कोरबा : नगर निगम में अब तक गीला और सूखा कचरा कलेक्ट किया जाता रहा है. गार्बेज का वैल्यूएशन करने के लिए अब कचरे को 17 श्रेणियों में सेग्रिगेट किया जा रहा है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियों से कहा गया है कि डायपर और सेनेटरी पैड के साथ ही कांच और सुई जैसे खतरनाक अपशिष्ट को अलग से कलेक्ट करें. इसके लिए शुरुआत में कुछ चुनिंदा वार्डों में लाल और काले रंग का डब्बा भी दिया गया (Separate connection of sanitary pads and diapers in Korba) है. इससे स्वच्छता टीम के साथ ही आम लोगों को भी परेशानी से निजात मिलेगी.
कचरे के साथ खतरनाक तत्व: महिलाओं के माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाला सेनेटरी पैड हो या फिर बच्चों के डायपर. इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती थी. कचरे को शत प्रतिशत उपयोगी बनाने के निर्देश (Initiative of Korba Municipal Corporation ) हैं. लेकिन इन दो कैटेगरी का निपटान नहीं हो पाता था. कई बार तो स्वच्छता मित्र इसे सड़क पर फेंक देते थे. लेकिन अब इसे अलग से कलेक्ट किया जाएगा. इन्हें नियमानुसार डिस्पोज करने के भी निर्देश दिए गए हैं. जिससे स्वच्छता के काम में लगे कर्मचारियों के साथ ही आम लोग भी राहत की सांस मिलेगी. निगम ने इन 2 प्रकार के गार्बेज को अलग रखकर कलेक्ट करने के निर्देश दिए हैं. आम लोगों से भी अपील की जा रही है कि वह सेनेटरी वेस्ट और खतरनाक अपशिष्ट को गीले और सूखे कचरे में ना मिलाएं.
क्या होती है परेशानी : गीला और सूखा कचरे की 2 श्रेणियां होने के कारण कई बार लोग सेनेटरी और कांच जैसे बेस्ट को आपस में मिक्स कर देते हैं. घर से निकले गीले कचरे को वर्मी कंपोस्ट के जरिए खाद में परिवर्तित किया जाता है. कई बार इसमें खतरनाक अपशिष्ट या कांच के टुकड़े मिले होने पर खाद बनाने में दिक्कत आती है. इसे अलग से कलेक्ट किए जाने पर खाद बनाने की प्रक्रिया में भी आसानी होगी. इससे निगम का काम आसान होगा.
चोट लगने की समस्या : निगम की स्वच्छ्ता टीम में शामिल सुपरवाइजर सावित्री कहती हैं कि "कई बार लोग कांच के टुकड़ों को भी कचरा के साथ मिला कर दे देते हैं. इससे कचरा सेग्रिगेट करने के दौरान कई बार हाथ कट जाते हैं. दस्ताने भी अधिक कटते फटते हैं. अब कांच के टुकड़ों के लिए भी अलग श्रेणी है. लोगों से हम इसे अलग रखने को कहेंगे.काला और लाल डब्बा भी मिल गया है, जिससे हमें भी काम करने में आसानी होगी और लोगों में भी कांच और सेनेटरी पैड अलग रखने की आदत बनेगी".
गार्बेज का होगा वैल्यू एडिशन : नगर पालिक निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडे कहते हैं कि "जितना अधिक गार्बेज को सेग्रीगेट करेंगे.इसका उतना अधिक वैल्यू एडिशन होता है। इसी सोच के साथ हमने ज्यादा से ज्यादा कैटेगरी बनाकर इस सेग्रिगेट करने की योजना बनाई है. पहले गीला और सूखा सहित सिर्फ 4 प्रकार के कैटेगरी में गार्बेज को सेग्रिगेट किया जाता था. अब 17 प्रकार की केटेगरी में किया जा रहा है. स्वच्छता दीदियों और सुपरवाइजर को निर्देशित किया गया है कि सेनेटरी और डायपर वेस्ट को अलग से कलेक्ट करें। घरेलू खतरनाक अपशिष्ट जिसमें कांच सुई आदि शामिल होते हैं. इसे भी अलग रखने के निर्देश हैं"
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क्या होगा फायदा : कचरे को अलग तरह से सेग्रिगेट करने से 2 तरह के फायदे हैं. प्रोसेसिंग करने लायक गार्बेज को तत्काल प्रोसेस के लिए भेज दिया जाता है. जबकि जो कचरा सीधे मार्केट में विक्रय करने योग्य होता है. उसे मार्केट में विक्रय किया जा रहा है. इससे कचरे की प्रोसेसिंग बढ़ेगी और बिक्री करने लायक अपशिष्ट को बेचकर महिला समूहों के आय में भी इजाफा होगा.