कोरबा : प्रदेश के साथ ही कोरबा जिले में भी ठंड का सितम जारी है. जिले का न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड हो रहा है. ऐसे में रेलवे स्टेशन और सर्वमंगला मंदिर के आसपास झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इस ठंड में बगैर किसी सुविधा के उनका रहना मुश्किल हो गया है. न प्रशासन और न सामाजिक संस्थाओं ने ही इन लोगों तक कंबल पहुंचाया है.
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शहर में ऐसे कई जरूरतमंद मौजूद हैं, जिन्हें ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों की आवश्यकता पड़ती है. प्रशासन ने कंबल वितरण के लिए योजना तो बनाई है, लेकिन उसका फायदा इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन परिस्थितियों में ETV भारत की टीम ने शहर के ऐसे लोगों का हाल जाना, जो फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं.
संस्थाओं का दायरा सीमित
शहर में कुछ युवा और समाजसेवी संस्थाएं नियमित रूप से ऐसे लोगों को ठंड में कंबल वितरण करते हैं, लेकिन उनके यह प्रयास इतने कारगर नहीं हैं कि प्रत्येक जरूरतमंद तक ठंड से बचने के शत-प्रतिशत इंतजाम किए जा सकें. समाजसेवी संस्थाओं का दायरा सीमित है, इस वजह से भी जरूरतमंदों को ठंड में कंबल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.
नहीं बांटे गए कंबल
पिछले साल खनिज न्यास मद से लाखों रुपए के कंबल गरीबों को वितरित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लेटलतीफी के कारण ठंड का मौसम बीत जाने के बाद भी कंबल नगर निगम के दफ्तर में धरे के धरे रह गए थे. स्थिति यह बनी कि ठंड बीत जाने के बाद जनसमस्या निवारण शिविरों में कंबल का वितरण किया गया था. कंबल वितरण नहीं हो पाने और नगर निगम के दफ्तर में कंबल डंप किए जाने की खबर को तब भी ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद कुछ गरीबों को कंबल वितरण हुआ था.