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कोरबा: कोरोना काल में नवरात्रि को लेकर कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश - Korba Collector Kiran Kaushal latest statement

कोरोना काल में नवरात्रि को लेकर कोरबा कलेक्टर किरण कौशल ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जारी किए गए निर्देश में मूर्तियों के आकार से लेकर पंडाल की व्यवस्था तक के मापदंड तय किए गए हैं. जारी नियमों के तहत ही मूर्ति स्थापना की अनुमति मिलेगी. वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Collector issued guidelines regarding Navratri
नवरात्रि को लेकर कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश
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Published : Sep 26, 2020, 8:19 PM IST

कोरबा: जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए नवरात्र पर्व मनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए कलेक्टर किरण कौशल ने दुर्गा पूजा के संबध में शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें आकार से लेकर मूर्ति स्थापना और विसर्जन के साथ पंडाल की जगह, श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था और अन्य संबंधित विषयों को शामिल किया गया है. कलेक्टर ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना काल में त्योहारों को मनाने के तरीकों के साथ ही अब अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा. उन्होंने कहा कि मूर्ति स्थापना समिति को प्रशासन की ओर से जारी विशेष दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा, जिससे नवरात्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके.

Collector issued guidelines regarding Navratri
नवरात्रि को लेकर कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश

कोरबा कलेक्टर ने जारी किए निर्देश-

  • मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 6×5 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने कम से कम 3 हजार वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल और उसके सामने 3 हजार वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए.
  • एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होना चाहिए.
  • मंडप और पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं होना चाहिए.
  • दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाएंगी.
  • किसी भी एक समय में मंडप और सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नहीं होना चाहिए.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति और समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी, जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, ताकि किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को 4 सीसीटीवी कैमरा लगाना पड़ेगा, ताकि उनमें से किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाले लोगों को बिना मास्क के अनुमति नहीं दिया जाएगा. ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित और समिति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को सैनिटाइजर,थर्मल स्क्रिनिंग,ऑक्सीमीटर, हेंडवॉश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी. थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने या कोरोना से संबंधित किसी भी व्यक्ति में सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
  • व्यक्तियों और भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग,आगमन और प्रस्थान की अलग से व्यवस्था समिति की ओर से बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा.
  • अगर कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है,तो उसके इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति या समिति को देना पड़ेगा.
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी.
  • पूजा की अवधि के दौरान अगर कोई भी क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित होता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी.
  • मूर्ति स्थापना के दौरान और विसर्जन के समय किसी भी तरह के भोज,भंडारा, जगराता और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान और विसर्जन के समय किसी भी तरह के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र या डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान प्रसाद,चरणामृत या कोई भी खाद्य और पेय पदार्थ वितरण करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा वाहनों की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप और टाटाएस से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा.
  • मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी तरह के अतिरिक्त साज-सज्जा और झांकी की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से ज्यादा व्यक्ति नहीं जा सकेंगे. वहीं जाने वाले लोग मूर्ति वाले वाहन में ही बैठेंगे. इसके लिए अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन को पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के लिए नगरपालिका परिषद,नगर पंचायत और संबंधित तहसील कार्यालय की ओर से निर्धारित रूट , तिथि और समय का पालन करना होगा. शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत,भंडारा और प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
  • शाम के बाद और सुबह के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.

इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति
नवरात्र पर्व से संबंधित जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी. वहीं अगर घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 7 दिन पहले शहरी क्षेत्रों के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तहसीलदार कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र के साथ आवेदन देना होगा. जिससे अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी.

इन नियमों का करना होगा पालन

वहीं पंडालों के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत जो आवेदन पहले मिलेगा उसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. इन सभी शर्तों के अलावा भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा. यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा. साथ ही निर्देश का उल्लंघन करने वालों लोगों पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट, विधि अनुकुल नियमानुसार और अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

कोरबा: जिला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए नवरात्र पर्व मनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए कलेक्टर किरण कौशल ने दुर्गा पूजा के संबध में शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें आकार से लेकर मूर्ति स्थापना और विसर्जन के साथ पंडाल की जगह, श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था और अन्य संबंधित विषयों को शामिल किया गया है. कलेक्टर ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना काल में त्योहारों को मनाने के तरीकों के साथ ही अब अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा. उन्होंने कहा कि मूर्ति स्थापना समिति को प्रशासन की ओर से जारी विशेष दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा, जिससे नवरात्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके.

Collector issued guidelines regarding Navratri
नवरात्रि को लेकर कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश

कोरबा कलेक्टर ने जारी किए निर्देश-

  • मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 6×5 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
  • पंडाल के सामने कम से कम 3 हजार वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल और उसके सामने 3 हजार वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए.
  • एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होना चाहिए.
  • मंडप और पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं होना चाहिए.
  • दर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाएंगी.
  • किसी भी एक समय में मंडप और सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नहीं होना चाहिए.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति और समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी, जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, ताकि किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को 4 सीसीटीवी कैमरा लगाना पड़ेगा, ताकि उनमें से किसी भी व्यक्ति को कोरोना होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके.
  • मूर्ति दर्शन और पूजा में शामिल होने वाले लोगों को बिना मास्क के अनुमति नहीं दिया जाएगा. ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित और समिति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
  • मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति को सैनिटाइजर,थर्मल स्क्रिनिंग,ऑक्सीमीटर, हेंडवॉश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी. थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने या कोरोना से संबंधित किसी भी व्यक्ति में सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी.
  • व्यक्तियों और भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग,आगमन और प्रस्थान की अलग से व्यवस्था समिति की ओर से बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा.
  • अगर कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है,तो उसके इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति या समिति को देना पड़ेगा.
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी.
  • पूजा की अवधि के दौरान अगर कोई भी क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित होता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी.
  • मूर्ति स्थापना के दौरान और विसर्जन के समय किसी भी तरह के भोज,भंडारा, जगराता और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान और विसर्जन के समय किसी भी तरह के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र या डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान प्रसाद,चरणामृत या कोई भी खाद्य और पेय पदार्थ वितरण करने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा वाहनों की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप और टाटाएस से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा.
  • मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी तरह के अतिरिक्त साज-सज्जा और झांकी की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से ज्यादा व्यक्ति नहीं जा सकेंगे. वहीं जाने वाले लोग मूर्ति वाले वाहन में ही बैठेंगे. इसके लिए अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहन को पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के लिए नगरपालिका परिषद,नगर पंचायत और संबंधित तहसील कार्यालय की ओर से निर्धारित रूट , तिथि और समय का पालन करना होगा. शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत,भंडारा और प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी.
  • शाम के बाद और सुबह के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.

इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति
नवरात्र पर्व से संबंधित जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी. वहीं अगर घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है, तो कम से कम 7 दिन पहले शहरी क्षेत्रों के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तहसीलदार कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र के साथ आवेदन देना होगा. जिससे अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी.

इन नियमों का करना होगा पालन

वहीं पंडालों के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत जो आवेदन पहले मिलेगा उसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी. इन सभी शर्तों के अलावा भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा. यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा. साथ ही निर्देश का उल्लंघन करने वालों लोगों पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट, विधि अनुकुल नियमानुसार और अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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