महासमुंद : नित्य योग अभ्यास ने महासमुंद जिले के सैकड़ों लोगों को जटिल रोगों से मुक्ति दिला दी है. बीमारियों से छुटकारा पाने वाले लोग अब दूसरों को योग करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं योगाचार्य योग को गंभीर बीमारियों की जड़ी-बूटी बता रहे हैं.
जैसे-जैसे हम विकास करते गए वैसे-वैसे हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों ने प्रवेश करना शुरू कर दिया. हालत ऐसे हैं कि लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं और बीमारी से मुक्ति पाने के लिए डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाने के साथ मोटी रकम भी खर्च करते हैं.
योग से हुए निरोग
ऐसे ही महासमुंद के कुछ लोगों ने महंगी दवाई और लंबे समय से चल रहे इलाज से तंग आकर योग करना शुरू किया, जिनके कुछ महीने बाद ही उन्हें परिणाम भी दिखने लगा है. उन्हीं में से एक है महासमुंद के रहने वाले देवेंद्र चंद्राकर, जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे और एलोपैथिक इलाज करा रहे थे.
ब्लड प्रेशर को योग से किया कंट्रोल
देवेंद्र का कहना है कि उनको रोजाना ब्लड प्रेशर की दवाई लेनी पड़ रही थी. वहीं दवाई से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने योग का सहारा लिया और आज उनका ब्लड प्रेशर नार्मल हो गया है. उनका कहना है कि अब उन्हें दवाई लेने की भी जरुरत नहीं है.
योग से थाइराइड हुआ नार्मल
वहीं महासमुंद के रहने वाली सुधा साहू को थायराइड की बीमारी थी. सुधा का कहना है कि वे एलोपैथिक दवाई खा-खा के थक गई थीं, लेकिन उनकी बीमारी दूर नहीं हो रही थी. इसके बाद उन्होंने योग का सहारा लिया और आज उनका थायराइड नार्मल हो गया है.
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5 साल पुरानी बीमारी से योगा ने दिलाई निजात
इसी तरह नयापारा के रहने वाले कुंवर राम देवांगन को 5 सालों से हाई ब्लड प्रेशर और शुगर है. उन्होंने भी योग करना शुरू किया. कुछ महीने तक योग करने के बाद उनको इसका असर दिखने लगा है. उनका कहना है कि उनको अब शुगर और हाई ब्लड प्रेशर दोनों से निजात मिल गई है.
मांसपेशियों की समस्या हुई दूर
क्लब पारा की रहने वाली कुंती देवांगन ने बताया कि उनके हाथ और पैर में हमेशा दर्द रहता था, जिससे परेशान होकर उन्होंने योग का सहारा लिया और आज वे स्वस्थ हैं. वहीं योग से ठीक होने वाले लोग अब दूसरों को योग के महत्व को बता रहे हैं और लोगों को योगा अपनाने की सलाह भी दे रहे हैं.
हर दिन करना चाहिए 1 घंटे योग
लोगों को योग सिखाने वाले योगाचार्य का मानना है कि अगर हर वर्ग के लोग रोजाना 1 घंटे योग करें तो कोई भी बीमारी उनको नहीं होगी. बता दें कि हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल सामूहिक तौर पर योग दिवस नहीं मनाया जाएगा. बल्कि लोगों से अपील की गई है कि योग दिवस के दिन सभी अपने-अपने घरों में योग जरूर करें.
योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई है. 27 सितंबर 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकसाथ योग करने की बात कही थी. इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?
क्या आप जानते है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे भी एक बहुत खास वजह छिपी हुई है. जानकारी के मुताबिक 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है.
भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. इसी वजह से 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाते हैं.