कोरबाः सुर्खियों में बना रहने वाला कटघोरा वन मण्डल के अंतर्गत फिर एक नया मामला सामने आया है. कटघोरा वन मण्डल अंतर्गत पसान वन परिक्षेत्र (Pasan Forest Range) में हाथियों के लगातार सक्रिय हो जाने की वजह से उनके द्वारा ग्रामीणों के घर तथा फसलों (house and crops) को भारी मात्रा में नुकसान (huge amount of damage) पहुंचाया जा रहा है.
वन मण्डल (forest division) द्वारा प्रभावित ग्रामीणों का मुआवजा (compensation of villagers) प्रकरण तैयार कर के दिया जाता है. यह प्रस्ताव संबंधित वन परिक्षेत्र अधिकारी (forest range officer) के सामने प्रस्तुत करने के पश्चात मुआवजा ग्रामीणों को मिल पाता है. इधर, पसान वन परिक्षेत्र में हाथियों के हुए नुकसान का मुआवजा प्रस्ताव विलंब से प्रस्तुत करने पर बिना जांच के ही कटघोरा DFO द्वारा तीन वन कर्मियों को निलंबित (Suspended) कर दिया गया.
इससे नाराज वन कर्मियों ने जिला वन कर्मचारी संघ (District Forest Employees Union) के बैनर तले DFO के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वह बड़ी संख्या में वन मण्डल कार्यालय (Circle Office) पहुंचे और DFO के नाम ज्ञापन सौंपा. जानकारी देते हुए वन कर्मियों ने बताया कि कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान वन परिक्षेत्र में हाथियों ने काफी समय से अपना डेरा जमा रखा है.
वन मण्डलाधिकारी एवं उच्च अधिकारियों के निर्देश का पालन करते हुए वन कर्मचारी सीमित संसाधन एवं विपरीत परिस्थितियों में वन्य प्राणी एवं हाथियों की ट्रेकिंग का काम कर रहे हैं. वनों की सुरक्षा व हाथी-मानव द्वंद को रोकने का कार्य पूरी ईमानदारी से करते आ रहे हैं.
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निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग
वन परिक्षेत्र पसान अंतर्गत हाथियों द्वारा फसल, मकान हानि का मुआवजा प्रकरण विलंब से प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए वन कर्मचारी कौशल प्रसाद द्विवेदी, सुरेश यादव, लालजी यादव को निलंबित कर दिया गया. वनपाल शिवशंकर तिवारी को निलंबित करने के लिए प्रस्ताव वरिष्ट कार्यालय भेजा गया है. वन कर्मचारियों के साथ हुए इस निलंबन की कार्रवाई से समस्त वन कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश है. बताया कि उन्होंने DFO से मांग की है कि समस्त कर्मचारियों की मनोदशा को ध्यान में रखते हुए निलंबित कर्मचारियों को जल्द से जल्द बहाल करें.