर का पोषण आहार पूर्णता गरम भोजन के रूप में प्रदान करने और आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का संचालन भी निर्देशित किए गए हैं. इसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है और मांग किया कि कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ते हैं मरीजों की संख्या के आधार पर उक्त कार्य किया जाना जोखिम भरा होगा. इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से आग्रह किया हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों को तब तक न खोला जाए जब तक स्कूल कॉलेज न खुल जाएं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

पढ़ें- बेमेतरा:आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से की 50 लाख का बीमा किए जाने की मांग

आंगनबाड़ी केंद्र के खोले जाने का निर्देश जारी होने बाद से ही पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से इसे बंद करने की मांग की है. रायगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं ने मांग की है कि सरकार अभी कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्रों को न खोले. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समुचित सुरक्षा सुविधा के अभाव के बाद भी विभाग का कार्य घर-घर जाकर कर ही रहे हैं साथ ही साथ कोविड-19 का भी कार्य कर रहे हैं ऐसे में केंद्र खोलकर उक्त कार्य का संपादन कर पाना व्यवहारिक नहीं होगा.

बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग में बैठाना कठिन

Anganwadi workers of Raigarh submitted memorandum to the govt
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

आंगनबाड़ी सहायिकाओं का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिला ही आएंगे जो अति संवेदनशील है, जिन्हें सरकार ने भी घर में रहने की हिदायत दी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका उक्त कार्य करने को मना नहीं कर रही हैं, लेकिन स्वयं के बचाव सुरक्षा के साथ ही समाज के उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं कि गांव-शहर में आंगनबाड़ी छोटे-छोटे कमरे में संचालित है. केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए दिए गए निर्देशों के तहत प्राथमिक प्रारंभिक परीक्षण करना और उनका पालन सोशल डिस्टेंसिंग में करवाना कर्मचारियों के लिए संभव नहीं होगा. इन सब बातों को मांग पत्र में दर्शाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम एवं महिला बाल विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा है.

रायगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 7 सिंतबर से आंगनबाड़ी केंद्र खोलने हेतु निर्देशित किया गया है. दोपहर का पोषण आहार पूर्णता गरम भोजन के रूप में प्रदान करने और आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का संचालन भी निर्देशित किए गए हैं. इसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है और मांग किया कि कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ते हैं मरीजों की संख्या के आधार पर उक्त कार्य किया जाना जोखिम भरा होगा. इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से आग्रह किया हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों को तब तक न खोला जाए जब तक स्कूल कॉलेज न खुल जाएं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

पढ़ें- बेमेतरा:आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से की 50 लाख का बीमा किए जाने की मांग

आंगनबाड़ी केंद्र के खोले जाने का निर्देश जारी होने बाद से ही पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से इसे बंद करने की मांग की है. रायगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं ने मांग की है कि सरकार अभी कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्रों को न खोले. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समुचित सुरक्षा सुविधा के अभाव के बाद भी विभाग का कार्य घर-घर जाकर कर ही रहे हैं साथ ही साथ कोविड-19 का भी कार्य कर रहे हैं ऐसे में केंद्र खोलकर उक्त कार्य का संपादन कर पाना व्यवहारिक नहीं होगा.

बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग में बैठाना कठिन

Anganwadi workers of Raigarh submitted memorandum to the govt
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

आंगनबाड़ी सहायिकाओं का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिला ही आएंगे जो अति संवेदनशील है, जिन्हें सरकार ने भी घर में रहने की हिदायत दी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका उक्त कार्य करने को मना नहीं कर रही हैं, लेकिन स्वयं के बचाव सुरक्षा के साथ ही समाज के उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं कि गांव-शहर में आंगनबाड़ी छोटे-छोटे कमरे में संचालित है. केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए दिए गए निर्देशों के तहत प्राथमिक प्रारंभिक परीक्षण करना और उनका पालन सोशल डिस्टेंसिंग में करवाना कर्मचारियों के लिए संभव नहीं होगा. इन सब बातों को मांग पत्र में दर्शाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम एवं महिला बाल विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा है.

Last Updated : Sep 6, 2020, 1:19 PM IST
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