कोरबा : वर्ल्ड फॉरेस्ट डे (world forestry day) के अवसर पर वन विभाग ने जिला मुख्यालय से दूर पर्यटन स्थल कॉफी प्वाइंट में कार्यक्रम रखा. छत्तीसगढ़ शासन की एक विशेष योजना के तहत बच्चों को वन मितान बनाया (Children made forest Mitaan) गया. इसका मकसद बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति रुचि जगाना है. कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को वन विभाग की नर्सरी ले जाकर पौधों को तैयार करने और उसे बड़ा करने तक की प्रक्रिया को समझाया गया. पौधों का किस तरह से देखभाल करना होता है. यह जानकारी बच्चों को देकर उन्हें वन मितान नियुक्त किया गया. विश्व वानिकी दिवस पर वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को वनों का महत्व बताया जाता है. छत्तीसगढ़ शासन और वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में वन मितान का शुभारंभ किया गया. वन मित्र दिनेश कुमार और जितेंद्र सारथी के माध्यम से कोरबा में पूर्व माध्यमिक शाला अंधरीकछार और बेलगरी स्कूल से शामिल हुए छात्रों को वन और पर्यावरण के बारे में जागरूक किया गया. छात्रों को बालको नर्सरी में पौधे तैयारी के बारे में बताया गया. बच्चों ने खुद दोना में पौधे तैयार किये. नर्सरी में लगे पौधे के नाम और उपयोगिता से बच्चों को रूबरू कराया गया.
बच्चों को पर्यावरण के बारे में दी गई जानकारी
बच्चों को वन के बारे में जानकारी दी गई. जिससे वे काफी खुश और रोमांचित हुए. जंगल की सैर में बच्चों को पौधे, पेड़ और फूल के बारे में बारिकी से समझाया गया. बालको के टाइगर पॉइंट, कॉफी पॉइंट का भी बच्चों को भ्रमण कराया गया. बिखरे डिस्पोजल और प्लास्टिक उत्पादों के माध्यम से फैल रही गंदगी को दिखाते हुए पर्यटन स्थलों को स्वच्छ रखने के विषय में भी जानकारी दी गई. वन विभाग के सहयोगी और अधिकारियों ने बच्चों को बताया कि मानव, वन ,पर्यावरण, पृथ्वी सभी आपस में जुड़े हैं. इनमें मानव ही ऐसा तत्व है जो सभी को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखता है. विश्वभर में प्रत्येक वर्ष 130 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र में कमी आ रही है. जिससे उनमें रहने वाले वन्य प्राणी भी प्रभावित हुए हैं. वनों की कार्बन सोखने की क्षमता में 12 से 18 प्रतिशत की कमी आयी है.
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बच्चों को बताई गई जिम्मेदारी
विश्व वानिकी दिवस के माध्यम से बच्चों को उनकी सहभागिता (Children were made aware about forests in Korba) और भविष्य की जिम्मेदारी समझाई गई. यही बच्चे आगे चलकर कोई पर्यावरण के क्षेत्र में, कोई वन्यप्राणी के क्षेत्र में, कोई वनस्पति के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएंगे. इनके प्रयासों से ही पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए कार्य होंगे.