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REALITY CHECK: कोरबा में कंपकंपाती ठंड में रात बिताने को मजबूर लोग

कोरबा में ठंड का सितम जारी है. इस बीच ETV भारत की टीम शहर में प्रशासन की ओर से ठंड के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंची. टीम ने पाया कि शहर के फुटपाथ या सड़क किनारे सोने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं. इस कंपकंपाती ठंड में लोग बगैर किसी साधन के रात गुजारने को मजबूर हैं.

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ठंड में प्रशासन की व्यवस्था
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Published : Dec 26, 2020, 8:16 AM IST

Updated : Dec 26, 2020, 12:59 PM IST

कोरबा : प्रदेश के साथ ही कोरबा जिले में भी ठंड का सितम जारी है. जिले का न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड हो रहा है. ऐसे में रेलवे स्टेशन और सर्वमंगला मंदिर के आसपास झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इस ठंड में बगैर किसी सुविधा के उनका रहना मुश्किल हो गया है. न प्रशासन और न सामाजिक संस्थाओं ने ही इन लोगों तक कंबल पहुंचाया है.

पढ़ें- Reality Check: खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वालों पर सर्दी का सितम, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

शहर में ऐसे कई जरूरतमंद मौजूद हैं, जिन्हें ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों की आवश्यकता पड़ती है. प्रशासन ने कंबल वितरण के लिए योजना तो बनाई है, लेकिन उसका फायदा इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन परिस्थितियों में ETV भारत की टीम ने शहर के ऐसे लोगों का हाल जाना, जो फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं.

प्रशासन ने नहीं किए ठंड से बचने के इंतजाम

संस्थाओं का दायरा सीमित

शहर में कुछ युवा और समाजसेवी संस्थाएं नियमित रूप से ऐसे लोगों को ठंड में कंबल वितरण करते हैं, लेकिन उनके यह प्रयास इतने कारगर नहीं हैं कि प्रत्येक जरूरतमंद तक ठंड से बचने के शत-प्रतिशत इंतजाम किए जा सकें. समाजसेवी संस्थाओं का दायरा सीमित है, इस वजह से भी जरूरतमंदों को ठंड में कंबल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.

नहीं बांटे गए कंबल

पिछले साल खनिज न्यास मद से लाखों रुपए के कंबल गरीबों को वितरित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लेटलतीफी के कारण ठंड का मौसम बीत जाने के बाद भी कंबल नगर निगम के दफ्तर में धरे के धरे रह गए थे. स्थिति यह बनी कि ठंड बीत जाने के बाद जनसमस्या निवारण शिविरों में कंबल का वितरण किया गया था. कंबल वितरण नहीं हो पाने और नगर निगम के दफ्तर में कंबल डंप किए जाने की खबर को तब भी ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद कुछ गरीबों को कंबल वितरण हुआ था.

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प्रशासन ने नहीं किए इंतजाम
अन्य बड़े शहरों की तुलना में कोरबा में ऐसे जरूरतमंदों की संख्या काफी कम है, फिर भी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सर्वमंगला मंदिर जैसे कई ऐसे स्थान हैं, जहां जरूरतमंदों को कंबल और ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की जरूरत है. कई ग्रामीण क्षेत्र भी ऐसे हैं, जहां गरीबों के पास ठंड से बचने के समुचित इंतजाम नहीं हैं और इन तक प्रशासन अब भी नहीं पहुंच पाया है.
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प्रशासन ने नहीं किए इंतजाम

कोरबा : प्रदेश के साथ ही कोरबा जिले में भी ठंड का सितम जारी है. जिले का न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड हो रहा है. ऐसे में रेलवे स्टेशन और सर्वमंगला मंदिर के आसपास झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इस ठंड में बगैर किसी सुविधा के उनका रहना मुश्किल हो गया है. न प्रशासन और न सामाजिक संस्थाओं ने ही इन लोगों तक कंबल पहुंचाया है.

पढ़ें- Reality Check: खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वालों पर सर्दी का सितम, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

शहर में ऐसे कई जरूरतमंद मौजूद हैं, जिन्हें ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों की आवश्यकता पड़ती है. प्रशासन ने कंबल वितरण के लिए योजना तो बनाई है, लेकिन उसका फायदा इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन परिस्थितियों में ETV भारत की टीम ने शहर के ऐसे लोगों का हाल जाना, जो फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं.

प्रशासन ने नहीं किए ठंड से बचने के इंतजाम

संस्थाओं का दायरा सीमित

शहर में कुछ युवा और समाजसेवी संस्थाएं नियमित रूप से ऐसे लोगों को ठंड में कंबल वितरण करते हैं, लेकिन उनके यह प्रयास इतने कारगर नहीं हैं कि प्रत्येक जरूरतमंद तक ठंड से बचने के शत-प्रतिशत इंतजाम किए जा सकें. समाजसेवी संस्थाओं का दायरा सीमित है, इस वजह से भी जरूरतमंदों को ठंड में कंबल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.

नहीं बांटे गए कंबल

पिछले साल खनिज न्यास मद से लाखों रुपए के कंबल गरीबों को वितरित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और लेटलतीफी के कारण ठंड का मौसम बीत जाने के बाद भी कंबल नगर निगम के दफ्तर में धरे के धरे रह गए थे. स्थिति यह बनी कि ठंड बीत जाने के बाद जनसमस्या निवारण शिविरों में कंबल का वितरण किया गया था. कंबल वितरण नहीं हो पाने और नगर निगम के दफ्तर में कंबल डंप किए जाने की खबर को तब भी ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद कुछ गरीबों को कंबल वितरण हुआ था.

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प्रशासन ने नहीं किए इंतजाम
अन्य बड़े शहरों की तुलना में कोरबा में ऐसे जरूरतमंदों की संख्या काफी कम है, फिर भी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सर्वमंगला मंदिर जैसे कई ऐसे स्थान हैं, जहां जरूरतमंदों को कंबल और ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की जरूरत है. कई ग्रामीण क्षेत्र भी ऐसे हैं, जहां गरीबों के पास ठंड से बचने के समुचित इंतजाम नहीं हैं और इन तक प्रशासन अब भी नहीं पहुंच पाया है.
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प्रशासन ने नहीं किए इंतजाम
Last Updated : Dec 26, 2020, 12:59 PM IST
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