महासमुंद: जिले में बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों की साग-सब्जी से लेकर तरबूत और खरबूज की फसल बर्बाद (Vegetable and fruit crops ruined in Mahasamund) हो गई है. किसान अब सरकार से मुआवजा देने की अपील कर रहे हैं.
जिले भर में 6400 किसान 1493 हेक्टेयर में साग सब्जी की फसल लेते हैं. बीते दिनों हुई बारिश ने दलहन-तिलहन के साथ सब्जी-भाजी की फसल भी बर्बाद कर दी है. बारिश की वजह से पत्ता गोभी, बैंगन, टमाटर, फूल गोभी, शिमला मिर्च, मेथी, मटर, हरी मिर्च, भिंडी और आलू की 35 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है. फसल बर्बाद होने से किसानों का लाखों का नुकसान हुआ है.
फल और सब्जियां बर्बाद
सब्जी के साथ ही महानदी की रेत पर तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों को भी बेमौसम बारिश की मार झेलनी पड़ी है. जिले में घोड़ारी से लेकर बड़गांव तक किसान महानदी की रेत में करीब 10 हजार हेक्टेयर पर तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा की फसल लेते हैं. इस साल भी किसानों ने नदी की रेत में रसीले फलों के बीज डाला था. दिसंबर और जनवरी में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. पूरा बीज बारिश के साथ बह गया.
weather of chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 22 से 24 जनवरी तक बारिश और ओलावृष्टि की संभावना
कितनी फसल हुई बर्बाद
आंकड़ों के मुताबिक जिले में गेहूं की 66 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. 30 प्रतिशत फसल को क्षति पहुंची है. मक्का 222 हेक्टेयर, चना 12 हेक्टेयर प्रभावित हुआ है, इसके अलावा तिवड़ा 10, मूंग की फसल को 20 प्रतिशत क्षति हुई है. मटर, उड़द और सब्जी भाजी की 50 प्रतिशत फसल खराब हुई है. किसान अब शासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के अधिकारी प्रकरण तैयार कर शासन के पास प्रस्ताव भेजने की बात कह रहे हैं.