कोरबा: पत्थर खदान को राख से भरने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंपी गई थी. लेकिन काम के दौरान इस कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. खदान भरने के लिए लाई गई राख बहकर किसानों के खेतों में पहुंच रही है. इसकी वजह से किसानों की फसल बर्बाद होने लगी है. इस राख की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसकी वजह से एक किसान का कुआं पूरी तरह से पट चुका है.
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ग्राम पंचायत तरदा में बालको प्लांट ने निजी कंपनी ब्लैकस्मिथ कॉरपोरेशन माइनिंग अलाइव प्राइवेट लिमिटेड को पत्थर खदान में राख भरने का ठेका दिया था. कंपनी की लापरवाही की वजह से राख किसानों के खेतों में जाने लगी है. इस वजह से किसानों की वर्षो की मेहनत से खड़ी की गई फसल बर्बाद होने लगी है. किसानों ने इसकी शिकायत कंपनी से की थी, इसके बाद भी कंपनी ने काम बंद नहीं किया. किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है.
किसान का कुआं भी हुआ बर्बाद
गांव तरदा के किसान देवी राम कश्यप ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में धान और मसूर की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. साथ ही राख डंप करने वाली कंपनी ने उनके में भी राख भर दी है. कुएं में पूरी तरह से राख भर गई है. इस वजह से अब पीने के पानी के लिए दिक्कत हो रही है.
किसान लगातार कर रहे विरोध
ग्राम पंचायत तरदा के सरपंच पति निर्मल का कहना है कि पत्थर की खदान में राख भरने के काम के विषय में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. ग्राम पंचायत को इस विषय में किसी भी तरह के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. इस बात का उन्होंने विरोध किया है और कंपनी को ये बात भी बताई गई है कि किसान खेत राख की वजह से बर्बद हो रहे हैं. कंपनी से चर्चा करने के बाद भी काम बंद नहीं हुआ है.
कंपनी प्रबंधन ने कही नुकसान का आंकलन करने की बात
गांव के लगभग 8 से 10 किसान ऐसे हैं, जिनके खेत तक राख पहुंच चुकी है. कंपनी से जब इस विषय में चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि काम शुरू करते समय जिन 3 किसानों के खेत में राख गई थी, उन्हें मुआवजा दिया गया है. इसके दस्तावेज भी उनके पास मौजूद हैं. कंपनी प्रबंधन ने बरसात के मौसम में राख बहकर किसानों के खेतों में जाने की बात स्वीकार की है. कंपनी ने कहा कि बरसात की वजह से राख किसानों के खेतों में पहुंच रही है जानबूझकर किसान के खेतों में राख नहीं डाली जा रही है.